भाजपा ने चुनाव से पहले कांग्रेस को दिया तगड़ा झटका-
पूर्व कांग्रेस सांसद ज्योति मिर्धा के भाजपा का दामन थामने से राजनीतिक समीकरण बदले,
मिधा्र बोली कांग्रेस में लोगों का दम घुटने लगा है, अब बेनिवाल के लिए मुश्किलें बढी
दिल्ली/जयपुर। नागौर जिले और राजस्थान प्रदेश कांग्रेस की प्रभावी नेता पूर्व सांसद ज्योति मिर्धा ने भाजपा के दिल्ली स्थित मुख्यालय में विधिवत ससम्मान भाजपा की सदस्यता ग्रहण करके वे भाजपा के शामिल हो गई। ज्योति मिर्धा के भाजपा में आने से प्रदेश में राजनीतिक समीकरणों मे खासे बदलाव आने के संकेत मिल रहे हैं। प्रदेश में नागौर और मारवाड़ क्षेत्र में ताकतवर राजनीतिक परिवार से ताल्लुक रखने वाली ज्योति मिर्धा कांग्रेस के दिग्गज नेता रहे नाथूराम मिर्धा की पोती हैं। बीजेपी जॉइन करके बाद डॉ. ज्योति मिर्धा ने कांग्रेस में कार्यकर्ताओं की अनदेखी के आरोप लगाए और पार्टी के गलत दिशा में जाने का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि राष्ट्र निर्माण में भूमिका निभाने के लिए कांग्रेस पार्टी में कोई अवसर दिखाई नहीं पड़ते। मिर्धा ने राजस्थान में महिला अत्याचार और कानून व्यवस्था की स्थिति को बदतर बताया और कहा कि कार्यकर्ताओं की अनदेखी के कारण कांग्रेस में लोग घुटन महसूस कर रहे हैं। उनके साथ ही सवाई सिंह चैधरी ने भी बीजेपी जॉइन की है। सवाई सिंह खींवसर से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ चुके हैं। वे रिटायर्ड आईपीएस हैं।
मिर्धा के परिवार में आ रहा है खासा बदलाव
ज्योति मिर्धा ने कहा कि मैंने जब कांग्रेस से अपना राजनीतिक जीवन शुरू किया था, तो 2009-14 तक सांसद बनने का मौका मिला था, लेकिन उसके बाद से अंतर्राष्ट्रीय लेवल से लेकर देश और मेरे निर्वाचन क्षेत्र तक परिस्थितियां काफी बदल गई हैं। हमारे प्रधानमंत्री ने जो कुशल नेतृत्व दिया, उससे भाजपा को एक निर्णायक नेतृत्व मिला है। इसके विपरीत जो कांग्रेस में पिछले कुछ समय में हमने अपनी बात रखी, कभी सुनी गई, कभी नहीं। वे विपरीत दिशा में चल रहे हैं। ज्योति मिर्धा हरियाणा के पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह हुड्डा के परिवार से रिश्ता रखती है। ज्योति मिर्धा की बहन श्वेता मिर्धा भूपेंद्र हुड्डा के बेटे और राज्यसभा सांसद दीपेंद्र सिंह हुड्डा की पत्नी हैं। अब मिर्धा परिवार के अन्य नेताओं के भी बीजेपी जॉइन करने की चर्चाएं जोर पकड़ने लगी हैं। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रिछपाल मिर्धा और उनके उनके बेटे डेगाना विधायक विजयपाल मिर्धा के भी बीजेपी में जाने की अटकलें लगाई जा रही हैं। रिछपाल मिर्धा ज्योति मिर्धा के चाचा हैं।
बेनिवाल की बढी मुश्किलें
ज्योति मिर्धा के भाजपा का दामन थाम लेने पर अब नागौर संसदीय सीट पर उनकी दावेदारी तय हो चुकी है। वे नागौर सीट पर मजबूत दावेदार कही जा सकती है और भाजपा उन्हें लोकसभा चुनाव में मैदान में उतार सकती है। पिछले लोकसभा चुनाव में ज्योति मिर्धा कांग्रेस से लोकसभा उम्मीदवार थी और वे एनडीए के उम्मीदवार हनुमान बेनीवाल से हार गई थी। हनुमान बेनीवाल ने उस समय बीजेपी के साथ गठबंधन करके लोकसभा चुनाव लड़ कर जीत हासिल की थी, लेकिन इसाके बाद अब उनका बीजेपी से गठबंधन टूट चुका। अब हनुमान बेनीवाल के लिए यह सीट मुश्किल हो गई है। व ेअब स्वयं घिरा हुआ महसूस करेंगे और नागौर से बाहर नहीं निकल पाएंगे। ज्योति मिर्धा के बीजेपी में शामिल होने से अब कांग्रेस और बीजेपी के सियासी समीकरण बदल गए हैं। कांग्रेस को अब लोकसभा चुनाव के लिए नया चेहरा तलाश करना पड़ेगा। बीजेपी ने ज्योति मिर्धा को पार्टी में लेकर नागौर के सियासी समीकरण साधने का प्रयास किया है। मिर्धा परिवार का अब भी नागौर की सियासत पर प्रभाव है। पहले नाथूराम मिर्धा के बेटे भानुप्रकाश मिर्धा भी बीजेपी की टिकट पर नागौर से सांसद रह चुके हैं। भानुप्रकाश मिर्धा ने नाथूराम मिर्धा के देहांत के बाद हुए उपचुनाव में दिग्गज नेता रामनिवास मिर्धा को हराया था, लेकिन बाद में वे सियासत से दूर हो गए। ज्योति मिर्धा 2009 में नागौर सीट से सांसद रहीं, लेकिन 2014 और 2019 में लोकसभा चुनाव हार गईं थीं।