राज. धरोहर प्राधिकरण के अध्यक्ष ओंकारसिंह लखावत ने उकेरी लाडनूं-डीडवाना की ऐतिहासिक-पौराणिक पृष्ठभूमि,
सेठ रंगनाथ बाँगड़ स्मृति अखिल राजस्थान अन्तरमहाविद्यालय हिन्दी वाद-विवाद प्रतियोगिता आयोजित
लाडनूं (kalamkala.in)। राजकीय कन्या महाविद्यालय, लाडनूं में 16 मार्च को राज्य स्तरीय ‘सेठ रंगनाथ बांगड़ स्मृति अखिल राजस्थान अन्तरमहाविद्यालय हिन्दी वाद-विवाद प्रतियोगिता’ 2024-25 में प्रतियोगिता आयोजित की गई। प्रतियोगिता के लिए ‘तकनीकी विकास ने मानव जीवन को अत्यधिक सरल एवं सुगम बनाया है’ विषय पर पक्ष व विपक्ष में विचार रखने के लिए राज्य के अलग-अलग महाविद्यालयों एवं विश्वविद्यालयों के कुल 33 प्रतिभागियों ने भाग लिया। इनमें पक्ष में 17 (2 छात्र एवं 15 छात्राएं) तथा विपक्ष में 16 (4 छात्र एवं 12 छात्राएं) प्रतिभागियों ने अपनी तार्किक, अनुशासित एवं दबंग प्रस्तुतियां दी।
इन सबने प्राप्त किए पुरस्कार
प्रतियोगिता परिणामों की घोषणा कार्यक्रम अध्यक्ष जिला कलक्टर पुखराज सेन की। प्रतियोगिता में प्रथम पुरस्कार 11500 रूपये का मरूधरा शिक्षक प्रशिक्षण महाविद्यालय, लक्ष्मणगढ के छात्र सुनील कुमार गुर्जर पुत्र परमेश्वर लाल गुर्जर ने प्राप्त किया। द्वितीय पुरस्कार 8000 रूपये का राजकीय बांगड़ स्नातकोत्तर महाविद्यालय, डीडवाना की छात्रा पूजा चोयल/गोपालराम चोयल तथा तृतीय पुरस्कार 5500 रूपये शेखावाटी एम.एड. कॉलेज, डूंडलोद (सीकर) के छात्र भारतेन्दु पुत्र फतेह सिंह ने प्राप्त किया। प्रतियोगिता में 1100-1100 रुपये के 5 प्रोत्साहन पुरस्कार दिए गए, जो शबनम बानो पुत्री शरीफ खान (राजकीय कन्या महाविद्यालय, लाडनूं), मीनाक्षी बाफना पुत्री विनीत बाफना (जैन विश्वभारती विश्वविद्यालय का आचार्य कालू कन्या महाविद्यालय, लाडनूं), कोमल प्रजापत पुत्री पुसराज प्रजापत (जैन विश्वभारती विश्वविद्यालय, लाडनूं), नफीशा बानो पुत्री शब्बीर खान (राजकीय कन्या महाविद्यालय, लाडनूं) एवं कोमल पुत्री राकेश चन्द नाहटा (एसबीआरएम राजकीय महाविद्यालय नागौर) ने प्राप्त किया।
लाडनूं व डीडवाना क्षेत्र की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि बताई
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि राजस्थान धरोहर प्राधिकरण के अध्यक्ष ओंकारसिंह लखावत ने अपने सम्बोधन में लाडनूं की पौरोणिक एवं ऐतिहासिक पृष्ठभूमि पर प्रकाश डालते हुए वर्तमान समय में प्रासंगिक लाडनूं एवं सम्पूर्ण डीडवाना जिले की विशिष्ठताओं के बारे में जानकारी दी। प्रतियोगिता की अध्यक्षता करते हुए जिला कलेक्टर पुखराज सेन ने प्रतिभागियों की प्रस्तुतियों की सराहना की और आयोजन समिति की भी प्रशंसा करते हुए विजेताओं के नामों की घोषणा की एवं सभी को शुभकामनाएं प्रदान की। कार्यक्रम सारस्वत अतिथियों में अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक हिमांशु शर्मा ने कहा कि सारे प्रतिभागी एक से बढकर एक थे, अतः सारे प्रतिभागी बधाई के पात्र है। इस तरह के आयोजन होते रहना चाहिए। स्वागताध्यक्ष बांगड़ ट्रस्ट कोलकाता के प्रतिनिधि गोविन्द नागौरी ने इस अवसर पर बाबू श्रीकुमार बांगड़ का संदेश सुनाया तथा आयोजन समिति की शुभकामनाएं दी।
प्रतियोगिता को बताया प्रभावी
निर्णायक के रूप में शामिल राजस्थान उच्च न्यायालय जयपुर के अधिवक्ता राजेन्द्र कुमार माथुर ने वाद-विवाद प्रतियोगिता की बारीकियों के बारे में बताया एवं एक आदर्श वक्ता की विशिष्टताएं इंगित की। निर्णायक साहित्यकार राजेश विद्रोही लाडनूं ने वाद-विवाद प्रतियोगिता सम्पूर्ण प्रतिमानों पर खरी बताई। उन्होनें प्रतिभागियों को नसीहत देते हुए कहा कि विषयवस्तु एवं अभिव्यक्ति कौशल महत्वपूर्ण होता है, स्वर की उच्चता एवं तीव्रता मायने नहीं रखती। निर्णायक हाईकोर्ट जोधपुर के अधिवक्ता रजाक खान ने इस अवसर पर अपने विद्यार्थी जीवन के प्रसंग साझा किए। पुलिस उप अधीक्षक विक्की नागपाल ने वाद-विवाद प्रतियोगिता को व्यक्तित्व विकास का प्रभावी माध्यम बताया। विशिष्ट अतिथियों में कॉलेज शिक्षा के पूर्व प्राचार्य डॉ. शंकर लाल जाखड़ ने प्रतियोगिता को उत्कृष्ट बताया।
ये सब रहे सहयोगी
कार्यक्रम में संगणक चैनसिंह चारण, शारीरिक शिक्षक रमेश कुमार पोटलिया, हनुमान मल जांगिड़, अब्दुल हमीद मोयल, डॉ. सुमन गोदारा, दिव्या माथुर, छात्रा प्रतिनिधि अफसाना बानो, विजय लक्ष्मी ने व्यवस्था प्रबन्धन में सहयोग प्रदान किया। कार्यक्रम में तहसीलदार अनिरूद्ध देव पांडे, डा. सुमन गोदारा, रिछपाल गोदारा, कालूराम गैनाणा, नीतेश माथुर, रमेश सिंह राठौड़, सुशील पीपलवा, गिरधर चौहान, मो. मुश्ताक खान कायमखानी, हरीराम निम्बी, मुकेश कुमार आदि प्रमुख जन भी उपस्थित रहे। प्राचार्य प्रो. डॉ. गजादान चारण ने सबका स्वागत भाषण प्रस्तुत किया। अंत में हनुमानमल जांगिड़ ने आभार ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन समन्वयक डॉ. सुरेन्द्र कागट ने किया।
