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‘अंधा बांटे रैवड़ी, फिर-फिर अपनों को देत’- लाडनूं में भर्ती का महाघोटाला- नगर पालिका लाडनूं में सफाईकर्मी भर्ती में भारी घोटाला, रिश्तेदारों को और चहेतों को बांटी गई नौकरियां, वाल्मीकि समाज के महिला-पुरूषों ने किया प्रदर्शन, ज्ञापन सौंप कर की जांच की मांग

‘अंधा बांटे रैवड़ी, फिर-फिर अपनों को देत’- लाडनूं में भर्ती का महाघोटाला-

नगर पालिका लाडनूं में सफाईकर्मी भर्ती में भारी घोटाला, रिश्तेदारों को और चहेतों को बांटी गई नौकरियां,

वाल्मीकि समाज के महिला-पुरूषों ने किया प्रदर्शन, ज्ञापन सौंप कर की जांच की मांग

लाडनूं। वाल्मीकि समाज के महिला-पुरूषों ने एकत्र होकर यहां उपखंड कार्यालय के सामने झाड़ू लेकर प्रदर्शन किया तथा मुख्यमंत्री के नाम का एक ज्ञापन उपखंड अधिकारी अनिल कुमार गढवाल को सौंपा। ज्ञापन में बताया गया है कि हाल ही में गत अप्रैल माह में स्थानीय नगरपालिका में सफाई-कर्मियों की भर्ती की प्रक्रिया मनमाने ढंग से की जाकर पालिका के अधिकारियों एवं कर्मचारियों ने मिलीभगत करके अपनी मनमर्जी से अपने चहेते लोगों को लाभ पहुंचाने के उद्देश्य से नियमविरूद्ध प्रक्रिया को पूर्ण कर लोगों को नियुक्ति प्रदान की है। यह नियुक्ति पूर्ण रूप से अवैधानिक है। इससे अन्य आवेदकों के साथ अन्याय हुआ है। ज्ञापन में मांग की गई है कि इस सम्पूर्ण नियुक्ति प्रक्रिया की जांच करवाकर इस भर्ती प्रक्रिया को निरस्त कराया जावे। इस सफाई कर्मचारियों की नियुक्ति प्रक्रिया को मनमानी बताते हुए पदों की स्वीकृत संख्या आदि के सम्बंध में कोई सूचना कहीं भी प्रकाशित नहीं की गई और सूचना को नगर पालिका बोर्ड के नोटिस बोर्ड पर भी चस्पा नहीं की गई। सफाईकर्मी का चयन लॉटरी पद्धति या सर्वे द्वारा किया जाना चाहिए, परन्तु इसमें ऐसा बिल्कुल ही नहीं किया गया। ज्ञापन में आरोप लगाया गया है कि इस भर्ती प्रक्रिया में सिर्फ अपने चहेतों को तथा रिश्वत देने वालों को ही नियुक्ति प्रदान की गई है।

बिना हाजिरी सत्यापन ही दिया जाने लगा वेतन

ज्ञापन में लिखा है कि इन भर्ती सफाई कार्मिकों को नगरपालिका की प्री पे मेनेजर साईट पर ऑनलाईन डाटा फीड करके वेतन का भुगतान किया जा रहा है। इन नियुक्त कार्मिकों की हाजरी रजिस्टर का सत्यापन नहीं कराया जा रहा है। इस कारण इसमें एसआई की भूमिका भी संदिग्ध प्रतीत हो रही है। ज्ञापन में आरोप लगाया गया है कि अधिशाषी अधिकारी सुरेन्द्र कुमार मीणा व कार्यालय सहायक संजय कुमार बारासा द्वारा सामान्य वर्ग में ये नियुक्तियां की गई है। इन नियुक्तियों में कूटरचित ढंग से रिश्तेदारों को 7 तथा कुल 34 नियुक्तियां प्रदान करने में अहम् भूमिका सम्बंधित कार्मिक द्वारा निभाई गई। इस भर्ती प्रक्रिया में आरक्षित व जरूरतमंद बीपीएल, विधवा, विकलांग एवं परित्यक्ता वर्ग को पूरी तरह से वंचित रख दिया गया। ज्ञापन में इसके लिए ओए संजय कुमार बारासा को तुरन्त प्रभाव से निलम्बित किया जाने की मांग की गई है।

भर्ती निरस्त करवाने की मांग

ज्ञापन में बताया गया है कि इस सम्बंध में स्थानीय जन प्रतिनिधियों द्वारा भर्ती प्रक्रिया से संबंधित पत्रावली की प्रतिलिपियां मांगी जाने के बावजूद ओए संजय कुमार बारासा ने किसी को संबंधित दस्तावेज उपलब्ध नहीं करवाए। ज्ञापन में मांग की गई है कि इस अवैध भर्ती प्रक्रिया को तुरन्त प्रभाव से निरस्त कराई जावे, अन्यथा सभी को आंदोलनात्मक कार्यवाही पर उतरने को मजबूर होना पड़ेगा। ज्ञापन देने वालों में प्रसन्न सिंगला, ताराचंद सांगेला, आरती, सुशील तेजस्वी, जसकरण सूर्या, मनजीत सांगेला, गिरधारी चिंडालिया, विमला देवी, सुलोचना देवी, शकुन्तला देवी, आरती देवी, नानूदेवी, मीना, सुरज्ञान, इन्द्रादेवी, वीणा, मीरा, सरला, कमला देवी, मंजू देवी, पिंकी देवी, मैना देवी, सोनू देवी, कंचन आदि वाल्मीकि समाज के लोग एवं अन्य गणमान्य लोगों में भाजपा जिलाध्यक्ष गजेंद्र सिंह ओडिट, भाजपा के जिला प्रवक्ता राजेंद्र सिंह धौलिया, जिला उपाध्यक्ष नाथूराम कालेरा, किसान मोर्चा के पूर्व जिलाध्यक्ष देवाराम पटेल आदि मौजूद रहे। ज्ञापन की प्रतियां जिला कलेक्टर, उप निदेशक क्षेत्रीय डीएलबी एवं निदेशक एवं संयुक्त शासन सचिव स्वायत शासन विभाग जयपुर को भी भेजी गई है।

इनका कहना है-

पालिकाध्यक्ष ने माना इसमें बड़ा भ्रष्टाचार हुआ

सफाईकर्मियों की भर्ती के इस मामले में बहुत बड़ा घोटाला हुआ है। संभवतः यह राजस्थान का सबसे अलग-थलग मामला है। भर्ती की प्रक्रिया में बोर्ड का निर्णय महत्वपूर्ण होता है। बोर्ड की मीटिंग नहीं बुलाई जाती है तो एक कमेटी बनाई जाती है, जिसकी अध्यक्षता चैयरमेन करता है और ईओ व पार्षद उसमें रहते हैं। इस कमेटी द्वारा भर्ती की जाती है। ईओ अकेला कोई भर्ती नहीं कर सकता है। नियुक्ति भी लाॅटरी के आधार पर होती है। अब सम्बंधित कर्मचारी इस भर्ती की फाईलें तक दिखाने से इंकार कर रहे हैं। इस मामले में बड़ा भ्रष्टाचार हुआ है। ये भर्ती मार्च माह में गुपचुप रूप से की गई और वेतन तक उठा लिया गया।
रावत खान, अध्यक्ष, नगर पालिका, लाडनूं

एक ही घर-परिवार से दे दी नौकरियां

नगर पालिका भर्ती 2018 में लाडनूं में सामान्य वर्ग में 3 से 4 पद रिक्त थे, जिसमें अब बिना कोई विज्ञप्ति एवं नोटिफिकेशन के स्वयं ही प्रशासन के कुछ अधिकारियों ने अपने स्तर पर 20 से 30 लोगों को अधिक नियुक्ति दिलवाई है, जिसमें एक ही परिवार के 10 से 15 जनों को नौकरियां और एक ही घर में 4 जनों को नौकरियां दी गई है। इस नौकरी भर्ती में भारी घोटाला हुआ है। इसकी व्यापक व निष्पक्ष जांच की जानी चाहिए।
ताराचंद सांगेला, नेता वाल्मीकि समाज लाडनूं।

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