लाडनूं में चुनावी आचार संहिता के दौरान बंटी रेवड़ियां,
लाडनूं की 11 ग्राम पंचायतों को अनधिकृत रूप से 10-10 लाख की 17 निर्माण स्वीकृतियां जारी, पौने दो करोड़ का घोटाला
का. विकास अधिकारी गणेशराम ने भ्रष्टाचार पूर्वक आचार-संहिता का उल्लंघन कर पूरी मनमानी की
जगदीश यायावर। लाडनूं (kalamkala.in)। भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के सदस्य एवं भाजपा सहकारिता प्रकोष्ठ के प्रदेश संयोजक जगदीश सिंह राठौड़ एडवोकेट ने जिला कलक्टर (डीडवाना-कुचामन) को पत्र देकर पंचायत समिति लाडनूं के कार्यवाहक विकास अधिकारी गणेशराम द्वारा सरपंचों से मिलीभगत करके एवं भ्रष्टाचार करते हुए ग्राम पंचायतों को नियमविरूद्ध स्वीकृतियां जारी करने की शिकायत की है। राठौड़ ने लिखा है कि चुनावी आचार संहिता लगने के पश्चात पूर्व तारीख में लाडनूं की विभिन्न ग्राम पंचायतों के 17 निर्माण कार्यों की स्वीकृतियां नियम विरूद्ध जारी की गई है। इनसे 11 पंचायतों में करीब पौने दो करोड़ का घोटाला किया गया है।
बिना फंड और बिना अधिकार, सभी नियमों को दरकिनार करके हैसियत से बाहर किए स्वीकृति आदेश जारी
पंचायत समिति के विकास अधिकारी ने जिस फण्ड में ये निर्माण स्वीकृतियां जारी की, उस फण्ड में पंचायत समिति के पास राशि ही उपलब्ध नहीं थी। विकास अधिकारी ने भ्रष्टाचार करते हुए बिना राशि के ही अग्रिम रूप में स्वीकृतियां जारी कर डाली। विशेष और मिलीभगत की बात यह बताई गई है कि इन स्वीकृतियों बाबत पंचायत समिति लाडनूं के सहायक लेखा अधिकारी ने भी कोई ऐतराज नहीं किया। जबकि, उसको खाते में राशि उपलब्ध नहीं होने बाबत ऐतराज करना चाहिये था। ये जारी की गई सभी स्वीकृतियां पंचायत समिति की वार्षिक कार्य योजना में भी सम्मिलित नहीं थी। विकास अधिकारी को 5 लाख रूपयों तक की स्वीकृति जारी करने का अधिकार है, लेकिन इन कार्यवाहक विकास अधिकारी ने 10-10 लाख रूपयों तक के एक-एक निर्माण कार्य की स्वीकृतियां जारी की डाली। इन सभी जारी की गई स्वीकृतियों का अनुमोदन प्रशासनिक एवं वित्त कमेटी अथवा पंचायत समिति की साधारण सभा में अनुमोदन होना आवश्यक होता है, लेकिन इसकी भी उपेक्षा करते हुए मनमानी बरती गई। इन स्वीकृतियों का अनुमोदन ग्राम पंचायतों की ग्राम सभा बैठको में भी नहीं किया गया।
बीडीओ गणेशराम ने सांठ-गांठ से हथिया रखे हैं चार-चार पदों के चार्ज
इस प्रकार इस कार्यवाहक विकास अधिकारी गणेशराम द्वारा जानबूझ कर भ्रष्टाचार में लिप्त होकर बिना फण्ड के ही चुनावी आचार संहिता के चलते हुए भी उसका उल्लंघन करके ये सभी स्वीकृतियां जारी की गई हैं, जो नियमविरूद्ध व अवैधानिक हैं। इस विकास अधिकारी के पास डीडवाना के अतिरिक्त मौलासर पंचायत समिति, लाडनूं पंचायत समिति व अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला डीडवाना-कुचामन का भी चार्ज है। इस विकास अधिकारी ने पूर्व मुख्य कार्यकारी अधिकारी नागौर से मिलीभगत कर लाडनूं का चार्ज लिया, ताकि नरेगा में पंचायतों के निर्माण कार्यों का भुगतान कर सके व इस प्रकार की निमयविरूद्व स्वीकृतियां जारी कर सके। विभिन्न ग्राम पंचायतों में 17 निर्माण कार्यों के लिए नियमविरूद्ध जो स्वीकृतियां जारी की गई है, उन्हें तत्काल रद्द किया जावे। साथ ही यदि ग्राम पंचायतों के खाते में इस बाबत कोई अग्रिम राशि डाली गई है, तो उन्हें वापस वसूल किया जावे। पत्र में यह मांग भी की गई है कि इस गंभीर प्रकरण की जांच शीघ्र ही उपखण्ड अधिकारी लाडनूं से करवाई जावे। इस भ्रष्टाचार की यह शिकायत राठौड़ ने मुख्यमंत्री व पंचायतीराज मंत्री को भी दी है।
इन ग्राम पंचायतों के लिए जारी की गई है अनधिकृत स्वीकृतियां
एडवोकेट राठौड़ ने अपने पत्र के साथ पंचायत समिति द्वारा जारी की गई इन स्वीकृतियों की सूची भी संलग्न की है, जिसके अनुसार भिडासरी, आसोटा, ओडींट, सांवराद, सारड़ी, निबी जोधां, चन्द्राई, उदरासर, बालसमंद व सुनारी शामिल हैं, जिनके 17 निर्माण कार्यों की स्वीकृतियां जारी की गई हैं। इनमें भिडासरी को 20 लाख के दो काम, ओड़ींट को 20 लाख के तीन काम, निम्बी जोधां को 20 लाख के दो काम, उदरासर को 20 लाख के दो काम, बालसमंद को 20 लाख के दो काम और सुनारी ग्राम पंचायत को 20 लाख के दो कामों की स्वीकृतियां जारी की गई है। अन्य को 10-10 लाख के एक-एक काम दिया गया है। कुल करीब 1 करोड़ 70 लाख रुपयों के काम मंजूर किए गए हैं।