प्रस्तावित उच्च जलाशय का स्थान परिवर्तित करने की मांग को लेकर ज्ञापन,
नीचे तल पर और अधिक दूरी पर होने से पानी की आपूर्ति बाधित रहने का अंदेशा, उचित जमीन के भामाशाह की अनदेखी करने का आरोप
लाडनूं। तहसील के ग्राम हीरावती और चुण्डासरिया के ग्रामीणों ने बड़ी संख्या मंें यहां उपखंड अधिकारी अनिल कुमार गढवाल के पास पहुंच कर एक ज्ञापन देकर जलदाय विभाग द्वारा बनवाए जा रहे उच्च जलाशय का स्थान परिवर्तन किए जाने की मांग की है। ज्ञापन में बताया गया है कि हीरावती और चुण्डासरिया गांवों के मध्य नहरी जल की घर-घर आपूर्ति किए जाने के लिए प्रस्तावित उच्च जलाशय के निर्माण का स्थान मुख्य मार्ग से आधा कि.मी. दूर एवं कटाणी रास्ता नहीं है। साथ ही दोनों गांवो की ऊंचाई से नीचे तल पर उसका निर्माण किया जाना प्रस्तावित है। इससे इस स्थान पर जलाशय का निर्माण किए जाने के बाद इन दोनों ही गांवों में पानी की आपूर्ति और प्रेशर का अभाव बना रहेगा। मुख्यमार्ग के अलावा और दूरी पर होने से इस जलाशय के लिए पानी की आवक पाईप लाईन की लम्बाई भी अधिक होगी तथा लागत भी अधिक आएगी। भामाशाह द्वारा ऊंचाई वाले स्थान और सड़क के निकट जमीन देने के प्रस्ताव के बावजूद विभागीय कर्मचारियों व अधिकारियों द्वारा जानबूझकर उसकी उपेक्षा करके नीचे तल की जमीन पर पानी की टंकी का निर्माण करवाने पर उतारू है।
चुण्डासरिया गांव में नहीं होगी पानी की आपूर्ति
ग्रामवासियों ने बताया कि इससे चुण्डासरिया गांव में पूर्ण रूप से पानी की आपूर्ति नहीं हो सकेगी। ग्राम चुण्डासरिया की दूरी ग्राम पंचायत मुख्यालय से 10 कि.मी. होने के कारण इस उच्च जलाशय को चुण्डासरिया के लिए ही प्रस्तावित किया गया था। ज्ञापन में मांग की है कि ग्रामीण जनो के हित को देखते हुए जलाशय का स्थान ऊंचा और मुख्य मार्ग के समीप करवाया जाए। इस ज्ञापन की प्रतियां जन स्वास्थ्य एवं अभियांत्रिकी विभाग के अधिशाषी अभियन्ता, विधायक मुकेश भाकर के अलावा बड़ी संख्या में नागौर पहुंच कर भी ग्रामीणों ने दी है। ज्ञापन देने वालों में हीरारवती व चूंडासरियां गांवों के किरताराम, रामेश्वरलाल, मोहनराम, नरपतसिंह, भोलाराम, जगदीश सिंह, पूसाराम, ङूंगरराम, मानाराम, प्रेमाराम, हनुमान, सुगनाराम, तिलोकचंद खिलेरी, झूमरराम, बीरमाराम, मोहन, सुगनाराम, राजेन्द्र गोदारा, रामनारायण, मन्नालाल, हरजीराम, गोविन्दराम, नानूराम, लालराम गोदारा, लक्ष्मण सिंह चारण, बजरंग सिंह, ईमरताराम गोदारा, रूगाराम, भीवाराम गोदारा, रामराकिशन आदि शामिल थे।
