ऐतिहासिक घूमर की 40 वर्ष पूर्व संस्थापना करने वालों में शामिल सत्यनारायण प्रजापति को ‘नींव का पत्थर’ सम्मान से नवाजा, सेवकों के चौक में होने वाली घूमर को कुम्हारों के बास में किया था शुरू 

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ऐतिहासिक घूमर की 40 वर्ष पूर्व संस्थापना करने वालों में शामिल सत्यनारायण प्रजापति को ‘नींव का पत्थर’ सम्मान से नवाजा,

सेवकों के चौक में होने वाली घूमर को कुम्हारों के बास में किया था शुरू 

लाडनूं (kalamkala.in)। शहर की शान कही जाने वाली प्रसिद्ध आकर्षण से भरी मनभावन घूमर का आयोजन हर वर्ष होली पर यहां कुम्हारों के बास में आयोजित किया जाता है। यह परम्परा पिछले 40 वर्षों से यहां अनवरत चली आ रही है। होली पर होने वाली इस पारंपरिक घूमर का आयोजन अब अधिक भव्य रूप में होने लगा है। इस महत्वपूर्ण सांस्कृतिक उत्सव की शुरुआत प्रजापति युवा संगठन द्वारा की गई थी। इस संगठन के तत्कालीन अध्यक्ष सत्यनारायण प्रजापति रहे थे। प्रजापति युवा संगठल के बाद कालांतर में इस आयोजन का विराट् स्वरूप दिया गया और एक नगर स्तरीय समिति बनाकर इसे किया जाने लगा। अब यह घूमर सेवा समिति लाडनूं के तत्वावधान में आयोजन किया जा रहा है। इस समिति ने गत वर्ष अपने 25 वर्ष पूर्ण किए। इस उपलक्ष में समिति ने इस ऐतिहासिक घूमर को शुरू करने वाले संस्थापकों को याद करते हुए उन्हें ‘नींव का पत्थर’ का सम्मान देकर उनका अभिनंदन किया गया।
घूमर सेवा समिति के अध्यक्ष सुमित जांगिड़ ने बताया कि घूमर के रूप में लाडनूं की समृद्ध परम्परा को आगे बढ़ाने का उन्हें मौका मिला है, इसका श्रेय शुरुआती आयोजकों का ही रहा है और उन्हें सम्मानित करके यह समिति गर्व का अनुभव कर रही है। इस घूमर के संस्थापक रहे सत्यनारायण प्रजापति ने बताया कि 40 वर्ष पूर्व यह आयोजन लाडनूं के सांस्कृतिक चौक सेवगों के चौक में हुआ करता था, जिसमें हम भी सहभागी रहते थे। किन्हीं कारणों से सेवकों के चौक की घूमर बंद होने पर कुम्हारों के बास स्थित कुम्हारों की पंचायत में यह कार्यक्रम प्रारम्भ किया। बाद में यह आयोजन बहुत ही भव्य तरीके से होने लगा और इसका श्रेय घूमर सेवा समिति लाडनूं का है।

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Author: kalamkala

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