गौधाम गौशाला द्वारा आयोजित किया गया भव्य जागरण कार्यक्रम,
आकृति मिश्रा व अन्य गायक-कलाकरों की भजन-प्रस्तुतियों ने किया दर्शकों को झूमने पर मजबूर
लाडनूं। यहां आधी पट्टी स्थित गौधाम गौशाला के तत्वावधान में गोपाष्टमी की पूर्वसंध्या पर सोमवार रात्रि को रामस्नेही संप्रदाय के अंतरराष्ट्रीय संत धीरजरामजी महाराज के सान्निध्य में विशाल जागरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। लक्ष्मीपत भोजक के नोहरे में आयोजित इस जागरण में प्रख्यात भजन गायिका आकृति मिश्रा ने देर रात तक लोगों को अपने मधुर-स्वरों के मोहपाश में बांधेे रखा। कार्यक्रम में उनके अलावा अन्य अनेक प्रमुख गायकों ने भी अपनी प्रस्तुतियां दी। इस आयोजन में समागत सभी गायक कलाकारों का स्वागत गौधाम गौशाला की ओर से किया गया। इस अवसर पर प्रमुख अतिथियों भाजपा के जिलाध्यक्ष गजेन्द्र सिंह ओड़ींट, अधिशाषी अधिकारी सुरेंद्र सिंह मीणा, पालिका उपाध्यक्ष मुकेश खींची, पंचायत समिति सदस्य रामनिवास पटेल, आनन्दपाल सिंह के भाई मंजीत सिंह सांवराद, यहां के किन्नर गद्दीपति खुशबू बाई, भाजपा के जिला मंत्री जगदीश प्रसाद पारीक, अंजना शर्मा, लाडनूं युवा मंच के कार्यकर्ताओं आदि का सम्मान भी दुपट्टा एवं मोमेंटो भेंट करके किया गया।
सुमधुर गीतों की धूम मची
मुख्य गायिका के रूप में मंच पर पहुंचने पर आकृति मिश्रा को साफा व माला पहना कर उनका स्वागत किया गया। इस जागरण कार्यक्रम में आकृति मिश्रा ने गौरक्षक लोक देवता तेजाजी महाराज के भजन ‘आजा तेजल आजा, गौ माता का राजा, हाथ जोड़ करा बिणती अेे…’, ‘ओ म्हारी जगत जणनी माई…’ आदि अनेक भजनों की समधुर प्रस्तुतियां दी और सभी श्रोताओं को जिसने देर रात तक बांधे रखा। तेजाजी महाराज के भजनों की प्रस्तुति के दौरान वहां मौजूद गौसेवक झूमने-थिरकने लगे और मंच तक पहुंच गए। कार्यक्रम का प्रारम्भ स्थानीय सुप्रसिद्ध भजन-गायक राकेश चैहान ने गणेश वंदना से करने के बाद विभिन्न देवी-देवताओं के भजन भी प्रस्तुत किए। उनके भजन, ‘चैसठ जोगणी ये, देवी’र मिंदरीये रम ज्याऊं’ को सबसे अधिक सराहा गया। इसके अलावा भी उनके अन्य भजनों की प्रस्तुतियां भी सराहनीय रही। सुजानगढ़ से किशन पुजारी, छापर के ओम प्रकाश राणा आदि ने भजनों की प्रस्तुतियां देकर कार्यक्रम को परवान चढाया। कार्यक्रम में अमित डांवर, रोहित भोजक, जितेंद्र भोजक, चेतन भोजक आदि कार्यकर्ताओं ने समस्त व्यवस्थाएं संभाले रखी। कार्यक्रम-स्थल पर पुलिस की मौजूदगी रही, जिन्होंने व्यवस्थाओं को निरन्तर बनाए रखने और स्ाििति को नियंत्रण में रखने में सहयोग प्रदान किया।
