लाडनूं में 103 साल के वृद्ध की आंखों के ऑपरेशन में मिली सफलता,
नेत्र चिकित्सालय में बढी ओपीडी मरीजों की संख्या, सप्ताह में दो दिन शुक्रवार व बुधवार को मिल रही ऑपरेशन सुविधा
जगदीश यायावर। लाडनूं (kalamkala.in)। स्थानीय झंडा चौक स्थित सुखदेव राजकीय नेत्र चिकित्सालय में सुयोग्य नेत्र विशेषज्ञ और नर्सिंग स्टाफ के चलते सफलतम ऑपरेशन का कीर्तिमान बनाया जा रहा है। हाल ही मे वरिष्ठ नेत्र शल्य चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. बलवीर सिंह ने नेत्र सहायक सुनील कुमार, मेल नर्स श्रवण कुमार व सोहनसिंह के सहयोग से गोपालपुरा निवासी 103 वर्षीय बुजुर्ग व्यक्ति का सफल मोतियाबिंद का ऑपरेशन किया है। इस उम्र के मरीजों का ऑपरेशन करना काफी जटिल, जोखिम भरा और मुश्किल प्रायः कार्य है, लेकिन यहां चिकित्सकीय टीम ने इसे सफलता पूर्वक करके कीर्तिमान कायम किया है।
लगातार बढ़ रही हैं अस्पताल में मरीजों की संख्या
सुयोग्य चिकित्सा और सफल ऑपरेशन सुविधा उपलब्ध होने से यहां राजकीय नेत्र चिकित्सालय में मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। आउटडोर मरीजों में हुई बढ़ोतरी के साथ ही यहां आवश्यक मरीजों को सप्ताह में दो बार ऑपरेशन का लाभ भी मिल रहा है। अब लाडनूं और ग्रामीण क्षेत्र के नेत्र मरीजों को ऑपरेशन आदि के लिए कहीं अन्यत्र दूर नहीं जाना पड़ता। यहां पदस्थापित वरिष्ठ नेत्ररोग चिकित्सा विशेषज्ञ डॉ. बलवीर सिंह ने बताया कि यहां नेत्र चिकित्सालय में इस समय प्रतिदिन 120 से अधिक मरीजों का आउटडोर हो रहा है। साथ ही यहां सप्ताह में दो बार बुधवार और शुक्रवार को मरीजों के लिए आंखों के ऑपरेशन की सुविधा भी दी जा रही है। यहां वर्ष भर के आंकड़ों के मुताबिक औसतन प्रतिमाह 20 से अधिक ऑपरेशन हो रहे हैं। वर्ष भर में 180 सफल ऑपरेशन किये जा रहे हैं। वर्ष 2023 में कंजेक्टिव वायरस के चलते साल भर में मरीजों का ओपीडी 26 हजार के पार पहुंच गया।
आंखों की सुरक्षा के लिए चिकित्सकीय सलाह
बढ़ते मोतियाबिंद और काला पानी की बीमार को लेकर नेत्र विशेषज्ञ ने आम लोगों को सचेत किया है। चिकित्सक का कहना है कि की बिना आंखों की जांच कराए किसी को भी अपनी आंखों में अपनी मर्जी से कोई आई ड्रॉप नहीं डालनी चाहिए। कोई भी आई ड्राप आंखों में डालते रहने से आंखों में कालापानी की बीमारी और समय से पहले आंखों में मोतियाबिंद पनपने और बढ़ने एवं साथ ही कॉर्निया खराब होने का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में आंखों की नियमित सुरक्षा व देखभाल के लिए चिकित्सक की सलाह जरूरी रहती है।