मोबाईल का प्रयोग सामाजिक बिगाड़ और कॅरियर की तबाही का जिम्मेदार- शमीम फौजी मदनी,
अमन कॉन्फ्रेंस में शिक्षा, नशा, व्यवहार और समाज-सुधार पर खुलकर हुई चर्चा
लाडनूं। स्थानीय शहरिया बास में जमीअत अहले-हदीस के तत्वावधान में आयोजित एक रोजा अमन कॉन्फ्रेंस को सम्बोधित करते हुए शमीम फौजी मदनी मुंबई नेे वर्तमान समय में प्रचलन में बढ रहे एंड्रॉयड व स्मार्ट फोन से होने वाले नुक्सानात बताते हुए उनके इस्तेमाल से युवाओं को सतर्क किया और कहा कि इनका प्रयोग सामाजिक बिगाड़ व कॅरिअर की तबाही का जिम्मेदार है। उन्होंने युवाओं के कर्तव्य और जिम्मेदारी पर विचार व्यक्त करते हुए शिक्षा पर प्रकाश डाला और कहा कि ऐसी शिक्षा हासिल करो, जो तुम्हे जन्नत में ले जा सके। उन्होंने कौम की युवा बेटियों से अपने दीन के दायरे में रहकर इस्लामिक शिक्षा के साये में दुनियावी शिक्षा ग्रहण करने की हिदायत दी। मदनी ने शराब, सिगरेट व तम्बाकू से होने वाले नुकसानों के बारे मेें भी बताया और कहा कि इस्लाम धर्म में नशे वाली सभी प्रकार की चीजों की मनाही का जिक्र किया गया है। उन्होंने मौजूदा हालात में नौजवानों की जिम्मेदारियों के बारे में बताते हुए कहा कि नौजवानों को अपनी जवानी के महत्व को समझना चाहिए। कयामत के रोज सात किस्म के लोग अल्लाह के अर्श के साया के नीचे होंगें। जिनमें अपनी जवानी अल्लाह की राह में खर्च करने वाले और जवानी को मजलुमों को इंसाफ दिलाने के लिए कोशिश करने वाले भी शामिल हैं।
मां-बाप सेे बेहतर सुलूक करो, सभी रिश्तेदारियां बरकरार रखो
शेख कमालुद्दीन सनाबिली ने रिश्तों की अहमियत के मजमून पर रोशनी डालते हुए बताया कि हमारे सबसे बेहतर सलूक के अधिकारी हमारे मां-बाप होते हैं। उनको नाराज रखने वाले कभी खुश नहीं रह सकते। बूढ़े माता-पिता के पास बैठकर औलाद को उनका हाल जानना चाहिए, इससे उनकी आधी बीमारियां खत्म हो जाती है। उनके बाद पड़ौसियों के साथ अच्छा बर्ताव रखना जरूरी है। बदगुमानी एक ऐसी लाईलाज बीमारी है, कि इससे हमें हर हाल बचना चाहिए। हम सब आदम की औलाद हैं। हम सब भाई-भाई हैं। माँ-बाप जिन्दा हैं, तो अपनी जिंदगी संवार लो। माँ-बाप बोझ नहीं है। रिश्तेदारियां बना कर रखो, अगर कोई गरीबी, तक्कबुर और घमण्ड, हसद व जलन व गलतफहमी की वजह से टूटती है, तो जरूरी हैे कि लोगों की गलतियों को नजरअंदाज किया जाए।
महिलाओं के हालात पर चर्चा
रजाउल्लाह अब्दुल करीम मदनी ने बताया कि बदगुमानी से समाज मे अनेक बुराइयां पैदा हो जाती है, इससे कई तरह के बिगाड़ हो जाते है। उन्होंने समाज मे मुस्लिम घरों में महिलाओं के हालात व उसके समाधान पर भी चर्चा की। अंत में सवाल-जबाब किये गए। कार्यक्रम में मौलाना मोहम्मद शब्बीर, मौलाना नईमुद्दीन, शेख इसहाक सनाबली, हाफिज मुहम्मद जावेद बल्खी, मौलाना सैयद हसनैन, मौलाना अब्दुस्सलाम मदनी आदि मंचस्थ रहे। कॉन्फ्रेंस में देशभर के मशहूर मदनी उलेमाओं ने शिरकत कर समाज में व्याप्त बुराईयों पर प्रकाश डालते हुए सामाजिक सुधार की बात कही। कार्यक्रम में 500 स्वयंसेवकों ने ड्यूटी निभाई और प्रदेशभर से हजारों की संख्या में लोग शामिल हुए। कार्यक्रम की निजामत व संचालन फजीलतुश्शेख साबिर सल्फी ने किया।
