भीम आर्मी के प्रदेश महासचिव को लाॅरेंस बिश्नोई ग्रुप के नाम से मिली धमकियों का राज खुला,
पुलिस ने एक आरोपी को किया गिरफ्तार, आरोपी उसके भाई का दामाद निकला,
दो भाइयों की पत्नियों को नहीं भेजने के कारण अपनाया था धमकी का रास्ता
लाडनूं। सुजानगढ और लाडनूं क्षेत्र में चर्चित रहे लाॅरेंस बिश्नोई गैंग के नाम से धमकियों के प्रकरण के चलते यहां हुआ खुलासा काफी अहम है। इस मामले में धमकी के प्रकरण में पुलिस के सामने आई जांच लोगों को अचम्भित कर देने वाली है। पत्नी को पीहर में रखने और ससुराल नहीं भेजने से पीड़ित होकर दामाद ने ही दुःखी होकर धमकी देकर डराने का हथियार अख्तियार किया, लेकिन आखिर वह पुलिस की गिरफ्त से बच नहीं सका। पुलिस उप अधीक्षक राजेश ढाका ने बताया कि यहां के प्रसिद्ध वकील हरीश मेहरडा, जो भीम आर्मी का प्रदेश महासचिव भी है, को विगत 11 अप्रेल को राम करीब सवा ग्यारह बजे सोशल मीडिया एंकाउंट पर इंस्टाग्राम पर ‘लाॅरेंस बिश्नोई सोपू ग्रुप ’ के नाम से धमकी दी गई थी, जिसमें लिखा था, ‘हेलो राम राम जी एडवोकेट साब, हमारे भाइयों को परेशान मत करो, वरना तुमारी जिन्दगी खराब कर देंगे- सोपू ग्रुप लास्ट वार्निंग’। इसके बाद अगली सुबह फिर एक मैसेज मिला। फिर जवाब देने पर एक और मैसेज मिला, ‘मेरे पर्सनल मैटर में मत घुस, ओके, लास्ट वार्निंग, अगली बार वार्निंग नहीं सीधा… ओके।’ फिर लिखता है, ‘जो है, उसको वेसे ही पहने दे, नही ंतो फिर औकाम दिखा देंगे।’ फिर उसी आईडी से धमकी मिली कि बात को आगे मत बढाओ, नही ंतो 30 तारीख को राजस्थान में ही बता देंगे। पुलिस ने इस धमकी के मामले में मिली रिपोर्ट पर एफआईआर दर्ज कर ली और जांच प्रारम्भ की।
डिलीट की गई इंस्टाग्राम आईडी को किया रिजेनरेट
इस मामले में जिला पुलिस अधीक्षक राममूर्ति जोशी, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विमल सिंह नेहरा एवं डीएसपी राजेश ढाका ने मिलकर दो स्पेशल टीमों का गठन किया। पुलिस निरीक्षक राजेन्द्र सिंह कमांडो के नेतृत्व में गठित टीम ने इंस्टाग्राम आईडी का पता लगाने का प्रयास किया। तब मुलजिम ने उस आईडी को ही डिलीट कर दिया। इस पर पुलिस के समक्ष जांच में परेशानी पैदा हुई। पुलिस ने हरियाणा व पंजाब जाकर ‘लाॅरेंस बिश्नोई सोपू ग्रुप’ के नाम से आईडी का इस्तेमाल करने वाले लोगों की पड़ताकर करके उन सभी से पूछताछ की गई। थानाधिकारी राजेन्द्र सिंह ने बताया कि जिस आईडी का इस्तेमाल वकील को धमकी देने के लिए किया गया, उसे डिलीट किए जाने के बावजूद पुलिस की टीम ने उसे फिर से रिजेनरेट किया और उसके पूरे नेटवर्क का पता लगा लिया। इसका उपयोग चैन्नई से किया गया था। मुलजिम का चैन्नई में पता लगाए जाने के बाद वह राजस्थान आ गया।
पत्नियों को नहीं भेजने का मामला आया सामने
राजस्थान आने के बाद उस मुलजिम ने एडवोकेट हरीश मेहरड़ा को व्हाट्सअप से भी मैसेज भेजे, लेकिन वे मैसेज लाॅरेंस ग्रुप के बजाए खुद ने भेजें इन मैसेज की भाषा और धमकी के मैसेज की भाषा मिलती-जुलती थी। इस बारे में एडवोकेट मेहरड़ा ने पुलिस को जानकारी नहीं दी, क्यों कि मैसेज भेजने वाला उसका रिश्तेदार ही था। सीआई राजेन्द्र सिंह कमांडो व खींवसर पुलिस थाने के उप निरीक्षक अशोक बिस्सु के नेतृत्व में गठित टीमों में शामिल एचसी गजेन्द्र सिंह, सिपाही सुरेन्द्र सिंह, जितेन्द्र, गोपालराम, एचसर मूलाराम व साईबर सेल नागौर के एचसी श्यामप्रताप ने सीकर के नेछवा के पास स्थित बोदलासी गांव ये आरोपी सुरेन्द्र कुमार (22) पुत्र पोखरमल चैहान जाति बलाई को गिरफ्तार किया। मुलजिम सुरेन्द्र कुमार ने पुलिस के समक्ष पूरी कहानी स्वीकार की। इससे पता चला कि एडवोकेट हरीश मेहरड़ा के भाई के दो दामाद सगे भाई हैं और पिछले दो साल से उनकी पत्नियों को ससुराल नहीं भेजा जा रहा था। इस पारिवारिक विवाद के चलते परेशान एक दामाद ने इस तरह की धमकी देकर उन्हें परेशान करने का मानस बनाया था।