संविदा सेवा से निकाल कर नए संविदा रूल्स में शामिल करना न्यायसंगत नहीं,
एनएचएम संविदा कार्मिक संघ की ओर से मुख्यमंत्री के नाम दिया ज्ञापन
लाडनूं। राजस्थान एनएचएम संविदा कार्मिक संघ की ओर से मुख्यमंत्री के नाम का ज्ञापन यहां उपखंड अधिकारीको सौंपा गया। रामकुंवार बिडियासर ने बताया कि एनएचएम के तहत संविदा पर कार्यरत कार्मिकों की एक ही मांग नियमितीकरण की है, हाल ही में राज्य सरकार ने संविदा कार्मिकों को पूर्व की संविदा सेवा से निकालकर नए संविदा रूल्स में शामिल किया है। संविदा कार्मिकों ने कहा कि नए संविदा रूल्स संविदा कार्मिकों के लिये न्याय संगत नहीं है।
संविदाकर्मियों का नियमन है आधा-अधूरा
उन्होंने बताया कि इस सरकार ने अपने जन घोषणा पत्र वर्ष 2018 में वादा किया था कि संविदा कार्मिकों को स्थाई/नियमितीकरण किया गया था, जो अब तक भी अधूरा है। जबकि नए रूल्स में 5 से 15 साल संविदा पर कार्य कर रहे संविदा कार्मिकों को नए सिरे से नई संविदा पर लिया गया है। नए नियमों में विगत वर्षो में संविदा कार्मिको के द्वारा किये गये कार्य के वर्षो के अनुभव को शून्य कर दिया गया है। आकस्मिक अवकाश को भी घटाकर वार्षिक 25 से 12 कर दिए गए हैं, नए नियमों में नियमितीकरण का कही उल्लेख नही किया गया है और ना ही वार्षिक वेतन वृद्धि एवं पुरानी पेंशन योजना का कहीं हवाला है।, इससे संविदा कार्मिकों में आक्रोश है।
आंदोलन पर उतरना पड़ेगा
संविदा कर्मियों ने कहा कि राज्य सरकार ने यदि एनएचएम कार्मिकों को स्थाई नहीं किया, तो आंदोलन की राह लेनी पड़ेगी, इस मौके पर भगवाना राम, मनोज शर्मा, राजवीर सिंह, गोपाल राम , हिम्मताराम खिचड़, निधि पाणिकर, मुन्नी बिरड़ा, महेश कुमार, प्रेम कुमार, रूपाराम, प्रकाश देव, जयप्रकाश, योगेन्द्र सिंह सहित एनएचएम कार्मिक उपस्थित रहे।