लाडनूं के 4 नम्बर स्कूल की 8 कक्षाएं खुले आसमान में जमीन पर लगती हैं,
मात्र दो कक्षा-कक्ष और बिना चारदीवारी के चलता है स्कूल,
प्रधानाध्यापक की नियुक्ति बीएलओ पर करने से हालात बिगड़ने के आसार
लाडनूं। यहां मगरा बास स्थित राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय संख्या 4 की दुर्दशा किसी से छिपी हुई नहीं है। चारदिवारी विहीन इस विद्यालय में आवारा पशुओं का आवारा विचरण आम बात है। मात्र दो कक्षा-कक्षों से संचालित इस विद्यालय में विद्यार्थी खुले में जमीन पर बैठ कर पढने के लिए मजबूर हैं। इस विद्यालय में छात्र संख्या 251 है और कुल 6 शिक्षक कार्यरत हैं, जिनमें से 4 महिला शिक्षिकाएं, एक प्रधानाध्यापक और एक तृतीय श्रेणी शिक्षक हैं। 8 कक्षाओं में चल रहे इस विद्यालय के लिए शिक्षकों की कमी भी है। इसके बावजूद प्रधानाध्यापक को विद्यालय की व्यवस्थाएं सुधारे जाने के लिए अवसर दिए जाने के बजाए उसे बीएलओ बनाकर फील्ड में शिक्षणेत्तर अतिरिक्त कार्य करने को मजबूर किया जा रहा है। विद्यालय के किसी अन्य अध्यापक को बीएलओ का दायित्व दिए जाने के बजाए स्वयं प्रधानाध्यापक को ही नियमविरूद्ध बीएलओ बनाए जाने के विरोध में यहां जन प्रतिनिधियों सहित अनेक लोगों ने ज्ञापन भी दिए हैं। जानकारी मिली है कि इस विद्यालय में कार्यरत तृतीय श्रेणी शिक्षक जितेन्द्र सिंह को बीएलओ नियुक्ति के आदेश पूर्व में जारी किये गए थे, लेकिन उन्होंने कार्यभार ग्रहण नहीं किया। अब उनका आदेश निरस्त करने के बाद तत्कालीन प्रधानाध्यापक संदीप चैधरी के नाम से बीएलओ के आदेश जारी किए गए। संदीप चैधरी का स्थानान्तरण हो गया और जितेन्द्र सिंह इस पद का कार्य करना नहीं चाहते, इस कारण प्रधानाध्यापक भंवर लाल गढवी के नाम से आदेश जारी किए गए हैं। इस सम्बंध में एसीबीईओ रामचन्द्र भाटी ने बताया कि संस्था प्रधान को बीएलओ पद पर नियुक्ति नहीं दी जा सकती है। इसलिए निर्वाचन अधिकारी को पत्र लिखकर राउप्रावि सं. 4 के प्रधानाध्यापक को बीएलओ पद पर नियुक्ति नहीं दिये जाने को कहा गया है।
पालिका उपाध्यक्ष सहित अनेक पार्षदों ने दिया ज्ञापन
