राजस्थान के चुनाव ने खड़ा किया विश्व के सट्टा-बाजार में तूफान, एक्जिक्ट पोल्स से भी हुए वारे-न्यारे,
खेला गया अरबों रूपयों का सट्टा, तूफानी दौलत बटोरी, ठगी और अंधी कमाई का जबरदस्त खेल चला
यकीन नहीं होता कि राजस्थान का चुनाव विश्व के सट्टा-बाजार में तूफान खड़ा कर देगा। लेकिन यह हो गया, महज राजस्थान चुनाव विश्व के सट्टा-बाजार में साढ़े चार अरब रुपए से ज्यादा की कमाई कर गया है और उसमें सबसे ऊंचा भाव अशोक गहलोत का है। वजह यह है कि राजस्थान में कांग्रेस सरकार है। इसके बावजूद कभी भाजपा और कभी कांग्रेस की बारी-बारी से जीत बता कर करोड़ों ही नहीं बल्कि अरबों के वारे-न्यारे इस सटोरियों ने कर डाले। लोग बेवकूफ बनते गए और ये अपना घर भरते गए।
फलौदी सट्टा बाजार के अनिश्चित निर्णय
पहले फलौदी सट्टा बाजार में भाजपा की बढ़त बताई जा रही थी, लेकिन अब उसने भी भाजपा की सीटें लुढ़कने का संकेत दे दिया। इससे कई के वारे-न्यारे हो गए हैं, तो कई के अभी से तोते सूख गए हैं। सैकड़ों ने इस जीत-हार पर भेंटी लगाई थी, वे धराशायी हो गए। यद्यपि दोनों पार्टियों ने कहा कि हम जीते, तो हारा कौन? यह एक प्रश्न है, जो सभी के जेहन में था, लेकिन किसी के पास इसका कोई जवाब नहीं था। दरअसल यह लोगों को बेवकूफ बनाने का एक धंधा था, जो सट्टा बाजार ने जम कर खेला, उनमें कुछ भूमिका एक्जिक्ट पोल की भी है। इन सब बातों से इन सब को कमाना था और कमा लिया, वह भी हजारों में नहीं लाखों-करोड़ों में। न केवल एक्जिक्ट पोल बल्कि सट्टा बाजार ने तो तूफानी दौलत बटोरी। इन दोनों की चाल में पब्लिक और नेता जम कर बेवकूफ बन गए।
अंकड़े बदलते गए और लोग उनमें फंसते गए
पिछ्ले चार-पांच दिनों से देश भर के लगभग 15-20 एक्जिक्ट पोल यही कह रहे थे कि ये पार्टी जीत रही है-वो पार्टी जीत रही है। और हर दिन उनके आंकड़े बदलते जा रहे थे। और उन्ही आंकड़ों में लोग फंसते जा रहे थे। यहां तीर में तुक्का का गणित भी चली जा रही थी। यह एक जाल है। किसी का कहा, दस में से छः इत्तेफाकन सही हो गया तो वह एक आधार बन गया और ये लोग उसी आधार को बढ़ा-चढ़ा कर बता कर कैश करते चले गए। और, आम लोग इनके अंधभक्त हो दांव पर दांव लगा कर ठगे जाते रहे। ठीक वैसे ही जैसे एक ज्योतिषी करता है। एक ज्योतिष जो कुछ कहता है उसमें से कुछ बातें भी सही साबित हो गई, तो वह उसके धंधे का आधार बना कर अपनी दुकान चला बैठता है। चूंकि वह यह बखूबी जानता है कि लोग पूर्णतः बेवकूफ होते हैं। बस उन्हें और मूर्ख बना कर आपको अपना धंधा जमाना आना चाहिए।
उलट डाली बड़े-बड़े नेताओं की जेबें भी
एक्जेक्ट पोल और सट्टा, यह चुनावों के दौरान अंधी कमाई का एक शानदार दांव है, जिसमें सभी फंसते हैं। आम इंसान भी और नेता लोग भी। किसी को खुद पर भरोसा नहीं होता, लेकिन इन एक्जिक्ट पोल पर आंख बंद करके भरोसा कर लेते हैं और इन पर सट्टा बाजार अपना दांव चलता है, जिसमें लाखों लोग बर्बाद होते रहते हैं और हो गए। आम इन्सान से लेकर बड़े-बड़े उद्योगपति और बड़े-बड़े नेताओं ने भी अपनी जेबें उलट दी, जबकि सट्टा बाजार मालामाल हो जाता है। इस कदर मालामाल कि उसे पांच साल पलट कर देखने की जरूरत नहीं।
– अशोक शर्मा, 7726800355