हंगामें की भेंट चढी नगर पालिका की बैठक, भ्रष्टाचार व अव्यवस्थाओं को लेकर पार्षदों ने जताया गुस्सा,
पार्षदों के फर्जी हस्ताक्षरों का मामला उठा, पालिकाध्यक्ष व ईओ के विरू़द्ध रखा गया निन्दा प्रस्ताव, एजेंडा पूरे हुए बिना ही समाप्त की गई बैठक
लाडनूं। नगर पालिका मंडल की साधारण सभा की एक बैठक यहां पालिका सभागार में आयोजित की गई। बैठक में पालिकाध्यक्ष सहित सभी पार्षदों के फर्जी हस्ताक्षर किए जाने को लेकर बैठक के प्रारम्भ में ही हंगामा शुरू हो गया, जो अंत तक जारी रहा। बैठक में विभिन्न पार्षदों द्वारा हस्ताक्षरित एक पत्र अध्यक्ष व ईओ देकर पालिकाध्यक्ष एवं पूर्व ईओ के विरूद्ध निन्दा प्रस्ताव भी प्रस्तुत किया गया। एजेंडा पूरे हुए बिना ही बैठक के समाप्त होने की घोषणा कर दी गई और पालिकाध्यक्ष उठ कर बाहर निकल गए। इसके बाद भाजपा के पार्षद वहां सभागार की केन्द्रीय गैलरी में बैठक कर धरना देने लगे, बाद में ईओ ने अगली बैठक में प्रस्ताव पूरे शामिल करने का आश्वासन दिया गया, तब कहीं जाकर धरना उठाया गया। बैठक के दौरान बार-बार ‘नाथी का बाड़ा नहीं है’ गूंजा।
कितनी बैठकों में आएगा एक ही प्रस्ताव
बैठक में पार्षद गिरधारी इनाणियां ने सभी पार्षदों, चैयरमेन व विधायक तक के फर्जी हस्ताक्षरों का मामला उठाया और रजिस्टर को एक तरफ फेंक दिया। इसके बाद हंगामा खड़ा हो गया। रजिस्टर में सभी पार्षदों के हस्ताक्षर फर्जी पाए गए। इस पर पालिकाध्यक्ष ने इस मामले की जांच करवाने का भरोसा दिलवाया, तब कहीं जाकर पार्षद शांत हुए। इसके बाद बैठक शुरू की गई लेकिन पहले ही एजेंडे में विरोध शुरू हो गया। पार्षद मुरलीधर सोनी ने कहा कि शौचालय निर्माण के एजेंडे को पिछली बैइक में लिया जाकर 50 लाख रूपयों की स्वीकृति भी बैठक में दी गई थी, उसी एजेंडे को दुबारा रखने का कोई औचित्य नहीं है। सोनी ने गत बैठक में पारित प्रस्ताव पढ कर सदन का सुनाया। यशपाल आर्य, सुरेन्द्र जांगिड़ व उपाध्यक्ष मुकेश खींची ने चिह्नित स्थान को लेकर आपति जताई और कहा कि शौचालय के नाम पर लोगों को बेरोजगार किया जाना अनुचित है। शहर की गलियों में पथचिह्न लगाए जाने के प्रस्ताव पर राजेश भोजक ने कहा कि पहले सभी गलियों-रास्तों का नामकरण किया जाना चाहिए तथा उसके लिए वार्डवासियों की सलाह को शामिल किया जाना चाहिए। पालिकाध्यक्ष ने पार्षदों को उज्जैन भ्रमण करवाने के सम्बंध में प्रस्ताव रखा तो पार्षदों ने आपति करते हुए पहले शहर के सभी वार्डों का भ्रमण करके समस्याओं का निपटारा करने की मांग उठाई। इसके बाद सुमित्रा आर्य ने कर्मचारियों की पदोन्नति, स्थाईकरण एवं नियुक्ति के प्रस्ताव को पारित करने की मांग की। इस पर अदरीश खां, गिरधारी इनाणियां आदि ने सहमति जताई, जिस पर सभी पार्षद सहमत थे।
कहां गई 600 लाईटें
बैठक में पार्षद गिरधारी इनाणियां, अफसाना कामरान आदि ने अनेक प्रस्ताव व समस्याएं लिखित में प्रस्तुत की, लेकिन उन पर कोई विचार नहीं किया गया। मुरलीधर सोनी ने आरोप गलाया कि शहर के सार्वजनिक रोशनी के लिए 600 लाईटें नगर पालिका ने मंगवाई थी लेकिन 17 वार्डों में तो बिल्कुल ही नहीं लगाई गई। इस पर अन्य काफी पार्षदों ने अपने-अपने वार्डों में लाईटे ंनहीं लगने की जानकारी दी। आॅटो रिक्शाओं के नियमित नहीं आने और कचरा संग्रहण नहंी किया जाने पर उनके खिलाफ कार्रवाइ्र करने व ठेका निरस्त करने की मांग भी उठाई गई। अधिकांष्ज्ञ पार्षदों ने उनके साथ दुभांत बरतने के आरेाप लगाए। पार्षद सुमित्रा आर्य व उपाध्यक्ष मुकेश खींची ने प्रशासन शहरों के संग अभियान में फाईलें और शुल्क जमा करवाए जाने के बावजूद दस-दस महिनों तके पट्टे नहीं जारी किए जाने के आरोप गलाए और अनेक पत्रावलियों की जानकारी दी गई, लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नहंी दिया गया। मोहनसिंह चैहान ने बस स्टेंड का स्थान बदले जाने को निरस्त करने की मांग उठाई। बैठक के दौरान नगर पालिका में व्याप्त भ्रष्टाचार की लगातार गूंज होती रही।
दस माह बाद भी कार्यवाही ंनही लिखी जाने पर निन्दा प्रस्ताव
बैठक के दौरान पार्षद मुरलीधर सोनी ने पालिका की साधारण सभा की बजट बैठक 22 फरवरी की कार्यवाही आज तक नहंी लिखे जाने को लेकर पालिकाध्यक्ष रावत खां और तत्कालीन ईओ मघराम डूडी के विरूद्ध काय्र संचालन नियम 2009 के प्रावधानों के खिलाफ मानते हुए निदा प्रस्ताव सदन में रखा। प्रस्ताव में 17 पार्षदों ने हस्ताक्षर किए थे। इस प्रस्ताव को पढते ही समर्थन में मेजें थपथपाकर पूरे सदन में सहमति जताई गई। एक पार्षद मनसफ खां द्वारा हाथ खड़े करवाने की मांग की गई तो अन्य पार्षदों ने उसका विरोध किया। अंत में जब पालिकाध्यक्ष द्वारा सभा सम्पन्न करने की घोषणा की गई तो भाजपा के पार्षदों ने बताया कि बैठक में निर्धारित छठे एजेंडे ‘शहर के विकास से सम्बंधित कार्यों व मुद्दो ंपर विचार’ प्रस्तुत नहीं किए जाने और विचार करवाया जाने की मांग की और पालिकाध्यक्ष व ईओ को घेर लिया और जोरदार विरोध किया। जब पालिकाध्यक्ष ठठ कर बाहर चले गए तो सभी पार्षद सैंट्रल गैलरी में धरना देकर बैठ गए और एजेंडा सं. छह विचार व कार्य पारित करवाने तथा निन्दा प्रस्ताव पर बहस और मतदान करवाने की मांग की। बैठक में इस्लाम, मोहनसिंह चैहान, नौषाद अली, अदरीश खां, बच्छराज, बाबूलाल, विजयलक्षी, रेणु कोचर, निर्मला जांगिउत्र, मंजू देवी, सुमन, ओमसिंह मोहिल, राजेश भोजक, सुमित्रा आर्य, रूखसाना, मनसफ खां, फैजू खां, श्यामसुन्दर गुर्जर, यशपाल आर्य, विजय कुमार भोजक, सरेन्द्र जांगिड़, कन्हैयालाल आदि उपस्थित थे।