नई पीढी को फास्ट फूड के जहर से बचाएं- शास्त्री,
‘आहार और अहिंसा’ विषय पर कार्यक्रम का आयेाजन
सिरसी रोड, जयपुर। आवाज वेलफेयर फाउंडेशन द्वारा राजदीप कॉलोनी मीनावाला में ‘आहार और अहिंसा’ विषय पर आयोजित कार्यक्रम में चमरिया संस्कृत पिजी महाविद्यालय फतेहपुर शेखावाटी के सेवानिवृत्त प्राचार्य आचार्य रामगोपाल शास्त्री ने मुख्य अतिथि के रूप में अपने सम्बोधन में कहा कि ‘जैसा खाए अन्न, वैसा होगा मन’ तथा ‘जो जैसा पीता पानी, उसकी वैसी होती वानी’। इन कहावतों के अनुसार आहार और अहिंसा में घनिष्ठ सम्बंध है। आहार तीन प्रकार के होते हैं- राजसी आहार, तामसी आहार और सात्वकी आहार। इनमें सात्वकी आहार सर्वोत्तम आहार होता है। भारतीय संस्कृति अध्यात्म प्रधान संस्कृति रही है। उन्होंने बढ़ते फास्ट फूड और विदेशी भोजन पर करारा प्रहार करते हुए और चिंता जताते हुए ऐसे आहार से वर्तमान पीढ़ी को बचने की सलाह दी।
छात्रा को सद्साहित्य प्रदान कर किया सम्मानित
इस अवसर पर करनी गर्ल्स कॉलेज में एमए की छात्रा अलका को पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम एवं आचार्य महाप्रज्ञ द्वारा संयुक्त रूप से लिखित पुस्तक ‘सुखी परिवार समृद्ध राष्ट’ª साहित्य देकर मुख्य अतिथि आचार्य राम गोपाल शास्त्री ने सम्मानित किया। कार्यक्रम में आवाज वेलफेयर फाउंडेशन के सांस्कृतिक प्रभारी सतीश शांडिल्य ने कहा कि रावण राजसी, कुंभकरण तामसी तथा विभीषण सात्वकी के प्रतीक हैं। इनके आचरण और स्वभाव से हम जान सकते हैं कि किस तरह के खानपान से कैसा असर होता है। उन्होंने बड़े से लेकर छोटे जलसा में भी होने वाले भोज में और घरों में भी भोजन करते समय झूठा नहीं छोड़ने का संकल्प सभी उपस्ािित लोगों को करवाया और कहा, ‘उतना ही लो थाली में, झूठा ना जाए नाली में’। कार्यक्रम में सांस्कृतिक प्रभारी शांडिल्य ने आवाज फाउंडेशन के बारे में भी विस्तार से जानकारी दी तथा सूक्ष्म यौगिक क्रिया का प्रयोग भी करवाया। अनुविभा ने आभार जताया। कार्यक्रम में गणमान्य लोग उपस्थित रहे।