अजब और गजब हैं इस नगर पालिका के हालात- लाडनूं नगर पालिका के डिस्पेच रजिस्टर में अलग-अलग जगह 50 काॅलम छोड़े गए खाली, नोटिस देने पर मचाया हंगामा, ईओ के आदेश की अवहेलना की कोशिश
अजब और गजब हैं इस नगर पालिका के हालात-
लाडनूं नगर पालिका के डिस्पेच रजिस्टर में अलग-अलग जगह 50 काॅलम छोड़े गए खाली,
नोटिस देने पर मचाया हंगामा, ईओ के आदेश की अवहेलना की कोशिश
लाडनूं। यहां नगर पालिका कार्यालय धांधलियों की भेंट चढ गया लगता है। एक के बाद एक लगातार सामने आ रही धांधलियों को देखकर लगता है कि यहां सबकुछ गोलमाल ही हो रहा है, किसी काम के ढंग से होने की कोई उम्मीद ही नहीं बची है। बुधवार को यहां एक चतुर्थ श्रेणी महिला कर्मचारी संगीता कंवर ने ईओ के आदेशों की पालना से इंकार करके हल्ला मचाया। जिस पर लोग इकट्ठे हो गए। यहां महिला अधिशाषी अधिकारी अनिता खीचड़ ने संगीता के रिकाॅर्ड में बड़ी गडबड़ी पाए जाने पर उसे नोटिस देकर पत्र आवक-जावक शाखा हटा कर अन्य ड्यूी पर लगा दिया था, जिसकी पालना करने से उसने स्पष्ट मना कर दिया और हल्ला मचाया। संगीता कंवर लम्बे समय से पत्र आवक-जावक शाखा में कार्यरत थी। ईओ द्वारा जांच करने पर उसके रिकाॅर्ड में हेराफेरी पाई गई। ईओ ने उसे कारण बताओ नोटिस देकर इसका स्पष्टीकरण मांगा है।
डिस्पेच रजिस्टर में है बीच-बीच के 50 काॅलम खाली
नोटिस में बताया गया है कि ईओ द्वारा किए गए निरीक्षण के दौरान डिस्पेच रजिस्टर वर्ष 2022-23 में क्र. सं. 997 से 1000, 1024 से 1026, 1212 से 1213, 2423 से 2429, 2803 से 2804, 2807 से 2809, 2846 से, 2654 से 2658, 2674 से 2683, 2685 से 2690 तक डिस्पेच रजिस्टर में डिस्पेच नहीं किया गया है। इन क्रमांक खाली छोड़ने को गंभीरजा से लेते हुए ईओ अनिता खीचड़ ले उससे तीन दिनों के भीतर इसका कारण व स्पष्टीकरण मांगा हैं तथा अन्यथा उसके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रारम्भ करने की चेतावनी दी गई है। इस प्रकार करीब 50 काॅतम बीच-बीच में खाली रखना गहरी साजिश व चालबाजी का संकेत प्रतीत होता है। संभव है कि संगीता कंवर ने किसी नाजायज दबाव-प्रभाव व स्वयं किसी साजिश का शिकार होकक ऐसा करने पर मजबूर हुई हो, अब उसके जवाब से ही यह सब सामने आ पाएगा।
घर पर रखा जाता रहा है रिकाॅर्ड
गौरतलब है कि यहां स्टोक रजिस्टर, आवक-जावक रजिस्टर, केशबुक आदि महत्वपूर्ण रिकाॅर्ड, फाईलों व दस्तावेजों को लेकर लम्बे समय से आरोप लगाए जाते रहे हैं कि ये सब कार्यालय में उपलब्ध नहीं रहते थे। डीडीआर अजमेर से आए जांच दल को ये सब पत्रावलियां व रिकाॅर्ड मौखिक व लिखित में मांगे जाने के बावजूद उपलब्ध नहीं करवाया गया। इसी प्रकार पालिकाध्यक्ष रावत खां द्वारा ईओ सुरेन्द्र कुमार मीणा को नोटिस देकर रिकाॅर्ड मांगे जाने के बावजूद कोई रिकाॅर्ड आंख से भी नहंीं दिखाया गया। पालिकाध्यक्ष का आरोप था कि केशबुक गायब है और इनवर्ड-आउटवर्ड रजिस्टर भी गायब हैं और दन सबको ईओ सुरेन्द्र कुमार मीणा लाडनूं शहर से बाहर कहीं अपने अस्थाई निवास पर रखता है। उन्होंने इस बारे में डीएलबी, डीडीआर, कलेक्टर आदि को भी पत्र लिख कर सारी स्थिति से अवगत करवाया था।
कहां गई वे गायब हुई भर्तियों की पत्रावलियां?
हाल ही में सफाईकर्मियों की नियमविरूद्ध की गई भर्तियों को लेकर जांच की मांग सामने आने पर सम्बंधित पत्रावलियों को गायम करने का मामला भी गर्म और चर्चित है। तत्कालीन आरोपी ईओ ने इसके लिए उलजुलूल तरीके से अजमेर पुलिस को पत्र देकर बाद में आए ईओ पुरूषोत्तम पंवार को दोशी ठहराने की मांग की जा रही है और किसी तरह से अपने गले में आई बला टालने के प्रयास किए जा रहे हैं। बताया जाता है कि ईओ सुरेन्द्र कुमार मीणा ने नगर पालिका की नौकरी करते-करते ही एलएलबी भी कर ली, लेकिन उन्हें यह पता नहीं कि लाडनूं नगर पालिका की गायब फाईलों के लिए कार्यक्षेत्र किस पुलिस का रहेगा अजमेर या नागौर पुलिस का क्षेत्राधिकार होगा? आखिर लाडनूं नगर पालिका किस रास्ते पर जा रही है। लगातार रिकाॅर्ड के हेराफेरी, फाईलों का गायब हो जाना और सूचना का अधिकार के तहत मांगे जाने पर भी लोगों को प्रतिलिपियां नहीं देने के मामले लगातार सामने आते जा रहे हैं। इस सबकी की व्यापक जांच की जरूरत है।