लाडनूं में सिवरेज के काम में भारी लापरवाही और मनमर्जी से शहर और ग्रामीण सभी परेशान,
रूडपी के अधिकारी भी बने हुए हैं आंखें मूंद कर अंधे, वे केवल दफ्तरों तक रहते हैं सीमित,
आसोटा व पदमपुरा के लोगों ने एलएंडटी का काम बंद करवाया, गलत तरीके से कर रहे थे काम
लाडनूं। शहर के विकास में एक नया अध्याय जोड़े जाने के लिए बहुप्रतीक्षित सिवरेज लाईन को लेकर यहां अनेक जगहों पर विवाद सामने आ रहे हैं। राज्य सरकार की रूडपी के अधीन की जा रही इस इस महती योजना की क्रियान्विति एलएंडटी कम्पनी के अधिकारियों और सब कंट्राक्टरों की लापरवाही, बदनियति और अव्यवस्थाओं की शिकार बन रही है। सिवरेज की लाडनूं शहर से आसोटा की तरफ ले जाई जा रही सीवरेज लाइन का ग्रामीणों की ओर से विरोध किया जाकर काम को रोक दिया गया। सरपंच हरदयाल रूलानिया के नेतृत्व में किए गए इस आसोटा व पदमपुरा गांवों के लोगों के विरोध का कारण कार्य को निर्धारत नक्शे के मुताबिक नहीं किया जाना रहा। इस सीवरेज लाइन का एसटीपी पॉईट आसोटा क्षेत्र में बनाया गया है। वहां तक ले जाने के लिए यह लाईन यहां तहसील व पुलिस थाने के सामने से होते हुए आसोटा की तरफ डाली जाने का काम चालू था, लेकिन इन लोगों ने मौके पर एकत्र होकर उसे रूकवा दिया।
आसोटा ग्राम पंचायत से कोई अनुमति नहीं ली
आसोटा ग्राम पंचायत के सरपंच हरदयाल रूलानिया का कहना है कि एलएंडटी कंपनी अपने मैप के हिसाब से कार्य नहीं कर रही है। कंपनी के द्वारा इस लाइन को पदमपुरा व आसोटा गांव में जबरन ले जाया जा रहा है। इसका विरोध पहले भी किया जा चुका है। शुक्रवार को अब फिर कंपनी के लोगों के द्वारा जेसीबी से लाइन को खोदने का काम शुरू किया गया, इनसे जब परमिशन के बारे में पूछा गया, तो ये कोई भी दस्तावेज नहीं दिखा पाए। उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत की तरफ से इस मार्ग में सिवरेज लाईन डाले जाने के लिए कोई परमिशन नहीं दी जाने के बावजूद ये काम काम करने लगे थे। इस लाइ्रन को आसोटा के बाहर से ले जाई जानी होने के बावजूद जबरन गांव के भीतर इस लाइन को डालने की कोशिश की जा रही है। इसी कारण ग्रामीणों में गहरा विरोध है।
तय मार्ग को बदलने जाने केे विरोध में एसडीएम को दिया ज्ञापन
ग्रामीणों के विरोध के कारण काम को रोक दिए जाने पर पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे एसीएम रामकुमार सिंगल एक बार काम को बंद करने के लिए कहा। सरपंच रूलानिया के इस बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। इसके बाद सरपंच रुलानिया ने यहां उपखंड अधिकारी अनिलकुमार गढ़वाल को ज्ञापन देकर एलएंडटी कंपनी द्वारा निर्धारित नक्शे को छोड़कर जबरन गांव की तरफ लाइन को ले जाया जाने को ग्रामीणों के विरोध का कारण बताया। उन्होंने बताया कि ग्राम पंचायत द्वारा सिवरेज की एसटीपी लगाने के लिए दी गई जगह के लिए लाइन का रूट तय किया गया था, जिसके बावजूद उस रूट को छोड़कर मनमर्जी से काम किया जा रहा है।
विभिन्न मुख्य सड़कों को आठ-आठ महिनों से बना रखा है गड्ढानुमा
लाडनूं शहर के सभी वार्डों में डाली जाने वाल सिवरेज लाईन के लिए सारे शहर की सड़कों को तोड़ा गया है, जिससे पूरे शहर में यातायात और आवागमन व्यवस्था ठप्प सी हो गई है। एलएंडटी कम्पनी को समस्त तोड़ी गई सड़कों को तत्काल वापस बनाने के बाद आगे का काम शुरू करने के निर्देश होने के बावजूद कहीं पर भी ऐसा नहीं किया जा रहा है। कहीं पर तो इन्होंने सड़कों का पुनर्निर्माण कर दिया लेकिन अधिकांश सड़कों पर कई-कई महिनों से खड्डे ही खड्डे पड़ें हैं, जिससे नागरिकगण परेशान हो चुके हैं। बार-बार कहने और शिकायतों के बावजूद मुख्य सड़कों को भी महिनों तक नहंी बनवाया जा रहा है। यहां वार्ड सं. 25 में बस स्टेंड से आने और अनेक वार्डों से होकर गुजरने वाली मुख्य सड़क को गत आठ माह से गड्ढों में तब्दील करके छोड़ दिया गया हैं उसमें सिवरेज का सारा काम पूरा हो चुका और एलएंडटी वाले यह वार्ड छोड़ कर दूसरे वार्डों में काम करने लगे हैं, फिर भी उसकी कोई सुध नहीं ले रहे हैं। एसीएम रामकुमार सिंगल का अनेक बाद ध्यानाकर्षण के बावजूद भी उसे उपेक्षित रखा जा रहा है। नगर पालिका के अध्यक्ष को भी इस बारे में बहुत बार बताया गया, पर कोई असर नहीं हुआ।
रूडपी के अधिकारी बने हुए हैं अंधे
यहां सिवरेज के काम के लिए रूडपी का केम्प कार्यालय खुला हुआ है, लेकिन वह केवल अधिकारियों की मौजमस्ती का अड्डा बन कर रह गया है। वहां कोई अधिकारी कुछ भी काम नहंी करता। ये अधिकारी शहर में कभी भी कोई मौका नहीं देखते। केवल अपने दफ्तर में बैठे रहते हैं। अपने उच्च अधिकारियों को झूठी-सच्ची रिपोर्ट भेजने के अलावा इनका काम केवल एलएंडटी के अभियंताओं और सब ठेकेदारों की करतूतों पर पर्दा डालने का काम करते हैं। शिकायतों के निवारण के बजाए लोगों को टरकाने का काम अधिक किया जाता है। रूडपी का कोई भी अधिकारी आज तक सिवरेज के मौके पर नहंी गया। पूरे शहर को खोद कर डाल दिया गया। मनमर्जी से काम किए जा रहे हैं। पर ये लोग को जानबूझ कर आंखें बंद करके अंधेरा किए रहते हैं अब कौन सुनवाई करे?
