सामाजिक समरसता के संदेश को लेकर मेड़ता से निकली समरसता यात्रा का भव्य स्वागत व कार्यक्रम आयोजित,
मीरां की नगरी से शुरू हुई और गुरू रविदास की तपोभूमि पर होगी सम्पन्न
मूण्डवा (रिपोर्टर लाडमोहम्मद खोखर)। भक्त शिरोमणी मीरा बाई की नगरी मेड़ता से पंजाब के लिए निकली सांझीवालता यात्रा शुक्रवार को मूंडवा पंहुची। मूंडवा में इस यात्रा का भव्य स्वागत किया गया। खांडला माता मंदिर परिसर में यात्रा का दो घंटे का विश्राम रहा, जहां सत्संग का आयोजन किया गया। सामाजिक समरसता के संदेश को लेकर मेड़ता से प्रारम्भ हुई यह यात्रा पंजाब, हिमाचल, जम्मु कश्मीर होते हुए 31 दिन पूरे करके 4 दिसम्बर को हरियाणा के यमुनागर मीरां के गुरू संत रविदास की तपस्थली पर पूर्ण होगी।
समाज में समरसता के भाव जगाएंगे
सामाजिक समरसता के क्षेत्रीय संयोजक प्रमोद कुमार ने बताया कि मीरां चली सतगुरू के धाम नाम से यह सांझीवालता यात्रा का आयोजन हो रहा है। समाज में समरसता का भाव जाग्रत करने के लिए यह यात्रा निकली है। भक्ति आंदोलन में मीरा बाई भी एक पात्र रही है। भक्तिकाल के संतो ने सतीप्रथा, छुआछूत के साथ बालविवाह, रात्रि विवाह, घूंघट प्रथा व जातिवाद को भी दूर करने के का आंदोलन चलाया था। पारकीय आक्रमणों एवं शासन के चलते समाज में ये विकृतियां पनप गई थी इन विकृतियों को मिटाने के लिए भी भक्ति आंदोलन चला था। भक्ति आंदोलन के संतो, भक्तों, गुरू साहिबानो के जीवन प्रसंगो को बार-बार याद करना तथा उनके जीवन से प्रेरणा लेकर समाज को सक्षम बनाने के लिए इस यात्रा का आयोजन चल रहा है। इस दौरान बोलते हुए भारतीय किसान संघ के रामनिवास राव ने कहा कि आसाम तक पारकीय शक्तियां नहीं पंहुच पाई थी, जिससे आसाम कभी गुलाम नही हुआ और न ही वहां ऐसी विकृतियां आयी।
सजे हुए रथ में हैं मीरां की चरण पादुकाएं, शंख और भक्तमाल ग्रंथ
इस यात्रा में एक रथ सजाया गया है। इस रथ में गुरूग्रंथ साहिब, भक्तमाल नामक ग्रंथ है, जो भक्तिकाल के संत नाभादास के द्वारा लिखा गया है, जिसमें भक्तिकाल के संतों की जीवनियां लिखी हुई है। इसमें मीरा बाई की चरण पादुकायें, शंख इत्यादि रखे हुए हैं। यात्रा के स्वागत के लिए पालिका अध्यक्ष प्रतिनिधि के तौर पर आरएलपी नेता सुभाष कंदोई, भाजपा किसान मोर्चा के लक्ष्मीनारायण मुंडेल, भारतीय किसान संघ के रामनिवास राव, ओमप्रकाश मुंडेल, सम्पत मुंडेल, नवरतन बंग, दयानंद गेपाला, अशोक कुमार इत्यादि सम्मिलित हुए।
