शतायु महिला गौसेविका के निधन पर बैकुंठी सजा कर निकाली अंतिम यात्रा
मूण्डवा (रिपोर्टर लाडमोहम्मद खोखर)। निकटवर्ती गांव ढाढ़रिया कला निवासी गोसवेक रही शतायु प्राप्त महिला चुकादेवी पत्नी जेताराम भाम्बू का निधन सोमवार रात्रि को हो गया। मंगलवार को उनके परिवारजनों व ग्रामीणों ने मिल कर गाजे-बाजे के साथ बेंकुटी के साथ उनकी अंतिम यात्रा निकाली और उनका अंतिम संस्कार किया। इस अवसर पर आस-पास के दर्जनभर गांवो के जनप्रतिनिधि एवं ग्रामीण भी उनकी अंतिम यात्रा में शामिल हुए।
शतायु चुका देवी ने अपने शतायु जीवन में गोसेवा को सबसे अधिक महत्व दिया था और उसे बहुत बड़ा पुण्य का कार्य मानती थी। चुका देवी अपने जीवन के शुरुआत से लेकर जिंदगी के अंतिम पड़ाव तक गायों की ही सेवा करती रही थी। मूंडवा ब्लॉक सरपंच संघ के मिडिया प्रभारी दिनेश भाम्बू ने बताया कि चुका देवी ने हर समय अपने घर पर 10 से लेकर 20 गायें रखकर उनकी सेवा के प्रति समप्रित रही थी। वह गांव की पहली महिला थी, जिन्होंने गो सेवा में ही अपना जीवन धन्य माना।
