डीजे का प्रयोग जिले भर में सख्ती से बंद, लाउडस्पीकरों का उपयोग भी होगा सीमित, डी.जे. व लाउडस्पीकर से होने वाले ध्वनि प्रदूषण की रोकथाम के लिए कलेक्टर ने दिए आदेश, ‘कलम कला’ ने उठाया था मुद्दा

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डीजे का प्रयोग जिले भर में सख्ती से बंद, लाउडस्पीकरों का उपयोग भी होगा सीमित,

डी.जे. व लाउडस्पीकर से होने वाले ध्वनि प्रदूषण की रोकथाम के लिए कलेक्टर ने दिए आदेश, ‘कलम कला’ ने उठाया था मुद्दा

लाडनूं/ डीडवाना (kalamkala.in)। जिला कलेक्टर पुखराज सैन ने पूरे जिले में अधिनियम, नियमों एवं आदेशों की अवहेलन करते हुए सरेआम डीजे एवं लाउडस्पीकरों का प्रयेाग करते हुए ध्वनि प्रदूषण पैदा करने के खिलाफ सख्त कार्रवाई किए जाने के आदेश दिए हैं। उन्होंने डीडवाना-कुचामन के जिला क्षेत्राधिकारिता क्षेत्र में बिना सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के जिन मोटर यानों पर डी.जे./लाउडस्पीकर का प्रयोग किया जा रहा है, उन सभी मोटर यानों के विरूद्ध मोटर यान अधिनियम 1988 यथा संशोधित अधिनियम, 2019 की धारा 39, धारा 66, धारा 192, धारा 192 ए, व धारा 207 व अन्य सुसंगत धाराओं के अन्तर्गत विधिक कार्यवाही अमल में लाई जाने का आदेश में लिखा है।

पाबंदी की हो रही अवहेलना को रोका जावे

जिला कलेक्टर पुखराज सैन ने अपने आदेश क्रमांक एक. (6) () न्याय/डी.जे. ध्वनि प्रदू/2024/3255-56 दिनंाक- 21-11-2024 द्वारा जिला पुलिस अधीक्षक व जिला परिवहन अधिकारी को जारी करके कार्रवाई के लिए पाबंद किया है। आदेश में बताया गया है कि उच्चतम न्यायालय ने सिविल रिट पिटीशन (सी) नम्बर 72/98 में दिनांक 18.07.2005 एवं एसस.एल.पी. 2686/99 (जेटी 2000(9)एससी 575 में पारित आदेश दिनांक 30.08.2000 से नगरीय एवं औद्योगिक क्षेत्रों में ध्वनि का स्तर नियंत्रित मात्रा में रखने एवं रात्रि 10 बजे से प्रातः 6 बजे तक ध्वनि प्रसार यंत्रों के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया हुआ है। ध्वनि प्रदूषण (विनियमन एवं नियंत्रण) नियम, 2000 की पूर्ण पालना सुनिश्चित करने एवं ध्वनि प्रसार यंत्रों के उपयोग/प्रयोग पर समयावधि के लिए पाबन्द लगाये जाने के बावजूद भी डी.जे. युक्त वाहनों/लाउडस्पीकरों का प्रयोग कर आदेशों की अवहेलना की जा रही है। इसलिए इस संबंध में पुनः निर्देश दिए गए हैं कि इसके नियमों की पूर्ण पालना सुनिश्चित करवाई जाकर दोषी व्यक्तियो के विरूद्ध तत्काल सख्ती से ध्वनि प्रदूषण (विनियमन एवं नियंत्रण) नियम, 2000 एवं मोटर यान अधिनियम 1988 यथा संशोधित अधिनियम, 2019 के नियमों के अन्तर्गत कार्यवाही करंे/करवाएं।

आदेशों के अनुसार ये रहेंगे नियम

आदेश के अनुसार ध्वनि प्रदूषण (विनियमन एवं नियंत्रण) नियम, 2000 के नियम 5, जिसमें लाउड स्पीकर और लोक सम्बोधन प्रणाली और ध्वनि उत्पन्न करने वाले उपकरणो के प्रयोग हेतु प्रावधान विद्यमान है। ध्वनि प्रदूषण (विनियमन एवं नियंत्रण) नियम, 2000 के नियम 5 में विद्यमान प्रावधानो के अध्याधीन ही जिला डीडवाना-कुचामन के क्षेत्राधिकारिता क्षेत्र में लाउड स्पीकर और लोक सम्बोधन प्रणाली और ध्वनि उत्पन्न करने वाले उपकरणो का प्रयोग किया जाना सुनिश्चित किया जावे। इनके अनुसार ध्वनि-प्रदूषण (विनियमन एवं नियंत्रण) नियम, 2000 के नियम 5 (1) अनुसार लाउडस्पीकर या लोक सम्बोधन प्रणाली का प्रयोग केवल प्राधिकरण से लिखित अनुज्ञा अभिप्राप्त करने के पश्चात ही किया जा सकेगा। ध्वनि प्रदूषण (विनियमन एवं नियंत्रण) नियम, 2000 के नियम 5 (2) अनुसार लाउड स्पीकर या लोक सम्बोधन प्रणाली या ध्वनि उत्पन्न करने वाला उपकरण या वाद्य उपकरण या ध्वनि प्रवर्धन का प्रयोग हॉल के भीतर सिवाय तब के जब वह संसूचना के लिए बंद परिसर जैसे प्रेक्षागृह, सम्मेलन कक्ष, सामुदायिक हॉल, प्रतिभोज हॉल हो या सार्वजनिक आपातस्थिति के दौरान रात्रि में नहीं किया जायेगा। ध्वनि प्रदूषण (विनियमन एवं नियंत्रण) नियम, 2000 के नियम 5 (3) अनुसार उपनियम (2) में अंतरित किसी बात के होते हुए भी, राज्य सरकार ऐसे निर्बन्धनों और शतों के अध्यधीन, जो ध्वनि प्रदूषण को कम करने के लिए आवश्यक है, किसी संस्कृतिक या धार्मिक पर्व के अवसर पर या उसके दौरान लाउड स्पीकर्स या (रात्रि के दौरान लोक शब्द संबोधन प्रणाली और इसके समान का प्रयोग रात में (10 बजे से 12 बजे पन्द्रह दिन से अधिक की नहीं होगी, अनुज्ञात कर मध्य रात्रि तक) सीमित अवधि के लिए, जो किसी कलेण्डर वर्ष के दौरान कुल ध्वनि प्रदूषण (विनियमन एवं नियंत्रण) नियम, 2000 के नियन 5 (4) अनुसार सार्वजनिक स्थान जहां लाउड स्पीकर या लोक सम्बोधन प्रणाली या ध्वनि का कोई अन्य स्त्रोत उपयोग में लाया जा रहा है, की चार दिवारी मे ध्वनि स्तर, क्षेत्र के लिए परिवेशी ध्वनि स्तर 10 डीबी (ए) या 75 डीबी (ए) जो भी कम हो, से अधिक नहीं होगा। ध्वनि प्रदूषण (विनियमन एवं नियंत्रण) नियम, 2000 के नियम 5 (3) अनुसार किसी निजी स्वामित्व की ध्वनि प्रणाली या ध्वनि उत्पन्न करने वाले उपक्रम या परिधीय ध्वनि स्तर, निजी स्थान की चारदीवारी में, उस क्षेत्र जहां यह उपयोग में लाया जा रहा है, के लिए परिवेशी ध्वनि मानक के 5 डीबी (ए) से अधिक नहीं होगा।

कलम कला’ ने पुरजोर तरीके से उठाया था मुद्दा

क्षेत्र के लोकप्रिय न्यूज पोर्टल ‘कलम कला’ ने गत 15 नवम्बर को ‘प्रतिबंध के बावजूद पुलिस व प्रशासन की कार्रवाई से बेपरवाह और लोगों से झगड़ने पर उतारू डीजे संचालकों पर कौन कसेगा शिकंजा?
लाडनूं में डीजे की तेज गूंज और धमाकों भरी आवाज से लोगों के कानों, दिल-दिमाग और स्वास्थ्य पर संकट गहराया, मकानों की दीवारें और छतें तक थर्राई’ शीर्षक ने सचित्र खबर प्रकाशित की थी, जिसके बाद पूरे जिले का प्रशासन सक्रिय हुआ। इसके बाद जिला प्रशासन की ओर से कलेक्टर ने यह आदेश जारी किया है। आदेश अपने आप में परिपूर्ण है, और अगर पूरी तरह लागू किए गए तो लोगों को निश्चित रूप से राहत मिल सकेगी। अगर इस आदेश की क्रियान्विति में पूर्व की तरह ही शिथिलता बरती गई और ढाक के तीन पात वाली स्थिति रही, तो जनता की सांसें सांसत में रहेगी।

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Author: kalamkala

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