अस्पताल की व्यवस्थाओं व डाक्टरों के व्यवहार में सुधार तथा सुविधाओं के विस्तार के निर्देश,
एसडीएम मिथलेश कुमार ने किया लाडनूं के राजकीय चिकित्सालय का निरीक्षण
लाडनूं (kalamkala.in)। प्राइवेट अस्पतालों व निजी क्लिनिकों की हड़ताल के चलते उपखंड अधिकारी मिथलेश कुमार ने स्थानीय राजकीय चिकित्सालय का निरीक्षण किया और मरीजों की देखभाल करने और बढ़ती भीड़ का पूरा खयाल रखने और अस्पताल की व्यवस्थाएं चाक-चौबंद रखने के निर्देश दिए। गौरतलब है कि कोलकाता में हाल ही में महिला चिकित्सक के साथ हुए निर्मम रेप के घटनाक्रम के विरोध में आईएमए के आह्वान पर क्षेत्र के समस्त चिकित्सा संस्थान बंद रखे गए। आईएमए सुजला की वाइस प्रेसिडेंट वरिष्ठ महिला चिकित्सक डा. अनिता जैन ने बताया कि शनिवार को सुबह 6 बजे से रविवार सुबह 6 बजे तक 24 घंटे के लिए लाडनूं के सभी निजी अस्पतालों की इमरजेंसी के अलावा सभी प्रकार की सेवाएं पूर्णतया शटडाउन रखी जा रही है। इस कारण उत्पन्न परिस्थितियों के लिए मरीजों के इलाज की व्यवस्थाओं का जायजा लिया।
मरीजों की सुविधाओं और चिकित्सा-कर्मियों के व्यवहार की जानकारी ली
उप जिला कलेक्टर मिथलेश कुमार ने राजकीय उप जिला चिकित्सालय के निरीक्षण में व्यवस्थाओं और मौके पर मौजूद स्टाफ की कार्यशैली को देखा। उन्होंने मरीजों से मिलकर चिकित्सा व्यवस्था की जानकारी ली। साथ ही उन्होंने वहां मिली अवस्थाओं में सुधार करने के लिएआवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उप जिला कलेक्टर मिथिलेश कुमार ने होस्पिटल के पीएमओ डा. कमलेश कस्वा के साथ पूरी अस्पताल का मुआयना किया। इस मौके पर उनके साथ सामाजिक कार्यकर्ता मो. मुश्ताक खान कायमखानी भी थे। मौके पर मौजूद डाक्टरों व नर्सिंग स्टाफ की कार्यशैली के साथ उनकी ड्यूटी की जानकारी ली। उन्होंने चिकित्सालय में भर्ती मरीजों से मिलकर इलाज की स्थिति और डाक्टरों और स्टाफ की कार्य-व्यवहार के बारे में भी जानकारी ली। उन्होंने चिकित्सालय में मरीजों को मिल रही सुविधाओं की जानकारी भी ली और व्यवस्थाओं का जायजा लिया।
अस्पताल में खोली जावे पुलिस चौकी, सोनोग्राफी मशीनों को चालु किया जाए
इस अवसर पर नर्सिंग स्टाफ ने उप जिला कलेक्टर से मांग की, कि अस्पताल परिसर में एक पुलिस चौकी खोली जावे या रात्रि के समय वहां होमगार्ड की ड्यूटी लगाई जावे। सामाजिक कार्यकर्ता मो. मुश्ताक खान कायमखानी ने उनसे अस्पताल में डाक्टरों और अन्य स्टाफ की कमी को पूरा करने और प्रतिदिन की 1100 तक की ओपीडी होने से व्यवस्थाओं में सुधार की आवश्यकता बताई। कायमखानी ने गर्भवती व प्रसूता महिलाओं तथा अन्य मरीजों के लिए अस्पताल में मौजूद लाखों रुपयों की सोनोग्राफी मशीन का उपयोग नहीं होने चिंता जताते हुए सोनोलॉजिस्ट डाक्टर की नियुक्ति की मांग रखी। उन्होंने बताया कि पिछले करीब 3-4 सालों से होस्पिटल में सोनोग्राफी मशीनों का कोई उपयोग नहीं हो पा रहा है। इस कारण महिलाओं और अन्य मरीजों के प्राइवेट स्तर पर सोनोग्राफी करवा कर भारी कीमत चुकानी पड़ रही है। एसडीएम ने पीएमओ डा. कस्वा से इस बारे में जानकारी मांगी और समाधान का आश्वासन दिया।