
लाडनूं। जैन विश्व भारती परिसर में निर्मित ‘साहित्य सदनम्’ के अनुदारकर्ता अमेरिका प्रवासी स्वतत्र जैन और विमला जैन यहां अपने दल के दो दर्जन साथियों के साथ जैन विश्वभारती संस्थान विश्वविद्यालय में आए और विश्वविद्यालय का अवलोकन करने के बाद उन्होंने मुक्तकंठ से सराहना की। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त की कि इस क्षेत्र में इतना अच्छा संस्थान संचालित किया जा रहा है। उनके विश्वविद्यालय आगमन पर यहां उनका स्वागत-सम्मान किया गया। बाद में एक बैठक आयोजित की जाकर समणी अमलप्रज्ञा ने उन्हें विश्वविद्यालय में संचालित विविध पाठ्यक्रमों, सुविधाओं एवं अन्य व्यवस्थाओं सहित अन्य प्रगति के बारे में विस्तार से जानकारी प्रदान की। इस अवसर पर आगन्तुकों की टीम ने संस्थान के डिजीटल स्टुडियो, आॅडिटोरियम, जिम, प्रशासनिक व शैक्षणिक भवनों एवं सुविधाओं का अवलोकन किया। सेमिनार हाॅल में उनके समक्ष योग एवं जीवन विज्ञान के विद्यार्थियों ने योगासनों, सूर्यनमस्कार, विभिन्न यौगिक क्रियाओं का प्रदर्शन किया, जिसे देखकर सभी अभिभूत हो गए। उनके साथ जैन विश्व भारती के अध्यक्ष अमरचंद लूंकड़, पूर्व अध्यक्ष धर्मचंद लूंकड, महाश्रमण विहार के अनुदानकर्ता उम्मेद बोकड़िया़ भी थे। उन्हें अवलोकन करवाने के दौरान रजिस्ट्रार रमेश कुमार मेहता, डिप्टी रजिस्ट्रार विनीत सुराणा, जैनविद्या एवं तुलनात्मक धर्म व दर्शन विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो. समणी ऋजुप्रज्ञा, शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. बीएल जैन, योग एवं जीवन विज्ञान विभाग के अध्यक्ष डा. प्रद्युम्नसिंह शेखावत, डा. युवराज सिंह खंगारोत, डा. अशोक भास्कर आदि भी साथ रहे।
