‘उतर भींका म्हारी बारी’ वालों को इस बार जनता बेदखल करेगी- अमरा राम,
माकपा के प्रदेश सचिव अमरा राम ने लोकतांत्रिक मोर्चा की तीसरी शक्ति का ऐलान
लाडनूं। माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के प्रदेश सचिव एवं अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमरा राम ने कांग्रेस व भाजपा दोनों को जन विरोधी करार देते हुए कहा कि आगामी 5 अप्रेल को दिल्ली में ऐतिहासिक रैली का आयोजन किया जाएगा, जिसमें सभी क्षेत्रों ने किसान, मजदूर और नौजवान भाग लेंगे। यहां डाक बंगला में प्रेस से रूबरू होते हुए उन्होंने राजस्थान की राजनीतिक स्थिति के बारे में बोलते हुए कहा कि प्रदेश में दोनों दलों ने ‘उतर भींका म्हारी बारी’ मचा रखी है, और बारी-बारी से सरकार बनाते आए हैं, लेकिन इस बार उन्हें कामयाबी नहीं मिलने दी जाएगी। उन्होंने कहा कि इस बार किसान, मजूद, नौजवान, विद्यार्थी सब मिल कर लड़ेंगे। लोकतांत्रिक मोर्चा में पांच राजनीतिक दल साथ हैं और अब रालोपा भी इसमें शामिल हो गई है। अमरा राम ने बताया कि गत 4 चुनावों में 29 प्रतिशत मतदाताओं ने कांग्रेस व भाजपा दोनों दलों के खिलाफ मताधिकार का प्रयोग किया था। यही मतदाता अब इन दोनों दलों से अलग सरकार बनाने में योगदान करेगा।
गहलोत का दोहरा चरित्र आया सामने
उन्होंने बताया कि देश में 4 लाख से ज्यादा किसान कर्जे के कारण आत्महत्या कर रहे हैं। भाजपा व कांग्रेस सरकारों ने सभी किसानों का सम्पूर्ण कर्जा माफ करने का वादा किया था, लेकिन कुछ भी नहीं किया। फेक्ट्री के मालिक अपने उत्पाद को लागत के साथ मुनाफा जोड़ कर वसूल करने का हक रखता है, लेकिन देश में अनाज पैदा करने वाला किसान ऐसा नहीं कर सकता है। बेरोजगारी और महंगाई के लिए सरकारें कुछ नहीं कर पाई हैं। अमरा राम ने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत आंखों पर पट्टी बांध कर धृतराष्ट्र बने हुए हैं। जालौर में पुलिस की मौजूदगी में जो कुछ हुआ वह शर्मनाम था। उन्होंने कहा कि मुआवजा और नौकरी देने में भी भेदभाव बरता जा रहा है। उदयपुर गए तो पीड़ित परिवार को 50 लाख का मुआवजा और दो लोगों को नौकरी दी गई, लेकिन जुनेद व नासिर के मामले में उनके गांव भी 20 दिन बाद पहुंचे, लेकिन उनके घर नहीं गए। यह उनका दोहरा चरित्र है। इस अवसर पर माकपा के जिला सचिव भागीरथ यादव, किसान सभा के उपाध्यक्ष शिवभगवान, माकपा के प्रवक्ता जगदीश पोटलिया, तहसील सचिव मदनलाल बेरा, दुर्गाराम खीचड़, रामचन्द्र रणवा बरड़वा, रूपाराम गोरा, सतपाल सिंह राठौड़ व बुधाराम महला भी थे।