यह दुनिया चंद दिनों की है आखिर सबको जाना है – मौलाना जाकिर हुसैन साहब
मूण्डवा ( न्यूज रिपोर्टर लाडमोहम्मद खोखर )। “हाथ से दिया लिया ही संग चलेगा, जहां तक हो सके भलाई के कार्य करते रहो।”पर्यावरण प्रेमी व समाजसेवी हाजी गुलाब खान जो हमें छोड़कर दुनिया से चले गए, आज उनके इसालेशवाब के लिए महफिल का आयोजन रखा गया है। कार्यक्रम की शुरुआत मौलाना नईम अख्तर ने कुरान की एक आयत इकरा बिस्मी रब्बी कल लज़ी खलक.. के तिलावत के साथ किया गया। तत्पश्चात शायरों द्वारा नबी की शान में एक से बढ़कर एक नातिया कलाम पेश किया गया। नातिया कलाम पेश कर लोगों को सुभान-अल्लाह व माशा-अल्लाह कहने पर मजबूर कर दिया।
हर शख्स को मौत का मजा चखना है-मौलाना – हब्बीबुल्लाह साहब
दुनिया में हर आदमी आता है और चला जाता है दुनिया में हर शख्स को मौत का मजा चखना है कोई भी आदमी इस भ्रम में नहीं रहे कि वह नहीं मरेगा, इसीलिए अपने हाथों से अपनी कमाई के हिस्से में से गरीब, बेसहारा, जरूरतमंद परिवारों को दान देते रहे। लेकिन हर शख्स को अल्लाह की इबादत समय-समय पर करनी चाहिए और मौत को कभी नहीं भूलना चाहिए, यह विचार गौसिया मदरसा के मौलाना हब्बीबुल्लाह साहब ने तकरीर के दौरान व्यक्त किए।
मौलाना जाकीर हुसैन साहब कुचेरा ने बयान किया कि आपको मालूम होना चाहिए मां जन्नत होती हैं और बाप जन्नत का दरवाजा होता है, इसीलिए मां-बाप की खिदमत(सेवा) करने वाला जन्नत (स्वर्ग) का हकदार होता है, हमें किसी भी हालत में सबसे पहले मां बाप की सेवा करके यह मौका हाथ से नहीं गंवाना चाहिए। इसी प्रकार इन्होंने नमाज पढ़ने को अहमियत दी।इसी प्रकार उन्होंने कहा कि अगर आप बुरे काम करके सोचते हैं कि अल्लाह हमें माफ कर देगा यह भी आपका भ्रम है। इसीलिए हमेशा भलाई के कार्य करते रहो। मौके पर बाहर से आये मेहमान हजरत अल्लामा मौलाना जाकीर हुसैन साहब कुचेरा, हजरत मौलाना नईम अख्तर साहब मदरसा गरीब नवाज, हजरत मौलाना नाहिद अख्तर साहब मदीना मस्जिद, हजरत मौलाना अब्दुल सतार साहब रजा मस्जिद, मौलाना कारी तबरेज आलम साहब, हाफिज अहमद रजा साहब, मौलाना कारी गुलजार साहब मौलाना नाजिम फैजान मदरसा हाजी पीर बक्स, मौलाना सोहराब आलम साहब नूरानी मस्जिद, मौलाना मौलाना हबीबुल्लाह मदरसा इस्लामिया गौसिया ने कलाम पेश किये। और हजारो की संख्या मे गणमान्य नागरिक रात एक बजे तक कार्यक्रम में उपस्थित रहे।