लाडनूं नगर पालिका के विकास के कामों में धंधलियां आ रही है सामने, ईओ ने दिया कार्रवाई का भरोसा,
ठेका लेता है कोई और, और काम करते हैं कोई और, बढ रही है धांधली और मनमानी,
वार्ड 38 में नालियों के निर्माण की जगह किया जा रहा है पुरानी नालियों पर सीमेंट का घल चढा कर नया
लाडनूं (अबू बकर बल्खी, पत्रकार)। यहां नगर पालिका में विभिन्न विकास व निर्माण कार्यों को लेकर निरन्तर तरह-तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं। कभी भेदभाव पूर्वक किसी रिश्तेदार को ठेके देने की बात उठाई जा रही है, तो कभी एनआईटी जारी करने में भारी धांधली बरते जाने की बात कही जाती है। ठेके लेने के बाद ठेकेदारों द्वारा खुद काम नहीं करके दूसरे लोगों को पेटी-कांट्रेक्ट पर काम देकर करवाया जाता है, जो काम में पूरी मनमानी और गुणवता का उपहास उड़ाते हुए केवल अधिक कमाई का लालच रख कर काम करते हैं। ऐसा ही एक मामला यहां तेली रोड़ के वार्ड संख्या 38 व वार्ड संख्या 35 की गली नम्बर 11 में नाली निर्माण कार्य का सामने आया है, जिसमें जमकर धांधली की जा रही है। वार्डवासियों नेइस मामले को लेकर विकास कार्य में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए है।
पुरानी नालियों की मरम्मत करके दिखा रहे हैं नई नाली-निर्माण
जानकारी के अनुसार एक कंस्ट्रक्शन कंपनी द्वारा वार्ड संख्या 38 व 35 में नाली निर्माण किया जा रहा है, जिसमें फर्म संवेदक ने स्वयं अपना काम करने के बजाय सब-कॉन्ट्रेक्टर के रूप में अन्य व्यक्तियों को यह कार्य करने का जिम्मा सौंप दिया। ऐसे सब कंट्राक्टर नाली निर्माण के दौरान पूरी धाधली बरत रहे हैं। वे नालियों के लिए लगने वाली पत्थर की पट्टियां या फरलिए आदि कुछ नहीं लगाए और निर्माण के काम की जगह पुरानी नालियों की मरम्मत मात्र की जा रही है। इसके लिए ये छोटे ठेकेदार आवश्यक सीमेंट’-बजरी असदि का मसाला भी गुणवत्ताहीन काम में ले रहे हैं। वार्डवासी मो. रफीक, अब्दुल हमीद छीम्पा, राजू शर्मा आदि ने बताया कि यहां नाली निर्माण के दौरान पुरानी नाली में महज सीमेंट का घोल डालकर खानापूर्ति की गई है। नालियों के निर्माण के दौरान इनमें सीमेंट-बजरी का गारा व पट्टियां भी इस्तेमाल में नहीं ली गई, ना ही इसका कोई समतलीकरण किया गया है। पहले से बनी हुई ऊबड़-खाबड़ व आड़ी-तिरछी नालियों में महज सीमेंट का पानी डालकर खानापूर्ति मात्र कर दी गई है। इस बारे में अधिशाषी अधिकारी सुरेंद्र सिंह मीणा को अवगत करवाया गया है। उन्होंने संबंधित फर्म पर कार्रवाई करने का भरोसा दिया है।
ठेका किसी और का तथा काम करते हैं कोई और
नगरपालिका क्षेत्र में सड़क निर्माण, नाली निर्माण और अन्य विकास कार्यों में यहां जिस फर्म या ठेकेदार को टेंडर स्वीकृत किया जाता है, वह धरातल पर काम नहीं करते और बड़े ठेकेदार बन कर अन्य छोटे ठेकेदारों को काम के लिए पकड़ लेते हैं, जिन्हें कम कीमत पर ठेके का काम सौंप देते हैं। ऐसे सब-ठेकेदार जिस वार्ड में काम किया जाना होता है, उसके आसपास के किसी व्यक्ति को ढूंढ कर उसे काम दे दिया जाता है। ऐसे में देखने में यह आ रहा है कि टेंडर किसी और के नाम का होता है और मौके पर कार्य पार्षद प्रतिनिधि या उस वार्ड के अन्य कोई नजदीकी लोग करते हुए मिलते हैं, जिससे आम नागरिक को असली ठेकेदार फर्म के बारे में आमजन को जानकारी नहीं मिल पाती। इस प्रकार बिना नगर पालिका से ठेका प्राप्त किए बिना काम करने वाले लोग निर्माण कार्य के दौरान जमकर धांधली और मनमानी करते हैं। नगर पालिका के सक्षम अधिकारियों द्वारा ऐसीगैर जिम्मेदार कंट्राक्टर फर्मों पर कोई कार्रवाई नहीं की जाने से इन्हें बढावा मिल रहा है और विकास क ेनाम पर मात्र लीपापोती की जा रही है।