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एसीजेएम के विरुद्ध वकीलों की हड़ताल 17वें दिन भी रही जारी, बैठक करके पत्रावलियों के स्थानांतरण द्वारा न्यायिक कार्य शुरू करवाने की मांग, एसीजेएम का ट्रांसफर किया जाए, उच्च स्तरीय जांच की जावे : स्थानांतरण तक कार्य बहिष्कार जारी रहेगा

एसीजेएम के विरुद्ध वकीलों की हड़ताल 17वें दिन भी रही जारी,

बैठक करके पत्रावलियों के स्थानांतरण द्वारा न्यायिक कार्य शुरू करवाने की मांग, एसीजेएम का ट्रांसफर किया जाए, उच्च स्तरीय जांच की जावे : स्थानांतरण तक कार्य बहिष्कार जारी रहेगा

लाडनूं (kalamkala.in)। बार संघ लाडनूं के तत्वावधान में यहां अतिरिक्त मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट विमल व्यास के खिलाफ चल रहा पेन डाउन वर्क सस्पेंड लगातार 17 दिनों से जारी है। इस कारण सभी न्यायिक कार्यों में गतिरोध बना हुआ है और न्याय की प्रतीक्षा कर रहे लोग परेशान हैं। इस स्थिति को ध्यान में रखते हुए शनिवार को वकीलों ने एक बैठक आयोजित करके लाडनूं के एसीजेएम कोर्ट में विचाराधीन समस्त पत्रावलियों को समानांतर अन्य कोर्ट में स्थानांतरित कर सुनवाई जारी रखी जावे। वकीलों ने सर्वसम्मति से प्रस्ताव लिया कि एसीजेएम कोर्ट लाडनूं की समस्त पत्रावलियों को अन्यत्र किसी न्यायालय में सुनवाई हेतु स्थानान्तरित किया जावे। साथ ही सभी अधिवक्ताओं ने मांग की है कि जब तक एसीजेएम विमल व्यास का अन्यत्र स्थानान्तरण नहीं होता है, तब तक कोई अधिवक्ता एसीजेएम कोर्ट का कोई भी न्यायिक कार्य नहीं करेगा।

अधिवक्ताओं के साथ सौतेले व्यवहार का आरोप

लाडनूं बार संघ की इस विशेष बैठक में समस्त अधिवक्ताओं ने फिर एक विशेष प्रस्ताव में एसीजेएम विमल व्यास की कार्यशैली व कार्य-व्यवहार एवं अधिवक्ताओं के प्रति द्वेषतापूर्ण व्यवहार को देखते हुए फिर अविश्वास व्यक्त किया है। गौरतलब है कि बार संघ लाडनूं के अधिवक्ताओं द्वारा गत 1 अगस्त को पीठासीन अधिकारी विमल व्यास की कार्यशैली एवं कार्यव्यवहार को न्यायिकपूर्ण नहीं होने एवं अधिवक्ताओं के प्रति सौतेला व्यवहार होने के आरोप लगाते हुए प्रस्ताव लेकर कार्य बहिष्कार प्रारम्भ किया था, जो 17वें दिन भी लगातार जारी रहा‌। शनिवार की बैठक में लिए गए प्रस्ताव में तब यह भी अंकित किया गया है कि जबसे एसीजेएम विमल व्यास लाडनूं में पदस्थापित हुये हैं, तब से लगाकर अब तब तीन बार बार संघ लाडनूं द्वारा अविश्वास प्रस्ताव लिया गया है। पूर्व में एसीजेएम लाडनूं द्वारा कार्यव्यवहार में परिर्वतन का आश्वासन देने पर वकीलों द्वारा न्यायिक कार्य वापस शुरू किया गया था, लेकिन बार-बार समझाने पर भी कोई प्रभाव नहीं पड़ने पर 1 अगस्त को बार संघ लाडनूं द्वारा प्रस्ताव लेकर पैन डाउन किया गया जो आज दिन तक भी जारी है।

एसीजेएम को हटाया जाए, जांच हो

बार संघ लाडनूं की कार्यकारिणी एवं समस्त अधिवक्ताओं ने बैठक में मांग की है कि एसीजेएम / पीठासीन अधिकारी पर आवश्यक कानूनी कार्यवाही करने एवं पीठासीन अधिकारी विमल व्यास का स्थानान्तरण अन्यत्र किए जाने के अलावा लिए गए प्रस्ताव एवं गोपनीय रिपोर्ट के अनुसार राजस्थान हाईकोर्ट की विजीलेंस शाखा एवं प्रशासनिक शाखा द्वारा अतिशीघ्र जांच कर अतिशीघ्र कार्यवाही की जावे, जिनसे लोगों को न्याय मिलने की उम्मीद बनी रहे। साथ ही लगातार 17 दिनों से चल रही पैनडाउन वर्क सस्पेंड से लोगों के रुके हुए न्यायिक कार्य फिर से सुचारू रूप से शुरू हो सके व अधिवक्ता अपने कार्य पर लौट सकें। बैठक में बार संघ के अध्यक्ष भगवती प्रसाद शर्मा, सचिव हरीश मेहरडा, उपाध्यक्ष जयवीर सिंह राठौड़, मुन्नालाल टाक, जयश्री डुकिया, नवाब खां, ईश्वरराम मेघवाल, छोगाराम बुरड़क, इन्द्रचन्द घोटिया, हुलाशचन्द बैंधा, रविन्द्रसिंह राठौड, रविन्द्रसिंह मेड़तिया, नरेन्द्र भोजक, दिलीपसिंह, मुरली मनोहर जांगीड, शेर सिंह जोधा, गोविन्दसिंह, विकास ठोलिया, गुलशेर खां, दिनेश पटेल, गोरधनसिंह, मुकेश जांगीड़, मनीष शर्मा, भोमराज दौलिया, गुलराज नवाज, भरतसिंह चारण, खेताराम खीचड़, अनिष, असलम खा. मनसव खां, धीरजसिंह आदि समस्त अधिवक्ता शामिल रहे।

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Author: kalamkala

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