जातिवाद और जातिगत भेदभाव के विरोधी थे महात्मा फुले- यायावर, लाडनूं में मनाई महात्मा ज्योतिबा फुले की 198वीं जयंती

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जातिवाद और जातिगत भेदभाव के विरोधी थे महात्मा फुले- यायावर,

लाडनूं में मनाई महात्मा ज्योतिबा फुले की 198वीं जयंती

लाडनूं (kalamkala.in)। अखिल भारतीय कुशवाहा (सैनी-माली) महासभा के तत्वावधान में महात्मा ज्योतिबा फुले की 198वीं जयंती पर शुक्रवार रात्रि में अ.भा. कुशवाहा सैनी माली महासभा की महिला जिलाध्यक्ष पार्षद सुमित्रा आर्य के निवास पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। महासभा की राजस्थान प्रदेश पत्रकार समिति के अध्यक्ष जगदीश यायावर ने मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुए कहा है कि देश में जातिवाद के स्वरूप की भीषणता के माहौल में बगावत करते हुए संघर्ष पर उतर कर समाज में बदलाव पैदा करने वाले महात्मा ज्योतिबा फुले के जीवन व कार्यों से सबको प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने कहा कि महात्मा फुले जातिवाद और जातिगत भेदभाव के विरोधी थे। उन्होंने समाज में समानता को महत्व दिया और ऊंच-नीच तथा अस्पृश्यता के भेदों को मिटाने का बीड़ा उठाया था। महात्मा फुले ने समाज में हर जाति-वर्ग के लिए शिक्षा को आवश्यक मानते हुए शिक्षा का प्रसार किया।

महात्मा फुले के आदर्शों को जीवन में उतारें

कार्यक्रम में डा. राजेन्द्र सिंह आर्य ने महात्मा फुले की जयंती मनाने से अधिक उनके जीवन आदर्श को अपनाने को जरूरी बताया और कहा कि हमें भी सामाजिक भेदभाव और कुरीतियों को मिटाने के लिए कार्य करना चाहिए। पूनमचंद मारोठिया ने महात्मा फुले के जीवन पर प्रकाश डालते हुए उनके सिद्धांतों को जीवन में उतारने पर बल दिया। गुलाबचंद चौहान ने महात्मा फुले को महात्मा गांधी का भी गुरु बताया और कहा कि अम्बेडकर ने महात्मा फुले के जीवन और साहित्य से ही प्रेरणा ली थी। विकास चौहान, रामचन्द्र टाक, भोलाराम सांखला आदि ने भी महात्मा फुले को माली समाज के लिए आदर्श बताया और आज की परिस्थितियों के अनुकूल सिद्धांतों को अपनाने पर जोर दिया तथा जयंती के अवसर पर शहर में रैली निकाली जाने की आवश्यकता बताई। कार्यक्रम के अध्यक्ष भंवरलाल चौहान ने अपने सम्बोधन में पूरे समाज के लिए महात्मा फुले को प्रेरणादायी बताते हुए उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की। कार्यक्रम की संयोजिका महासभा की महिला जिलाध्यक्ष पार्षद सुमित्रा आर्य ने सबके प्रति आभार ज्ञापित करते हुए महिला शिक्षा और महिला उत्थान के लिए किए गए महात्मा फुले के कार्यों को विशेष बताया। उन्होंने महात्मा फुले और सावित्री बाई फुले को भारत रत्न देने की मांग भी उठाई। कार्यक्रम में राधेश्याम सांखला, हंसराज सांखला, गौरीशंकर टाक, भंवरलाल टाक, सुरेश टाक, हुलासचंद जांगिड़, तारा आर्य, पूर्व पार्षद पूनम आर्य, सुनीता आर्य, सावित्री गहलोत, आकांक्षा सांखला, पीयूष आर्य, दिव्यांशु आर्य आदि ने महात्मा ज्योतिबा फुले के चित्र पर पुष्पार्पित करके श्रद्धांजलि दी।

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Author: kalamkala

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