बहुत उपयोगी है हिंसा के वातावरण में अहिंसा का प्रशिक्षण- डा. राठौड़, अहिंसा एवं शांति विभाग द्वारा अहिंसा व शांति की आवश्यकता पर कार्यक्रम आयोजित
बहुत उपयोगी है हिंसा के वातावरण में अहिंसा का प्रशिक्षण- डा. राठौड़,
अहिंसा एवं शांति विभाग द्वारा अहिंसा व शांति की आवश्यकता पर कार्यक्रम आयोजित
लाडनूं। जैन विश्वभारती संस्थान (मान्य विश्वविद्यालय) के अहिंसा एवं शांति विभाग द्वारा संचालित प्रसार कार्यक्रम के तहत ग्राम खानपुर के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय के छात्र-छात्राओ को ‘वर्तमान समय में अहिंसा एवं शांति की उपयोगिता’ पर जानकारी दी गई। विभागाध्यक्ष डॉ. रविन्द्र सिह राठौड ने बताया कि वर्तमान सामाजिक समस्याओं के पीछे व्यक्ति का स्वार्थ ही निहित रहता है। अपने उद्देश्य पूरे करने के लिए आज व्यक्ति किसी भी हद तक गिर सकता है और वह किसी भी तरह की हिंसा, चाहे वह शारीरिक हो या फिर संरचनात्मक, वह करने के लिए तैयार रहता है। हिंसा के वातावरण में हत्या, लूट, भ्रष्टाचार, चोरी, धोखाधड़ी बलात्कार आदि करने में व्यक्ति निःसंकोच बन चुका है। इसलिए आज के समय में अहिंसा के प्रशिक्षण की अति आवश्यकता है। कार्यक्रम में स्कूल के अध्यापकों ने भी अहिंसा के महत्व और महावीर की अहिंसा के बारे में बताया। उन्होंने कहा कि महान बनने के लिए अहिंसा एवं शांति के गुणों का होना आवश्यक है। इनसे ही मनुष्य सफलता प्राप्त करता है। शिक्षा विभाग के प्राध्यापक डॉ. आभा सिंह ने भी बच्चों को आगे बढ़ाने के लिए अहिंसा का होना बताया। विभाग की छात्राएँ उषा टाक, संगीता जानू, ज्योति रेगर, हारून्निशा ने भी इस कार्यक्रम में अपनी सहभागिता निभाई।