Download App from

Follow us on

‘सेक्सटार्शन’ के रूप में बढता साइबर क्राइम- क्रिमिनल्स के निशाने पर 40 से ज्यादा उम्र के लोग अधिक, साइबर क्राइम में तेजी से बढे उगाही के मामले, बचाव के उपाय जानें, राजस्थान के भरतपुर व मेवात क्षेत्र बने साईबर क्राईम के गढ

‘सेक्सटार्शन’ के रूप में बढता साइबर क्राइम-

क्रिमिनल्स के निशाने पर 40 से ज्यादा उम्र के लोग अधिक, साइबर क्राइम में तेजी से बढे उगाही के मामले, बचाव के उपाय जानें

राजस्थान के भरतपुर व मेवात क्षेत्र बने साईबर क्राईम के गढ

नई दिल्ली (अनुराग मिश्र/आरती राय/अलका त्यागी)। भारत में पिछले दशक के दौरान साइबर अपराध और यौन शोषण ‘‘सैक्सटार्शन’’ की घटनाओं में अच्छी खासी बढ़त हुई है. या ये कहे की टेक्नोलॉजी के दि- रात बढ़ने के साथ ही सेक्सटॉर्शन यानी (ऐसे मामले जिनमें आमतौर पर एक ब्लैकमेलर शामिल होता है जिसके पास पीड़ित की निजी फिल्मों या तस्वीरों तक पहुंच होती है)। दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच ने हाल ही सेक्सटॉर्शन गिरोह के दो मास्टरमाइंड को राजस्थान के मेवात क्षेत्र से गिरफ्तार किया। गिरोह दिल्ली-एनसीआर समेत पड़ोसी राज्यों के 200 से अधिक लोगों को ब्लैकमेल कर उनसे लाखों रुपये वसूल चुका है। गिरोह के सदस्य विभिन्न सोशल एप पर सुंदर लड़कियों की तस्वीरों के साथ फर्जी प्रोफाइल तैयार कर सोशल प्लेटफॉर्म पर लोगों को फ्रेंड रिक्वेस्ट भेजते हैं। फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार करने व दोस्त बनने के बाद वे उनसे वाट्सएप नंबर साझा करते हैं और अश्लील चैटिंग (सेक्सटिंग) शुरू कर देते हैं। दिल्ली पुलिस को साल 2021 में सेक्सटॉर्शन की 409 और इस साल 31 अगस्त तक 1469 शिकायतें मिली, मगर उनमें से कुछ ही शिकायतें एफआईआर में तब्दील हो सकीं। सेक्सटॉर्शन के मामले में ब्लैकमेलिंग का शिकार न बनें। तुरंत शिकायत दर्ज कराएं।
भरतपुर व मेवात इलाका बना सेक्सटार्शन का गढ़
साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन के आंकड़ों के अनुसार पिछले दो साल में सेक्सटॉर्शन के 330 मामले में सामने आए। इनमें 2020 में जहां 80 मामले दर्ज किए गए, वहीं 2021 में अब तक 250 मामले सामने आ चुके हैं। साइबर क्राइम पुलिस के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक नरवीर राठौर कहते हैं कि ऐसे मामलों की जांच में पाया गया है कि ज्यादातर कॉल राजस्थान के मेवात और भरतपुर के दूरदराज के क्षेत्रों में बैठे गिरोह चला रहे हैं। पुलिस लगातार ऐसे लोगों पर कार्रवाई कर रही है। मेवात गंभीर साइबर अपराधों का अड्डा बनता जा रहा है। सेक्सटॉर्शन के गिरोह का गढ़ भी राजस्थान का भरतपुर इलाका ही माना जाता है। यहीं के दो गांव हैं जहां से ये ठग इन घटनाओं को अंजाम देते हैं। पुलिस के अनुसार पिछले दिनों भरतपुर जिले में 40 मामलों का खुलासा किया गया था। इनमें कई ठगों को पकड़ा गया था। गत दिनों सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर को अश्लील वीडियो कॉल का प्रयास करने वाले दो समाजकंटकों को राजस्थान के भरतपुर से पकड़ा गया। इन दोनों युवकों ने सांसद को ‘सेक्सटॉर्शन’ के जाल में फंसा कर वसूली का षड्यंत्र रचा था। मध्य प्रदेश पुलिस ने भरतपुर के सिकरी में छापेमारी कर के इन्हें दबोचने में सफलता पाई।
यह चिंताजनक स्थिति है कि मेवात पूरे देश के साइबर अपराधों व ऑनलाइन ठगी का केंद्र बन चुका है। इनमें बैंक के नाम से झूठे कॉल कर पैसे ऐंठने से लेकर धमकी, फ्रॉड व अश्लील कॉल तक के अपराध सम्मिलित हैं। वर्तमान में अश्लील कॉल कर फंसाने के प्रकरण तेजी से बढ़े हैं। इसमें व्हाट्सएप व अन्य ऐप्स के माध्यम से वीडियो कॉल किया जाता है। अगला जैसे ही कॉल उठाता है तो उसके सामने अश्लील क्लिप चल जाती है। जब तक वह कॉल काटता है, उसका स्क्रीनशॉट ले लिया जाता है व समाज में बदनामी का भय दिखाकर रुपए मांगे जाते हैं। एक मीडिया रिपोर्ट के अनुसार अकेले मेवात से होने वाले प्रतिमाह सेक्सटॉर्शन 40 से 50 प्रकरण सामने आ रहे हैं। पुलिस के अनुसार मात्र 10ः मामले सामने आ पाते हैं अन्यथा लोग बदनामी के डर से एफआईआर ही दर्ज नहीं कराते। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल की बेटी के साथ ओएलएक्स पर ठगी के तार भी मेवात से जुड़े थे। उक्त प्रकरण में जांच करते हुए दिल्ली पुलिस को मेवात से 14 हजार फेक नंबर तथा अवैध हथियार भी मिले थे। मेवात में पांव पसार रहा साइबर अपराध जनता की सुरक्षा के लिए तो गंभीर खतरा है ही, साथ ही यह देश की साइबर सुरक्षा के लिए भी चुनौती के रूप में सामने आ सकता है। राज्य सरकार को चाहिए कि मेवात में बढ़ते साइबर अपराधों पर कड़े कदम उठाए।
वीडियो काॅल को करते हैं रिकाॅर्ड

उसके बाद गिरोह के सदस्य वीडियो कॉल की पेशकश करते हैं। वीडियो कॉल करने पर लड़कियां कपड़े उतारती दिखती हैं और पीड़ितों को भी कपड़े उतारने के लिए आमंत्रित करती हैं। इस तरह हनी ट्रैप में फंसाने के बाद गिरोह के सदस्य लोगों की नग्न तस्वीरें स्क्रीन रिकॉर्डिंग एप के जरिए रिकॉर्ड कर लेते हैं। एक बार नग्न तस्वीरें रिकार्ड करने के बाद गिरोह के सदस्य ब्लैकमेल कर पैसे की मांग शुरू कर देते हैं। पिछले कुछ समय में साइबर फ्रॉड के कुछ खास मामले सामने आए हैं जिनमें लोग इस तरह सेक्सटॉर्शन का शिकार हुए। 2019 में देश में लगभग 1800 मामले साइबर फिरौती के सामने आए थे। इसमें सेक्सटॉर्शन के मामले भी शामिल थे। एनसीआरबी की रिपोर्ट के मुताबिक सबसे अधिक साइबर फिरौती के मामले उत्तर प्रदेश में दर्ज हुए थे।

रिवेंज पोर्नोग्राफी से धमकाते हैं ब्लेकमेलर

रिवेंज पोर्नोग्राफी को हम आम शब्दों में कहे तो ब्लैकमेलर पीड़ित को पर्सनल फोटोस और एमएमएस के जरिए धमका भी सकता है और अपने पर्सनल फायदे के लिए आसानी से इस्तेमाल भी कर सकता है। कई मामलो में वीडियो-कॉलिंग ऐप्स के उपयोगकर्ता इस बात से अनजान होते है. उनकी वीडियो टेप रिकॉर्ड की जा रही है। ऐसे फोन ऐप हैं, जो व्हाट्सएप ऑडियो और वीडियो चैट रिकॉर्ड करते हैं। लोगों के शिकार होने के सबसे आम कारणों में से एक है। ज्यादातर आम लोगों में ऐसे फोन ऐप्स और तकनीक-आधारित क्षमताओं के बारे में जागरूकता की कमी होती है। ऐसे एप्लिकेशन जिनकी किसी की फोन गैलरी (जैसे गेम, फोटो-एडिटिंग ऐप और सोशल नेटवर्क ऐप) की सभी सामग्री तक पहुंच होती है और फॉर्मेट किए गए फोन से डेटा रिकवर करने के लिए सिस्टम में इस्तेमाल लाए जाते है.

इंटरनेट के जरिए धमकाया जाता है

हाल ही ब्रूकिंग्स इंस्टीट्यूशन की एक स्टडी में पाया गया कि सेक्सटॉर्शन के शिकार लोगों में ज्यादातर कम उम्र के होते हैं। वहीं इस तरह के अपराध को अंजाम देने देने वाले क्रिमिनल्स में ज्यादातर पुरुष ही होते हैं। बदनामी के डर से अधिकतर मामलों में पीड़ित चुप रह जाते हैं। ब्रूकिंग्स इंस्टीट्यूशन की ओर से की गई स्टडी में 78 ऐसे केस का अध्ययन किया गया, जो सेक्सटॉर्शन की परिभाषा के तहत आते थे। इन मामलों की सुनवाई अमेरिका के 29 राज्यों में हुई। 3 मामले विदेशी न्यायाधिकरण के थे। अध्ययन में पाया गया कि ‘इंटरनेट की वजह से किसी को सेक्सुअली धमकाने या डराने के लिए जरूरी नहीं कि धमकाने वाला उसी देश में रहता हो।’

अधिक आयु के लोग अधिक फंसते हैं

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता संजय कुमार कहते हैं कि सेक्सटॉर्शन के शिकार लोगों में ज्यादातर 40 से अधिक उम्र के होते हैं। इस तरह के अपराध को अंजाम देने वाले क्रिमिनल्स में ज्यादातर पुरुष ही होते हैं। वयस्क विक्टिम में महिलाओं की संख्या ज्यादा होती है। इस तरह के हमलों के शिकार हुए लोग शर्म की वजह से चुपचाप रह जाते हैं। संजय कुमार कहते हैं कि इस पर लगाम लगाने के लिए अलग से एक कड़ा कानून बनना चाहिए, जिसमें सेक्शुअल अब्यूज, फिरौती, चाइल्ड पॉर्नोग्राफी वगैरह को शामिल किया जाए। किसी अश्लील विषय-वस्तु को ऑनलाइन भेजना, प्रकाशन या प्रसारण गैरकानूनी और दंडनीय है। ऐसा करने वालों पर कानूनी कार्रवाई की जा सकती है। संजय कहते हैं कि एक बार इस जाल में फंस जाने पर निकलना मुश्किल हो जाता है। इसलिए सावधान और सतर्क रहना ही बेहतर है।

ब्लैकमेलिंग का ऑर्गनाइज्ड क्राइम है सेक्सटॉर्शन

साइबर एक्सपर्ट मुकेश चैधरी के मुताबिक सेक्सटॉर्शन के रूप में पिछले एक साल से ब्लैकमेलिंग का ऑर्गनाइज्ड क्राइम चल रहा है। इसमें व्हाट्सएप पर एक वीडियो कॉल आता है। उस कॉल में दूसरी तरफ एक न्यूड लेडी होगी, जो स्क्रीन रिकॉर्डर के जरिए आपके चेहरे के साथ एक वीडियो बना लेगी। बाद में वीडियो को इंटरनेट पर डालने की धमकी देकर आपसे पैसे मांगे जाते हैं। दरअसल, सेक्सटॉर्शन का मतलब हुआ किसी के कंप्यूटर में सेंध लगाकर अश्लील पिक्चर या वीडियो चुराना या फिर वेबकैम से ऐसा करना। फिर इस वीडियो या तस्वीर के जरिए ब्लैकमेल करना।

जबरन वसूली का एक भयानक और अमानवीय अपराध

सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता अश्विनी दुबे कहते हैं कि यह एक खतरनाक अपराध है जिसमें कोई व्यक्ति आपकी निजी और संवेदनशील जानकारी को प्रकट करने की धमकी देता है। सेक्सटॉर्शन जबरन वसूली का एक भयानक और अमानवीय अपराध है। सेक्सटॉर्शन ऑनलाइन ब्लैकमेल के समान है, जिसमें ब्लैकमेलर पीड़ित से कैमरे के सामने यौन गतिविधियों में भाग लेने की मांग करता है, या बड़ी राशि की मांगता है। दिल्ली पुलिस को साल 2021 में सेक्सटॉर्शन की 409 और इस साल 31 अगस्त तक 1469 शिकायतें मिलीं, मगर उनमें से कुछ ही शिकायतें एफआईआर में तब्दील हो सकीं। पुलिस डाटा के मुताबिक, पिछले साल सेक्सटॉर्शन की 409 शिकायतों में केवल 24 मामलों में प्राथमिकी दर्ज की गई थी। वहीं, इस साल कुल 1469 शिकायतों में से केवल 44 मामलों में ही एफआईआर दर्ज की गई हैं।

कई देशों में फैला हैं सेक्सटार्शन का फ्राड

मैशेबल डॉट कॉम के मुताबिक पिछले कुछ सालों में ‘सेक्सटॉर्शन’ की घटनाएं दोगुनी से ज्यादा बढ़ी हैं। सेक्सटॉर्शन ई-मेल सोर्स देशों में भारत दुनिया के शीर्ष 10 देशों में शामिल है। इसमें वियतनाम, ब्राजील और अर्जेंटीना टॉप 3 में हैं। इसमें हनी ट्रैप की तरह लोगों को अपना शिकार बनाया जाता है। इस तरह के फ्रॉड में महिला और पुरुष दोनों शामिल हो सकते हैं। कभी-कभी आरोपी एक व्यक्ति न होकर पूरी गैंग हो सकती है। गैंग में हैकर्स भी होते हैं जो हैकिंग के जरिए ब्लैकमेलिंग करते हैं और अक्सर बड़े लोगों को फंसाते हैं। इस तरह के मामलों के बच्चे भी शिकार होते हैं, क्योंकि वे घबराकर इन अपराधियों के जाल में फंसते चले जाते हैं। उन्हें डर होता है कि उनकी सच्चाई किसी के सामने आ गई तो वे उनकी जिंदगी बर्बाद हो जाएगी। बदनामी और शर्म की वजह से लोग पुलिस में शिकायत नहीं करते और ठगों की मांग पूरी कर देते हैं। बहुत ही कम लोग हैं जो इस बारे में शिकायत करते हैं।

अवैध काॅल सेंटर व डेटिंग एप के जरिए ‘सेक्सटॉर्शन’

मोबाइल गेमिंग ऐप के जरिए करोड़ों रुपये की ठगी करने वाले आमिर खान की जांच के दौरान मिले तथ्यों से पुलिस को पता चला कि जगह-जगह अवैध कॉल सेंटर बना कर डेटिंग ऐप के जरिए वह सेक्सटॉर्शन का भी धंधा चला रहा था। आमिर ने डेटिंग ऐप और फर्जी कॉल सेंटर का जाल इस तरीके से फैला रखा था कि पुलिस भी हैरान है। आमिर ने कई इलाकों में फर्जी कॉल सेंटर खोल रखे थे। कोलकाता पुलिस के अनुसार बाहर से यह किसी कंपनी के लिए कॉल सेंटर होते थे पर भीतर इनसे डेटिंग एप के जरिए श्सेक्सटॉर्शनश् का काम चलता था। दफ्तर में रिसेप्शन से लेकर मैनेजर तक हर स्तर पर एजेंट होते थे। सबसे पहले कॉल सेंटरों से फोन नंबर खरीदे जाते थे। उसके बाद उन्हीं नंबरों पर कॉल कर युवकों को डेटिंग एप की जानकारी दी जाती थी। जो भी डेटिंग के लिए दिलचस्पी दिखाता उन्हें कुछ लड़कियों की फर्जी फोटो भेजी जाती। सब कुछ व्हाट्सएप पर चलता। इन कॉल सेंटरों में महिलाओं के नाम से फर्जी सोशल साइट अकाउंट होते थे। उसके बाद विभिन्न नंबरों पर पुरुषों को फोन किया जाता था। डेटिंग एप में दिलचस्पी दिखाने वाले युवकों से पहले ही एक मोटी रकम ली जाती थी। काम न होने पर पैसे लौटाने का पूरा आश्वासन दिया जाता था। उसके बाद किसी लड़की की फोटो भेजने के बाद कॉल सेंटर वाले और पैसे की डिमांड करते। उसके बाद उससे वीडियो कॉल पर मीटिंग तय की जाती। आगे तय समय पर वीडियो कॉल किया जाता तो अश्लील वीडियो भेजे जाते। फिर उसी वीडियो और स्क्रीन शॉट का इस्तेमाल कर ब्लैकमेलिंग का काम शुरू हो जाता। जो युवक उसमें फंस जाते, उनसे लगातार पैसे लेने का सिलसिला चलता। उन्हें भेजे गए वीडियो का स्क्रीनशॉट ले लिया जाता और पैसों की मांग की जाती। उन्हें धमकी भी जाती कि स्क्रीनशॉट देकर वह पुलिस को बता देंगे और उन्हें बदनाम कर देंगे।

सेक्सटार्शन के बढते धंधे के लिए सख्त आईटी एक्ट की जरूरत

सुप्रीम कोर्ट के सीनियर एडवोकेट व साइबर एक्सपर्ट पवन दुग्गल ने बताया कि कोरोना के बाद सेक्सटॉर्शन के केस कई गुना बढ़े हैं। यह इससे जुड़े गिरोह या अपराधियों के लिए एक धंधे की तरह हो गया है। आज भारतीय कानून में सेक्सटॉर्शन के केस में कोई भी सख्त कानून नहीं है, आईटी एक्ट में धारा 67 के तहत की मामला दर्ज किया जाता है, जिसमें अश्लील इलेक्ट्रानिक्स जानकारी को प्रदर्शित करना शामिल है, यह धारा जमानती है। इसका फायदा इसमें शामिल लोग आसानी से उठा लेते हैं। इसके अलावा भी पुलिस भी ऐसे मामलों में सेक्सटॉर्शन के तहत मामला दर्ज करने से बचती है। इतने मामले आने के बाद भी आज तक भारत में सेक्सटॉर्शन के केस में किसी को भी सजा नहीं हुई है। जबकि होना यह चाहिए ऐसी घटनाओं में पुलिस ब्लैकमेलिंग, प्रताड़ना के साथ अन्य गैर जमानती धाराएं इसमें लगाना शामिल करें। और ऐसे मामलों में जब तक सख्ती नहीं बरती जाएगी, ऐसे करने वालों में डर या अंकुश नहीं लगाया जा सकता है। आईटी एक्ट में बदलाव कर उसमें सेक्सटॉर्शन समेत कुछ अन्य मामलों में संशोधन कर गैर-जमानती बनाना होगा।

तीन तरह से होता है सेक्सटॉर्शन। शारीरिक संबंध के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। दूसरा अधिक वीडियो मांगने के लिए इसका प्रयोग होता है। तीसरा पैसे की उगाही के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। इस अपराध पर भारतीय दंड संहिता और आईटी अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत जबरन वसूली (धारा 383, 384, 385), मानहानि (धारा 499, 500), आपराधिक धमकी (धारा 503, 506, 507) के तहत मामला दर्ज किया जाता है।

पुलिस को सूचना दें

नजदीकी पुलिस स्टेशन में तत्काल शिकायत दर्ज कराएं। फेक आईडी, फोन नंबर के बारे में जानकारी साइबर सेल से शेयर करें। पूरे मामले को साफ-साफ पुलिस को बताएं। सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ एडवोकेट अश्विनी दुबे कहते हैं कि ऐसे मामलों में जल्द से जल्द शिकायत दर्ज करना आवश्यक है क्योंकि इससे अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई करना आसान हो जाता है। पीड़ित को सबसे पहले नजदीकी पुलिस स्टेशन के साइबर क्राइम सेल में फॉर्मल रिपोर्ट दर्ज करनी होगी। यह किसी भी शहर में रजिस्टर किया जा सकता है, जहां आप उस समय मौजूद होते हैं, अधिकार क्षेत्र की परवाह किए बिना।

कानूनी प्रावधानों का रखें ध्यान

अगर आपका कोई वीडियो बना लेता है तो आप अपराधी नहीं हैं। वीडियो बनाने वाला अपराधी है। भारतीय दंड संहिता (प्च्ब्) की धारा 292, 293 और 294 की धाराएं अश्लीलता से संबंधित हैं। धारा 292 के मुताबिक किसी भी तरह की अश्लील सामग्री को प्रकाशित करना अपराध है। इस धारा के तहत 2 साल की सजा हो सकती है। यही अपराध दूसरी बार किया जाए तो 5 साल की सजा हो सकती है और आर्थिक दंड भी दिया जा सकता है। आईटी एक्ट की धारा 67 के तहत भी एक्शन लिया जाता है। यह धारा अश्लील कंटेंट को इलेक्ट्रॉनिक तौर पर पब्लिश करने से संबंधित है। यंग पर्सन (हार्मफुल पब्लिकेशन) एक्ट 1956 और दूसरी धाराओं के तहत भी एक्शन हो सकता है।

पीड़ित होते ही सबसे पहले शिकायत दर्ज कराएं। दोषियों के खिलाफ शिकायत बड़े अपराधों को रोक सकती है। किसी महिला की अश्लील तस्वीर उसकी जानकारी के बिना शेयर की जाती है, तो आईपीसी की धारा 354सी के तहत एक्शन हो सकता है। साथ ही इंडेंट रिप्रजेंटेशन ऑफ वीमेन (प्रोहिबिशन) एक्ट 1986 के तहत कार्रवाई की जा सकती है। आईटी अधिनियम 2022 की धारा 66म् में किसी की सहमति के बिना उसकी फोटो क्लिक करने या प्रसारित करने पर रोक है। वीडियो क्लिप रिकॉर्ड करने और शेयर करने के लिए छिपे हुए कैमरों का इस्तेमाल करना दंडनीय अपराध है। आईटी अधिनियम 2000 की धारा 67ए के तहत सजा का प्रावधान है। साइबर एक्सपर्ट और वरिष्ठ एडवोकेट विराग गुप्ता कहते हैं कि यौन अपराधों के इस्तेमाल या धमकी से वसूली आईपीसी के तहत अपराध है। महिलाओं का पीछा करना, उनके चित्र उतारना, उन्हें अश्लील तस्वीर भेजना या किसी को ब्लैकमेल करना आईपीसी के तहत गंभीर अपराध हैं। ऐसे अपराधों के लिए पांच साल तक की सजा हो सकती है।

इंटरनेट युज करने में बरतें सावधानी

साइबर एक्सपर्ट अमित दुबे ने कहा कि लोगों में काफी कम जागरूकता है। इंटरनेट पर जाते समय काफी सतर्क रहना चाहिए। लोग इंटरनेट को हल्के में लेते हैं, जबकि ज्यादा सतर्कता बरतनी चाहिए। क्योंकि ये ऐसी दुनिया है जहां कौन व्यक्ति किस रूप में आपके सामने आ रहा, वह पता नहीं चलता। सोशल मीडिया पर कनेक्ट करते समय ध्यान देना चाहिए। हो सकता है कोई रिक्वेस्ट आपके फ्रेंड के नाम से आया हो लेकिन वह साइबर फ्रॉड की तरफ से भी आ सकता है, हो सकता है। कोई साइबर फ्रॉड आपकी दोस्त के नाम से प्रोफाइल बनाकर आपसे जुड़ने की कोशिश कर रहा हो और इसके बाद खेल शुरू होता है।
ऐसे बच सकते हैं सेक्सटॉर्शन से
– पॉर्न साइट पर सर्फिंग न करें।
– केवल सेफ वेबसाइट को ही खोलें।
– जिन वेबसाइट के यूआरएल से पहले ताला बना होता है, उन्हीं वेबसाइट पर जाएं।
– लाल रंग से ताले के निशान कटे होने वाली वेबसाइट को खोलने से बचें।
– फ्रेंड रिक्वेस्ट स्वीकार करने से पहले उसकी पूरी तरह से जांच कर लें।
– यदि कोई ब्लैकमेल करता है तो इसकी बेझिझक साइबर पुलिस से शिकायत करें।

साईबर क्राईम के लिए सरकार का पोर्टल

महिलाओं और बच्चों के प्रति साइबर अपराधों पर विशेष बल देते हुए सरकार ने पोर्टल ूूूण्बलइमतबतपउमण्हवअण्पद शुरू किया है। वित्तीय फ्रॉड की तत्काल सूचना देने के लिए नागरिक वित्तीय साइबर धोखाधड़ी रिपोर्टिंग और प्रबंधन प्रणाली शुरू की गई है। साथ ही साइबर शिकायतों को ऑनलाइन दर्ज करने के लिए टोल-फ्री नंबर 155260 शुरू किया गया है।

भारत में परम्परागत तौर पर मौजूद कानून-

1. भारतीय दंड संहिता की धारा-354, 292 एवं 354
2. भारतीय दंड संहिता की धारा-384 जिसमें वसूली के अपराध के खिलाफ प्रावधान.
3. भारतीय दंड संहिता की धारा-376 जिसमें अपराध के खिलाफ प्रावधान.
4. भारतीय दंड संहिता के तहत आत्महत्या के लिए उकसाने का अपराध.
5. पॉक्सो कानून 2012 जिसमें बच्चों की सुरक्षा के लिए प्रावधान है.
6. वर्क प्लेस में महिलाओं की सुरक्षा के लिए 2013 का कानून.
7. आईटी कानून 2000 के तहत साइबर अपराधों के खिलाफ प्रावधान.
इस अपराध से जुड़े कई अन्य सिविल कानून भी हैं। प्राइवेसी यानी निजता का हनन, पीड़ित व्यक्ति और उसके परिवार के जीवन के अधिकार का हनन।

जम्मू-कश्मीर में है ये कानून

जम्मू-कश्मीर में सन् 2018 में दंड संहिता, पीसी एक्ट और एविडेंस कानून में बदलाव करके सेक्सटॉर्शन के अपराध को गैर-जमानती बनाने के साथ पांच साल तक की सजा का प्रावधान किया गया था। उसी तर्ज पर भारत में केन्द्रीय स्तर पर ऐसे अपराधों के लिए सख्त कानूनी व्यवस्था बनाने की जरूरत है। इस अपराध का लाखों लोग शिकार होते हैं, लेकिन अधिकांश लोगों की पुलिस में एफआईआर दर्ज नहीं होती। पुलिस जांच और अदालत में लम्बे मुकदमे के बाद दोषियों को सजा दिलाने में भी अनेक दिक्कतें आती हैं-

1. मोबाइल और कंप्यूटर से किये गये अपराध में साक्ष्य इकट्ठा करना.

2. पुलिस व्यवस्था राज्यों के अधिकार क्षेत्र में आती है जबकि यह अपराध अंतर्राज्यीय या फिर अंतराष्ट्रीय इंटरनेट नेटवर्क के माध्यम से होता है जिन्हें पकड़ने के लिए भारत में राष्ट्रीय साइबर सेल का गठन करने की जरूरत है।

सावधानी-
विश्वास न करें और पर्सनल मूवमेंट को भूलकर भी अपने किसी भी डिवाइस में सेव न करें

1- मोबाइल, लैपटॉप समेत किसी भी डिवाइस में अपने पर्सनल मूवमेंट या नग्न तस्वीर न सेव करें, यह कभी भी हैक हो सकता है।
2- सोशल मीडिया व वर्चुअल तौर पर जुड़े अनजान लोगों पर विश्वास न करें। यहां सावधान रहने की जरूरत है।
3- इंटरनेट या सोशल मीडिया में वही शेयर करें जो नीड टू नो की कैटगरी में आए, निजी लाइफ शेयर करने से बचें।
4- अनजान नंबर, लिंक और ग्रुप्स न जुड़े। किसी भी अश्लील कंटेंट के वीडियो को क्लिक करने पर आपका डेटा हैक हो सकता है।
5- पुलिस को तत्काल शिकायत करें। पुलिस को भी चाहिए कि ऐसे मामलों में शिकायतकर्ता की छवि व पहचान गोपनीय रखे।

Share this post:

खबरें और भी हैं...

अपनी कमाई और ऊर्जा को सकारात्मक कार्यों में लगाकर परिवार को उन्नति के लिए आगे बढाएं- खर्रा,  शहीद मांगू राम खर्रा की 26वीं पुण्यतिथि पर स्वायत्त शासन एवं नगरीय विकास मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने की शिरकत 

Read More »

लाइव क्रिकट स्कोर

कोरोना अपडेट

Weather Data Source: Wetter Indien 7 tage

राशिफल

We use cookies to give you the best experience. Our Policy