दूध लेने आई महिला को दूधवाला और उसके साथियों ने कैम्पर वाहन से उठाया, पीड़िता के साथ ज्ञापन देने पहुंचे लोग, आंदोलन की चेतावनी,
सात जने थे अपहरण के मुलजिम, लेगए प्रयागराज व बैंगलोर, सामुहिक अपराध के आरोप की रिपोर्ट के बावजूद डेढ़ माह बाद भी कोई गिरफ्तारी नहीं, आरोपी दे रहे हैं धमकियां
लाडनूं (kalamkala.in)। अम्बेडकर दलित अधिकार मंच ने जिला पुलिस अधीक्षक, डीडवाना कुचामन को ज्ञापन देकर एफ.आई.आर. नं. 25/2025 अन्तर्गत धारा 87, 64, 115, 126, 127, 303 बी.एन.एस. एवं अनुसूचित जाति जन जाति अत्याचार निवारण अधिनियम के मामले में आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग की है। इस सम्बन्ध में अम्बेडकर दलित अधिकार मंच ने पीड़िता के परिजनों के साथ जाकर एसपी को यह ज्ञापन सौंपा।
दूध लेने आई विवाहिता को जबरन उठा कर ले गए और किया गैंग रेप
मंच द्वारा प्रस्तुत ज्ञापन में बताया गया है कि गत वर्ष 30 दिसम्बर को वह नए साल पर अपने ससुराल जाने के लिये अपने पति का इंतजार कर रही थी, तब परिवार को दूध देने वाला जेठाराम गुर्जर दूध देने कैम्पर से आया। वह दूध लेने जब कैम्पर के पास गई, तो जेठाराम गुर्जर, राकेश गुर्जर, भागूराम, किशोर, बजरंग तथा दो अन्य, जो मुंह के उपर कपडा बांधे थे, इन सभी ने जबरन उसका मुंह दबोचकर हाथ-पैर पकड़कर उसे कैम्पर गाडी में अपहरण करके ले गए। अपहरण के वक्त जोर-जबरदस्ती करने से उसकी कोहनी, गर्दन के पीछे व शरीर के अन्य भागों पर चोटें भी आयी। कैम्पर से वे लोग उसे गांव चुण्डासरिया में भागूराम की धाम पर ले गये। कुछ समय वहां रखा और बाद में सबने मिलकर उसी कैम्पर में उसे डालकर सीकर की तरफ ले गये।रास्ते में उन लोगों ने उसे नशीला पदार्थ सुंघाया, जिससे वह अर्द्धचेतन हो गई। बाद में जेठाराम उसे उत्तरप्रदेश के प्रयागराज में अपनी भाभी कोमल ओर शेरी के यहां ले गया और वहां 10 दिन तक उसे बन्धक बनाकर रखा और वहां जबरन इच्छा के विरूद्ध कमरे में बंद कर उसके साथ दुष्कर्म किया। जेठाराम उसके साथ में दुष्कर्म करता और तब कोमल व शेरी बाहर से दरवाजा बंद कर देती। उसके रोने-चिल्लाने पर ये लोग उसे मारते-पीटते। जेठाराम उसके साथ लगातार जबरन दुष्कर्म करता रहा। बाद में जेठाराम उसे डरा-धमकाकर आपने साथ ट्रेन में बैठाकर बेंगलोर ले गया। वहां उसने किसी प्रकार जेठाराम से छुपकर उसीके फोन से अपने घरवालों से बात की जानकारी दी और बताया कि अभियुक्त जेठाराम और उनके रिश्तेदार उसे एक कमरे में बन्धक बनाकर रखे हुए हैं और जेठाराम उसके साथ जबरन गलत काम कर रहा है। घरवालों को छिपकर एड्रेस भी बताया। फिर 28 जनवरी को उसका भाई विक्रम और पति मुकेश वहां आये और वहां रहने वाली जसोदा चौधरी निवासी लाडनूं की सहायता से उसे जेठाराम व उनके रिश्तेदारों के चंगुल से छुड़ाया। एक फरवरी को उसे लेकर वे लाडनूं आये। वे आरोपी जेठाराम को भी साथ लेकर आये, लेकिन मौका देखकर रास्ते में जेठाराम भाग गया। उसने अपनी आपबीती घरवालों व ससुराल वालों को बताई, फिर 1 फरवरी को पुलिस थाना लाडनूं में रिपोर्ट दर्ज करवाई गयी। पुलिस ने उसके 164 सीआरपीसी (वर्तमान बी.एन.एस. की धारा 183) के तहत मजिस्ट्रेट डीडवाना के समक्ष बयान भी करवा लिए, जिनमें सारी आपबीती बता दी।
खुले घूम रहे मुलजिम, दे रहे धमकियां
ज्ञापन में बताया गया है कि पुलिस द्वारा अभी तक इस मामले में किसी भी मुल्जिम को गिरफ्तार नहीं किया गया है। मामले में पूरी ढिलाई बरती जा रही है। अब मुल्जिम पक्ष के लोग उसके घर के सामने आकर रोज-रोज घरवालों को धमकियां दे रहे हैं और दबाव बना रहे हैं कि मुकदमा वापस उठा लो, अन्यथा उनकी बेटी को जिन्दा नहीं छोड़ेंगें। परिवार वालों में से किसी एक को जान से मारे बिना नहीं छोड़ेंगें। सभी मुल्जिमान खुले घूम रहे हैं। जेठाराम मुल्जिमानों की रिश्तेदारी में बैठा है, लेकिन अभी तक जेठाराम व अन्य मुल्जिमों को गिरफ्तार नहीं किया जा रहा है। पीड़िता के साथ अपहरण करके मारपीट करके कमरे में बंद करवाकर गैंगरेप जैसी घटना हो जाने के बावजूद भी रिपोर्ट देने के एक माह 10 दिन से ज़्यादा हो जाने के बाद भी एक भी आरोपी को गिरफ्तार नहीं किया गया है। आरोपी बड़ी शह वाले व राजनैतिक पंहुच वाले होने से उन्हें पुलिस गिरफ्तार नही कर रही है। आरोपी पक्ष की ओर से रोज-रोज मिलने वाली धमकियों से हम काफी परेशान हो चुके हैं। आरोपी पक्ष के लोग कभी भी उसके व उसके परिवार के साथ
अनहोनी घटना कारित कर सकते है।
आंदोलन की चेतावनी
ज्ञापन में चेतावनी दी गई है कि कि इस संगीन वारदात के आरोपियों को दस दिवस में गिरफ्तारी की जाकर पीड़िता को न्याय दिलाया जाए, अन्यथा अम्बेडकर दलित अधिकार मंच द्वारा उपखण्ड स्तर पर लाडनूं में धरना-प्रदर्शन, आन्दोलन किया जाएगा। साथ ही धमकियों को ध्यान में रखते हुए पीड़िता व परिवार को पर्याप्त सुरक्षा मुहैया करवाई जाए। ज्ञापन देने वालों में एडवोकेट हरीश मेहरड़ा, सुरेन्द्र कुमार जेठी, राहुल, पूजा आदि शामिल थे।
