लाडनूं के पाण्डुलिपि संसाधन केन्द्र की 6 हजार पांडुलिपियों को किया जाएगा आॅनलाईन पोर्टल पर सुरक्षित, भारत सरकार के सहयोग से द्विदिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित
लाडनूं के पाण्डुलिपि संसाधन केन्द्र की 6 हजार पांडुलिपियों को किया जाएगा आॅनलाईन पोर्टल पर सुरक्षित,
भारत सरकार के सहयोग से द्विदिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित
लाडनूं। भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय की राष्ट्रीय पाण्डुलिपि मिशन योजना के अन्तर्गत जैन विश्वभारती संस्थान में संचालित ‘पाण्डुलिपि संसाधन केन्द्र’ में संस्थान में संरक्षित 6000 से अधिक पाण्डुलिपियों से संबंधित सम्पूर्ण जानकारी को आॅनलाईन किए जाने की योजना है। भारत सरकार की ‘राष्ट्रीय पाण्डुलिपि अभियान’ योजना के अन्तर्गत निर्मित आॅनलाईन पाॅर्टल पर इन सभी पाडुलिपियों को संरक्षित किए जाने के लिए यहां द्विदिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम एवं ‘पाण्डुलिपि संसाधन केन्द्र’ के समन्वयक मोहन सियोल ने बताया कि प्रमुख प्रशिक्षक के रूप में मंत्रालय से आए विशेषज्ञ शिशिर पेढी के निर्देशन में यह कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस दो दिवसीय शिविर में कार्यक्रम-समन्वयक, जैन विद्या एवं तुलनात्मक धर्म तथा दर्शन एवं प्राकृत तथा संस्कृत विभाग के सम्पूर्ण संकाय सदस्य, शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों की सहभागीता रही। भारत सरकार के विशेषज्ञ शिशिर पेढी ने संस्थान के केन्द्रीय पुस्तकालय एवं पाण्डुलिपि संरक्षण केन्द्र का भ्रमण भी किया तथा संस्थान के कार्यों की गुणवत्ता से उत्साहित व प्रभावित होकर आश्वस्त किया कि जैविभा संस्थान में शीघ्र ही एक 21-दिवसीय पाण्डुलिपि अध्ययन प्रशिक्षण कार्यशाला का भी आयोजन मंत्रालय के सहयोग से निकट भविष्य में करवाया जाएगा।