माता विहीन और रोग-पीड़ित पिता की दो बेटियों को मिला नि:स्वार्थ मायरा का सम्बल,
मरुधर मानवता टीम ने मुहिम चलाकर भरा मायरा
डीडवाना (भागीरथ सिंह शेखावत, रिपोर्टर)। समीपवर्ती गांव कोलिया में दो गरीब बहनों का मायरा भर कर समाज के सामने अनुपम उदाहरण प्रस्तुत किया है। यह मिसाल पेश की है जनसेवा में जुटी ‘मरूधर मानवता टीम’ द्वारा।
टीम से मिली सूचना के अनुसार ये दोनों बहनें गांव कोलिया की रहने वाली है, जिनकी माता का दो साल पूर्व निधन हो चुका और पिता गंभीर बीमारी से ग्रस्त होकर पीड़ा भोग रहे हैं। ‘मरुधर मानवता परिवार’ के प्रवक्ता घनश्याम अगरोट ने बताया कि हमारी टीम ने इन दो ग़रीब बेटियों का मायरा भरा। इसमें टीम द्वारा 51000 रूपयों का भात भरा गया और साथ में उपहार स्वरूप ट्रॉली-बैग वेशभूषा का प्रदान किया गया। भात के समय सवाई राम, राजूराम, नेमाराम चाहर, जगदीश मिंडा, रामनिवास मेघवाल और मरुधर मानवता टीम के अन्य सदस्य उपस्थित रहे।
मरुधर मानवता टीम पिछले कई वर्षों से लगातार जरूरतमंद लोगों को मदद करती आ रही है। मरुधर मानवता टीम के संचालक प्रताप सिंह बुरड़क व मोहन राम ढाका की देखरेख में मायरा पूरे विधि-विधान से भरा गया। इस दौरान शामिल सभी गणमान्य नागरिक भी तन, मन व धन से किसी ना किसी पीड़ित परिवार की सहायता के लिए हमेशा तत्पर रहते हैं। यह टीम पीड़ित जनों की सहायतार्थ निरन्तर आगे आने से विदेशों में भी ख्याति प्राप्त कर चुकी है।
