खुल सकती है बागी-निर्दलियों व छोटे दलों के प्रत्याशियों की किस्मत, कयासों के उतार-चढाव से मुख्य दलों के नेताओं के दिलों में मचा तूफान
खुल सकती है बागी-निर्दलियों व छोटे दलों के प्रत्याशियों की किस्मत,
कयासों के उतार-चढाव से मुख्य दलों के नेताओं के दिलों में मचा तूफान
जयपुर। एग्जिट पोल और उठता-गिरता सट्टा बाजार देख कर ऐसा लगने लगा है िकसरकार बनाने की कवायद दोनों ही दलों को तेज करनी पड़ेगी। कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दलों के बागी चुनाव मैदान में हैं और कुछ सीटें जहां आरएलपी, आजाद समाज पार्टी, बसपा समेत कई अन्य दलों के प्रत्याशी, जो मजबूत स्थिति में हैं, वे सब अब भाजपा व कांग्रेस नेताओं की निगाहों में चढे हुए हैं। भाजपा-कांग्रेस के प्रत्याशियों को कड़ी चुनौती देने वाले सभी तरह के प्रत्याशियों पर अपनी पकड़ मजबूत बनाने के लिए प्रदेश में कवायद शुरू हो चुकी है। दी है। राजय की जिन 21 सीटों पर सबसे ज्यादा नजरें गड़ी हुई हैं। इन सीटों से ही चुनाव परिणाम प्रभावित हो पाएंगे। इनमें प्रमुख ये हैं- नागौर- पूर्व विधायक हबीबुर्रहमान, डीडवाना– पूर्व मंत्री युनूस खान, खींवसर- आरएलपी संयोजक हनुमान बेनीवाल, बाडमेर- प्रत्याशी प्रियंका चैधरी, लूणकरणसर- पूर्व मंत्री वीरेंद्र बेनीवाल, चित्तौड़गढ़- चंद्रभान सिंह, शाहपुरा- जयपुर जिले की इस सीट पर कांग्रेस के आलोक बेनीवाल, बसेड़ी- खिलाड़ीराम बैरवा, सवाई माधोपुर- आशा मीणा, शाहपुरा– कैलाश मेघवाल, बानसूर– रोहिताश्व शर्मा, कोटपूतली- मुकेश गोयल, भोपालगढ़- आरएलपी विधायक पुखराज गर्ग, बहरोड़- विधायक बलजीत यादव, उदयपुरवाटी- राजेन्द्र गुढ़ा, चैरासी- विधायक राजकुमार, धोद- माकपा के पूर्व विधायक पेमाराम
इन सभी पर दोनों प्रमुख दलों के प्रमुख नेताओं की नजर रहेगी।