प्रथम पुण्यतिथि पर श्रद्धासुमन-
राजनीति के आदर्श व्यक्तित्व थे पूर्व विधायक ठाकुर मनोहर सिंह
अपनी करीब चार दशक की राजनीति में सम्पूर्ण राजस्थान में अपनी पहचान सादगी, सरलता व राजनीतिक शुचिता के लिए रखता है, तो यह अपने आप में विशिष्ट पहचान होती है। ऐसी ही पहचान रखने वाले व्यक्तित्व का नाम था- स्व. ठाकुर मनोहरसिंह। लाडनूं राजघराने में जन्म लेकर तीन बार राजस्थान विधानसभा में क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले ठाकुर साहब राजस्थान की राजनीति में सौम्यता, सरलता, सादगी व ईमानदारी के लिए हमेशा जाने जाते थे। 14 नवम्बर 1949 को जन्मे मनोहर सिंह की प्राथमिक शिक्षा लाडनूं की जेबी स्कूल में सम्पन्न हुई, वहीं स्नातक की शिक्षा उदयपुर विश्वविद्यालय से सम्पन्न की। आपके पिताजी ठाकुर बालसिंह जी मारवाड राज्य के दबंग व प्रभावी जागीरदारों में थे। महाराजा हनुमन्तसिंह जी के विश्वासपात्र ठाकुर बालसिंह जी लाडनूं नगरपालिका के प्रथम अध्यक्ष रहते हुए नगर के लिए महत्वपूर्ण कार्य किये।
घुड़सवारी व निशानेबाजी का था शौक
ठाकुर मनोहरसिंह को घुडसवारी व निशानेबाजी का शुरू से ही शौक रहा है। इसी शौक के चलते इन्होंने अनेक राज्य व राष्ट्र स्तरीय प्रतियोगिताओं में गोल्ड मैडल सहित अनेक पुरस्कार सम्मान जीते है। आपका उत्कृष्ट नस्ल का घोड़ा रणजीत अनेक बार राज्य स्तर पर प्रथम रहा है, वहीं राजस्थान में सर्वाधिक कीमत का घोड़ा भी रहा है। घोडों का पालन भी आपके स्वभाव का अंग रहा है। यही कारण रहा कि आपकी घुड़शाला में बडी संख्या में देशी-विदेशी नस्लों के बढिया घोड़े देखे जा सकते थे। राजसी परिवार में जन्म लेने व पिछले करीब 35 वर्षों से राजनीति में सक्रिय होने के बाद भी आपके स्वभाव से कभी किसी को कोई शिकायत नहीं रही।
राजनीति में प्रवेश व शुचिता का रखा खयाल
जनता की आवाज पर प्रथम बार ठाकुर मनोहरसिंह ने 1989 में राजनीति में कदम रखा। निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में आपने जीत दर्ज की। प्रथम विधानसभा कार्यकाल के दौरान मुख्यमंत्री भैंरोंसिह शेखावत अपने इलाज के लिए विदेश गये हुए थे, पीछे से राजनीतिक विरोधी लोगों द्वारा सरकार गिराने की गहरी साजिश रची गई। चूंकि उस समय मनोहरसिंह निर्दलीय विधायक थे, विरोधी लोगों ने आपको अपने पक्ष में करना चाहा, ताकि भैंरोसिंह सरकार को गिराया जा सके। लेकिन आपने स्पष्ट जबाब देते हुए कहा मैं किसी भी शर्त पर सरकार गिराने में शामिल नहीं होऊंगा। मनोहर सिंह सजगता व जागरूकता से तत्कालीन राजस्थान की सरकार गिरने से बच गई। जब यह बात भैंरोसिंह जी को बता चली तो वे ठाकुर मनोहरसिंह जी से बहुत प्रभावित हुए और उनको भाजपा में आने के लिए प्रेरित किया। इसके बाद 2003 व 2013 में वे भाजपा से विधायक चुनकर जनसेवा को समर्पित रहे।
क्षेत्र में विकास पुरुष के नाम से अपनी पहचान रखने वाले ठाकुर साहब ने हमेशा क्षेत्र के विकास को महत्व दिया। राजनीतिक शुचिता के विरल उदाहरण के रूप में आपको देखा जाता है। इसके अनेक उदाहरण क्षेत्र की जनता को कई बार देखने को मिला है।
सामुदायिक कार्यों के महत्वपूर्ण योगदान
मनोहरसिंह ने अपनी बेशकिमती जमीन को सरकारी कार्याें के लिए सरकार को सौंप दी। ऐसा उदाहरण राजस्थान में मिलना मुश्किल है। सरकारी संपत्ति का दुरुपयोग तो दूर की बात है वे अपने स्वयं के खर्चों से जनहित के कार्यों में अग्रणी रहते थे। यही कारण है कि मनोहरसिंह जी राजस्थान की राजनीति में अपनी विशिष्ट पहचान के लिए जाने जाते है।
लाडनूं के विरल विशेषताओं वाले जन नेता
आपका देश के बड़े-बड़े राजनेताओं से निकट सम्पर्क रहा था। पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सहित राजस्थान के सैकडों बडे नेताओं के विश्वासपात्र ठाकुर मनोहरसिंह हमेशा एक जननेता के रूप में याद किये जाते रहेंगे। आपकी विरल विशेषताओं में सबके लिए सुलभ रहना भी रहा है। सबसे मिलना एवं सबके काम करवाना आपके स्वभाव में रहा है। आपकी विरल विशेषताओं में छोटे-बडे़ सभी के साथ आदर पूर्वक बातचीत करना आपकी खासियत रही है।
एक सच्चे किसान थे मनोहर सिंह जी
ठाकुर साहब को ट्रेक्टर चलाकर हल जोतना हो या खेती किसानी का कार्य वे स्वयं ही करने में विश्वास रखते थे। हमेशा कर्म व पुरुषार्थ को समर्पित रहने वाले इस शख्स का निधन हजारों लोगों के लिए व्यक्तिगत क्षति रहा है। आपके अंतिम संस्कार में विभिन्न दलों एवं विचारधाराओं के राजनेताओं, अधिकारियों व हजारों की संख्या में आम जनता ने शामिल होकर अंतिम विदाई दी। 16 जुलाई 2023 को आपका निधन हो गया। राजनीति के ऐसे ईमानदार व सादगी भरे व्यक्तित्व की प्रथम पुण्यतिथि पर जन-जन के चहेते ठाकुर मनोहरसिंह जी को श्रद्धांजलि व सादर नमन।
-डाॅ. वीरेन्द्र भाटी मंगल, लाडनूं
(वरिष्ठ साहित्यकार व स्तम्भकार)