डीडवाना से कुचामन तक नई रेल लाईन बनाने की मांग, समाजसेवी प्रभात वर्मा ने लिखा रेलमंत्री को पत्र,
मात्र 45 किमी की यह रेल लाईन बनने से जयपुर के लिए संभव होगी रेल सुविधा और दूरी भी 77 किमी कम होगी
लाडनूं। रेलवे सेवाओं के क्षेत्र में विस्तार व सुधार को लेकर संघर्षरत सामाजिक कार्यकर्ता प्रभात वर्मा ने रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव को पत्र लिख कर प्रदेश की राजधानी जयपुर से डीडवाना को जोड़ने के लिए डीडवाना-कुचामनसिटी नई रेल लाइन बनाने की मांग की है। उन्होंने लिखा है कि जयपुर से डीडवाना व आसपास की तहसीलों व गांवों को प्रदेश की राजधानी जयपुर से सीधे जोड़ने हेतु डीडवाना-कुचामनसिटी नई रेल लाइन बनाई जानी आवश्यक है। वर्तमान में डीडवाना, लाडनूं, सुजानगढ़ तहसीलों व विधानसभा क्षेत्रों व आसपास के सैंकड़ों गांवों के प्रवासियों व निवासियों के आवागमन हेतु रेलमार्ग से जयपुर जाने की कोई व्यवहारिक सुविधा उपलब्ध नहीं है। अगर डीडवाना से कुचामनसिटी तक की रेललाइन बन जाती है, तो डीडवाना, लाडनूं, सुजानगढ़ व आसपास के गांवों का जयपुर से सीधा जुड़ाव हो जाएगा। डीडवाना से कुचामनसिटी रेल लाइन की दूरी मात्र 45 किमी ही होगी, जिससे इसकी लागत बहुत कम आएगी। इस लाइन के बन जाने से डीडवाना से जयपुर तक की दूरी मात्र 151 किमी ही रह जाएगी, जो वर्तमान में वाया डेगाना जाने से 228 किमी पड़ती है। इस तरह डीडवाना, लाडनूं व सुजानगढ़ से जयपुर की दूरी में 77 किमी की बचत हो जाएगी। वाया डेगाना जयपुर जाने हेतु वर्तमान में कोई रेल सेवा उपलब्ध नहीं है।
उद्यमियों, किसानों, प्रवासियों को मिलेगा लाभ
इस लाइन के बन जाने से इस क्षेत्र के प्रवासियों, नमक उत्पादकों, प्याज, जीरा, मूंगफली, इसबगोल, जैतून की खेती करने वाले किसानों व व्यापारियों, भुजिया, पापड़, बड़ी, चुरी व खाटा बनाने वाले लघु व कुटीर उद्यमियों, मरीजों व कर्मचारियों को बहुत फायदा हो सकेगा। इन छोटी सी नई रेल लाईन के डले जाने से आजादी के 75 वर्षों के बाद भी जो गांव रेल सेवा से नहीं जुड़े हंै, उनको भी रेल सेवा का लाभ मिल जाएगा। इस रेल लाइन के लिए नागौर के वर्तमान सांसद, डीडवाना व लाडनूं के वर्तमान विधायक व लाडनूं, सुजानगढ़, रतनगढ़, श्रीडूंगरगढ़, जायल व नावां के पूर्व विधायक भी पत्र लिखकर मांग कर चुके है। इससे इसका महतव जाहिर होता है। इस लाइन के बन जाने से प्रदेश व देश की राजधानियों को जोड़ने का एक और वैकल्पिक मार्ग उपलब्ध हो जाएगा। इसके अलावा इस लाइन के बन जाने से कई लंबी दूरी की नई गाड़ियों का संचालन भी संभव हो सकेगा, क्योंकि रिवर्सल की आवश्यकता नहीं रहेगी। इसलिए इस नई रेल लाइन को बनाने की दिशा में आवश्यक कार्रवाई की जानी चाहिए।