लाडनूं के प्राचीन जानकी वल्लभ मंदिर की कायापलट में लगे हैं विहिप कार्यकर्ता,
लाडनूं के सबसे पहले राम मंदिर के रूप में प्रतिष्ठित है यह जागीरदारों द्वारा निर्मित मंदिर
जगदीश यायावर। लाडनूं (kalamkala.in)। अयोध्या में राममंदिर की प्रतिष्ठा के अवसर पर 22 जनवरी को दूसरी दीपावली मनाए जाने और मंदिरों में विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजन की योजना के तहत शहर के मंदिरों की रंगाई-पुताई किए जाने और उनकी साज-सज्जा किए जाने को लेकर विश्व हिन्दू परिषद सक्रिय है। हालांकि नगर पालिका ने भी मंगलवार को बैठक करके मंदिरों की सुध लेने की सोची है। यहां सदर बाजार के झंडा चैक स्थित जानकी वल्लभ मंदिर के रंग-रोगन किए जाने और सजावट किए जाने का कार्य विश्व हिन्दू परिषद की ओर से जोर-शोर से चालू है। यहां रोशनी से मंदिर को डेकोरेटेड करने और अयोध्या के कार्यक्रम की लाईव प्रसारण की व्यवस्था भी की जाएगी। आसपास के दुकानदार भ्ज्ञी इस कार्य के लिए सहयोग कर रहे हैं। गौरतलब है कि जानकी वल्लभ मंदिर बहुत प्राचीन है और इसका निर्माण जागीरदार द्वारा कराया गया था। भगवान राम और जानकी का सबसे पुराना लाडनूं का यह एकमात्र मंदिर है। इसकी बनावट भी झरोखेदार है और प्राचीन वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण कही जा सकती है। मंदिर के बाहर एक प्रस्तर-स्तम्भ में इसके निर्माण के सम्बंध में शिलालेख भी लगाया हुआ है। हालांकि कई बार उस पर पुताई किए जाने से उसे पढ पाना कुछ दुरूह हो गया है।
सदैव महत्वपूर्ण रहा है यह प्राचीन मंदिर
इस मंदिर का स्थान कभी पूरे शहर का हृदयस्थल हुआ करता था। यहां सामने जो चैक है, उसे झंडा चैक कहा जाता है, क्योंकि गढ (ठिकाने) का जो राजकीय झंडा होता था, उसे यहीं पर फहराया जाता था। यहां तक आने के लिए लाडनूं के गढ के मुख्य द्वार के सामने से सीधा रास्ता निकल कर आता है। रणवास की महिलाएं ठकुरानी के साथ यहां दर्शनों के लिए आती थी। इसके पास ही यहां का सबसे प्राचीन बाजार हुआ करता था, जो आज भी मौजूद है। यह सूर्यवंशी राम को समर्पित मंदिर है और यहां जागीरदारीकाल में सूर्यवंशी शासक ही राजकार्य संभालते थे। यहां की सड़क पत्थर के फरलियों से निर्मित थी और लोग इस प्राचीन सड़क को देखने के लिए आते थे। उसे अब पिछले कुछ साल पहले नगर पालिका ने तुड़वा कर सीसी रोड में तब्दील कर दिया। बाजार की प्राचीनता को अब कुछ बदला जाने लगा है, लेकिन अभी तक पुरानी दुकानें अपने मूल स्वरूप में भी मौजूद हैं इस स्थल की विशेषता यह है कि परे शहर का भूमि-स्तर ऊपर उठ चुका है और पुराने मकान जमीन के अंदर धंस चुके हैं, लेकिन इस स्थान के भूस्तर में कोई परिवर्तन अभी तक नहीं आया है। सैंकड़ों सालों बाद भी यह स्तर आश्चर्यजनक रूप से जस का तस बना हुआ है। यहां के दुकानदार भी अपनी बैठकों के लिए इस मंदिर का उपयोग करता है। सदैव खुला रहने वाला यह मंदिर आज भी लोगों की आस्था का केन्द्र बना हुआ है।
मंदिर के लिए दुकानदारों की मांग
झंडा चैक के दुकानदारों ने नगर पालिका के अधिशाषी अधिकारी को पत्र लिख कर अयोध्या के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में सदर बाजार को भव्य बनाने के लिए कुछ सुझाव प्रस्तुत किए हैं। हंसराज सोनी ने इस पत्र में लिखा है कि राज्य सरकार के आदेशानुसार 22 जनवरी को लाडनू मुख्य बाजार सदर बाजार को भी भव्यता दी जानी चाहिए। लाडनूं के मुख्य बाजार में जानकी वल्लभ भगवान का मंदिर है, वहां पर लाडनूं व्यापार मंडल की तरफ से 22 जनवरी को सामूहिक कार्यक्रम रखा गया है। इसके लिए नगर पालिका को अयोध्या कार्यक्रम के लाइव प्रसारण हेतु बड़ी साईज की एलईडी स्क्रीन लगवानी चाहिए। नगर पालिका द्वारा जानकी वल्लभ मंदिर की सजावट व आस पास लाइटिंग की व्यवस्था में सहयोग करना चाहिए। नगर पालिका की तरफ से इस जानकी वल्लभ मंदिर में 22 जनवरी को पूरे दिन भजन, सुंदरकांड के पाठ आदि का आयोजन करवाया जाए। मंदिर के पास गंदे पानी के उचित बहाव के लिए तत्काल एक नाली बनवाई जाए, ताकि आम आदमी व रिक्शे वालों आना-जाना आसान हो सके। अन्यथा 22 जनवरी को भक्तजनों के आने जाने परेशानी होगी। इसके लिए बाबूलाल छींपा की दुकान से भवरलाल माली की दुकान के बीच मात्र 20 फीट की नाली का क्रॉसिंग निर्माण करवाया जाए। जानकी वल्लभ मंदिर के पास के बिजली के खम्भों पर बड़ी हेलोजन लाइटें लगवाई जाए।
