धार्मिक आस्थाओं को तार-तार करने का मामला सामने आया-
ठाकुरजी के मंदिर की जमीन को खुर्दबुर्द करने के लिए गिरोह बना षड्यंत्र किया,
कोटखावदा के मंदिर पर सेवा-पूजा बंद होने का संकट मंडराया, पुजारी ने लगाई मुख्यमंत्री के पास गुहार
जगदीश यायावर। जयपुर (kalamkala.in)। जिले के ग्राम कोटखावदा में मंदिर श्री जानकीनाथ जी/ग्यानाराम जी महाराज का मंदिर की मंदिर-माफी की जमीन को षड्यंत्र रच कर हथियाने के प्रयास करने वालों के खिलाफ समुचित कार्रवाई एवं मंदिर की कृषि भूमि को सदा के लिए मंदिर के अन्तर्गत रखे जाने के आदेश करवाने बाबत पुजारी सीताराम शर्मा पुत्र स्व. कन्हैयालाल शर्मा ने मुख्यमंत्री से गुहार लगाई है। उन्होंने बताया है कि इस मंदिर की जमीन पर कुछ लोग गिरोह बना कर अवैध रूप से कब्जा करने की चेष्टाओं में लगे हैं। इससे पुजारी व उनके परिवार को जान-माल का खतरा बना हुआ है, वहीं मंदिर की सेवा-पूजा बंद होने का खतरा भी मंडराने लगा है।
सवा सौ साल से चल रही थी सेवापूजा और खेती
पुजारी शर्मा ने अपने पत्र में बताया है कि वह कोटखावदा ग्राम में स्थित मंदिर श्री जानकीनाथ जी (मंदिर श्री ज्ञानाराम जी महाराज) का पुजारी है। उनका परिवार पिछले करीब सवा सौ साल से इस मंदिर की सेवा-पूजा करता आ रहा है। इस मंदिर के नीचे स्थित मंदिर-माफी की भूमि पर उनका परिवार खेती करता है और उसी से अपनी आजीविका एवं मंदिर-खर्च का निर्वाह करता आ रहा है। मंदिर के रखरखाव, मंदिर के बिजली बिल का भुगतान, ठाकुर जी की सेवा-पूजा, आवश्यक सामग्री, वस्त्रादि बदलने, विभिन्न त्यौंहारों, जयंतियों आदि का आयोजन समस्त का भार इस खेत की जमीन से संभव होता रहा है। यह जमीन राजस्थान सरकार के राजस्व रिकार्ड में मंदिर श्री ग्यानाराम जी महाराज विराजमान देह काश्तकार भोरा वल्द बिहारी कौम ब्राह्मण सा. देह के नाम से रही और उनका परिवार की इस जमीन पर सदा से ही काश्तकार रहा। इसकी नकल सम्वत् 1984 संलग्न है। इनका खाता सं. 735, 736, 737 थी। इसके खसरा नं. 861, 862, 876, 877, 878, 879, 880, 881, 882 थे।
राजस्व रिकाॅर्ड में कोर्ट आदेश से विक्रय पर रोक लगी
पत्र के अनुसार दूसरे गांव के ही कुछ लोगों ने इस जमीन को हथियाने के लिए षड्यंत्र रचा और एकराय होकर कुछ लोगों ने राजस्व-कर्मियों से मिलीभगत करके गुपचुप में ही इस जमीन का नामान्तरण अपने नाम से करवा लिया, जो कि सरासर गलत व पुजारी परिवार एवं मंदिर के हितों पर कुठाराघात था। इस साजिश का संदेह होने पर उन्होंने राजस्व विभाग से नकलें प्राप्त की। तब पता चला कि इन लालची लोगों ने जमीन को मिल-बांट कर अपने-अपने नाम से खातेदारी चढवा ली। यह बदमाशी इन लोगों ने सम्वत् 2073 से 2076 के दरम्यान बाले-बाले ही मिलीभगत पूर्वक कर डाली। इस पर कोर्ट की शरण लेने पर इनकी खातेदारी पर उपखंड अधिकारी चाकसू से मु. सं. 304/2023 के निर्णय दिनंाक- 30/10/2023 व 6/11/2023 एवं तहसीलदार कोटखावदा के आदेश सं. एलआर/23/2518 दिनांक- 7/11/2023 की अनुपालना में इस भूमि को विवादित मानते हुए बेचान व विक्रय नहीं करने पर रोक लगा कर तत्सम्बंधी नोट भी लगाया गया।
जान-माल का नुकसान पहुंचाने की धमकियां
इस प्रकार खातेदारी, विक्रय एवं बेचाननामे पर सभी फर्जी खातेदारों के खिलाफ आदेश होने एवं राजस्व रिकाॅर्ड में सम्बंधित नोट लगाए जाने से उन लोगों के हाथ कानूनी तौर पर बंध गए, लेकिन इन्होंने फिर साजिश रचकर इस मंदिर की हक की जमीन से पुजारी को बेदखल करने की योजना बनाई। उन्होंने पड़ौस के भैरूलाल गुर्जर पुत्र श्री छीतर गुर्जर, जयनारायण गुर्जर व रामदयाल गुर्जर पुत्रान भैरूलाल गुर्जर निवासी छोटा बास, कोटखावदा को जबरन खेत में घुसाने की चेष्टाएं की गई है, जबकि आज तक इस पूरे खेत पर कब्जा-काश्त प्रार्थी एवं परिवार का ही चला आ रहा है तथा यह मंदिर की सम्पति ही रहा है। इससे यहां पर शांतिभंग करने खतरा बन चुका है। ये लोग मिलकर उन्हें जान-माल का नुकसान पहुंचाने सम्बंधी चेतावनियां व धमकियां लगातार दे रहे है। इसकी पुलिस थाना कोटखावदा में शिकायत सं. 78780602400098 दिनांक 16 अप्रेल को दर्ज करवाई गई है, जिसकी परिवाद के रूप में जांच कांस्टेबल श्री गिर्राज (9696) कर रहे हैं।
इन लोगों ने रचा पूरा षड्यंत्र
पटवार हल्का कोटखावदा उत्तर जिला जयपुर के अन्तर्गत आने वाली इस विवादित बनाई गई कृषि-भूमि के खसरा नम्बर बदले जाने के बाद वे 6291/2528, 6295/2529, 6298/2538, 2530, 2531, 6293/2528, 6297/2529, 6299/2538, 2539, 6294/2538, 6296/2529, 6300/2528 एवं 6292/2528 बन चुके हैं। इस जमीन को हथियाने के षड्यंत्र में संलग्न व्यक्तियों में सुशीला देवी पत्नी रामकिशन निवासी सांगनेर जयपुर, कैलाश पुत्र कन्हैया निवासी चाकसू जयपुर, मंजू पुत्री कन्हैया निवासी चाकसू जयपुर, रामप्रसाद पुत्र कन्हैया निवासी सांगानेर जयपुर, ललित मोहन पुत्र कन्हैया निवासी सांगानेर जयपुर, हनुमान पुत्र कन्हैया निवासी सवाई माधोसिंहपुरा चाकसू, उषा देवी पत्नी गिरीराज निवासी मोती डूंगरी रोड, जयपुर, कौशल पुत्री ओमप्रकाश सांगानेर जयपुर, गायत्री पुत्री ओमप्रकाश सांगानेर जयपुर, भंवरलाल पुत्र कल्याण निवासी जयपुर, महेश पुत्र प्रह्लाद नारायण, सांगानेर जयपुर, राकेश पुत्र प्रह्लाद नारायण निवासी सांगानेर जयपुर, ललिता देवी पुत्री कल्याण निवासी जयपुर, सत्यनारायण पुत्र कल्याण सांगोनर जयपुर, सुरेश पुत्र कल्याण निवासी सांगानेर जयपुर एवं सुरेश पुत्र प्रहलाद नारायण निवासी सांगानेर जयपुर शामिल हैं।
ठाकुरजी की सेवा-पूजा बंद होने का खतरा बना
पुजारी के मुताबिक इन लोगों के षड्यंत्र के कारण अगर मंदिर माफी की यह जमीन पुजारी के कब्जा-काश्त में नहीं रही, तो मंदिर श्री ज्ञानाराम जी महाराज (मंदिर श्री जानकीनाथ जी) में ठाकुरजी की सेवा-पूजा बाधित हो जाएगी और ठाकुर जी के उपयोग-उपभोग एवं खर्च के लिए इस कृषि भूमि में किसी भी प्रकार की कोई अड़चन इन लोगों के माध्यम से या इनके द्वारा किन्हीं दूसरे लोगों एजेंट आदि के माध्यम से हस्तक्षेप और कब्जा, विक्रय-हस्तांतरण आदि को पूरी तरह से सदा के लिए रोके जाना आवश्यक है। अन्यथा ठाकुर जी के मंदिर के भाग व खर्चे के अभाव में आर्थिक संकट उत्पन्न हो जाएगा। पुजारी सीताराम ने मांग की है कि मंदिर माफी की जमीन को फिर से मंदिर-माफी के रूप में मंदिर श्री ग्यानाराम जी महाराज के नाम से चढाया जावे और मंदिर के अन्तर्गत रहने देने की कानूनी व्यवस्था की जावे। इस बाबत राज्य सरकार से आवश्यक आदेश जारी करवा कर धर्म व संस्कृति की रक्षा में सहायक बनें एवं इन सब लोगों एवं इनके सहयोगियों को स्वयं अथवा अपने किसी भी सहयोगी या एजेंट के माध्यम से इस भूमि पर न्यायालय उपखंड मजिस्ट्रेट चाकसू के यहां राजस्व मुकदमा बाबत स्थाई निषेधाज्ञा के निस्तारण होने तक किसी भी प्रकार का कोई हस्तक्षेप नहीं करने और किसी अन्य के माध्यम से भी नहीं करवाने के लिए पाबंद करवाया जाए।