कांग्रेस में प्रत्याशी चयन के फार्मूले से टेंशन में आए सभी कांग्रेस नेता और कार्यकर्ता,
पचास पार वालों के सामने आया सबसे बड़ा संकट, बूढे होने को हैं, पर अब भी नहीं आई बारी
जयपुर (देवेंद्र यादव, वरिष्ठ पत्रकार, कोटा की रिपोर्ट)। राजस्थान में सत्ताधारी कांग्रेस के नेता और कार्यकर्ता, टेंशन में दिखाई देने लगे हैं कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रत्याशियों के चयन का फार्मूला क्या होगा? राजस्थान की सत्ता में बैठे कांग्रेसी नेताओं की सबसे बड़ी टेंशन, युवा और महिलाओं को लेकर है, क्योंकि कांग्रेस के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी कह चुके हैं कि पार्टी अधिक से अधिक टिकट युवा और महिलाओं को देगी।
लीडरशिप डेवलपमेंट मिशन ने बढाई टेंशन
राजस्थान के उम्रदराज नेताओं की राहुल गांधी के फार्मूले और राजस्थान में चल रहे लीडरशिप डेवलपमेंट मिशन ने टेंशन बढ़ा दी है। राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस का प्रत्याशी चयन में फार्मूला क्या होगा, इसका अभी पता नहीं है, मगर राजस्थान में गांधी परिवार के भरोसेमंद नेता के राजू के नेतृत्व में चल रहा लीडरशिप डेवलपमेंट मिशन ने संकेत तो दे ही दिए हंैं कि राजस्थान में कांग्रेस राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे के फार्मूले पर काम करेगी। प्रदेश की सत्ता में डटे उम्रदराज नेताओं को शायद यह आभास था कि 2023 के विधानसभा चुनाव में उनको टिकट लेना आसान नहीं होगा, इसलिए इन उम्रदराज नेताओं ने 2023 का विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए अपनी औलाद को तैयार कर दिया है। लेकिन राहुल गांधी की नजर भाई भतीजावाद पर भी है, क्योंकि भारतीय जनता पार्टी कांग्रेस पर परिवार की पार्टी होने का आरोप लगाती है, इसलिए कांग्रेस इससे भी बचना चाहेगी। राजस्थान के उम्र दराज सत्ता में बैठे नेताओं को यही टेंशन सता रही है।
अपनी बारी के इंतजार में किए 50 साल पार
दूसरी तरफ कांग्रेस के वह कार्यकर्ता भी राहुल गांधी के फार्मूले से टेंशन में है, जिनकी उम्र 50 से पार है। 50 से पार उम्र के कार्यकर्ताओं की टेंशन का प्रमुख कारण यह है कि वह लंबे समय से कांग्रेस के लिए समर्पित भाव से काम कर रहे हैं। क्षेत्र में उनकी सामाजिक प्रतिष्ठा भी है, मगर 50 साल की उम्र पार कर लेने के बाद भी वह जिंदगी में कभी कांग्रेस का टिकट नहीं पा सके। ऐसे नेता अपनी बारी आने का इंतजार करते हुए 50 साल की उम्र पार कर चुके हैं। ऐसे अनेक कार्यकर्ता हैं जिन्हें वक्त आने पर ना तो कभी सत्ता का सुख मिला और ना ही संगठन में कोई महत्वपूर्ण पद मिला। क्या ऐसे समर्पित कार्यकर्ता यूं ही कांग्रेस के लिए अपना जीवन गवा देंगे?
पहले कुंडली मारने से और अब मिशन फार्मूले से परेशान
प्रदेश में ऐसे अनेक कार्यकर्ता मौजूद हैं जिनकी उम्र 50 से 60 साल की है और वह बचपन से लेकर अब तक अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में कांग्रेस के लिए काम कर रहे हैं और यदि मौका मिले तो वह चुनाव जीतने की स्थिति में भी हैं मगर कुंडली मारकर बैठे नेताओं के कारण उन्हें चुनाव लड़ने का अवसर नहीं मिला। उन्हें 2023 में आशा की एक किरण नजर आई, तब उनके सामने पार्टी के फार्मूले की खबरें आ गई। सूत्रों से पता चला है कि राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी गंभीर दिखाई दे रहे हैं।
हर सीट के लिए जिताऊ नेता की खोज
राजस्थान विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी हाईकमान की गंभीरता का प्रमाण कांग्रेस का लीडरशिप डेवलपमेंट मिशन है। इसके अलावा यह भी पता चला है कि राहुल गांधी ने राजस्थान में अपनी विश्वसनीय टीम को भी भेज रखा है, जो विधानसभा वाइज जीतने वाले नेताओं का पता लगा रही है। यही नहीं राहुल गांधी ने प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में चुनाव होने तक अपने विश्वसनीय कार्यकर्ताओं को तैनात करने की रणनीति बनाई है। यह भी पता चला है कि इसके लिए अमेठी और रायबरेली के कार्यकर्ताओं का चयन किया जा रहा है, जो जीतने वाले प्रत्याशियों का पता लगाएंगे और चुनाव के समय तक अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों में रहेंगे।