णमोकार पेंटिंग पर ध्यान लगाने से दृष्टिगोचर होते हैं अनेक जिनालय- जैन कमल,
विख्यात कलाविद जैन कमल की कृतियों का प्रदर्शन, सभी ने कलाकृतियों को सराहा
लाडनूं। स्थानीय प्राचीन भूगर्भस्थ कलात्मक बड़ा जैन मंदिर में आयोजित कार्यक्रम में केंद्रीय फिल्म प्रमाणन बोर्ड के पूर्व सदस्य विख्यात कलाविद् जैन कमल ने कहा है कि लाडनूं के भव्य जिनालयों, भगवान शांतिनाथ की चित्ताकर्षक व शांत तथा सौम्य प्रतिमा व मां सरस्वती की अनुपम छवि हर किसी को आकर्षित करने वाली है। लाडनूं की इस धरा पर जन्म लेने वाले को सर्वदा इनके दर्शनों और वंदन-पूजन का लाभ लेते रहते हैं, यह उनका सौभाग्य है। उन्होंने जैन समाज के विभिन्न कार्यक्रमों में अन्य श्रावक-श्राविकाओं के साथ युवा वर्ग को भी सम्मिलित करने की आवश्यकता बताई। इस अवसर पर जैन कमल ने बड़ा जैन मंदिर में अपने कृतित्व की प्रस्तुति दी। वे प्रसिद्ध फोंट आर्टिस्ट, पेंटर व प्रिंट मीडिया डिजाइनर रहे हैं। प्रदर्शन के दौरान हुए कार्यक्रम मंे जैन कमल ने बताया कि णमोकार तथा जैनिज्म के अन्य विषयों पर आधारित उनकी पेंटिंग्स का अगर गहनता से साक्षात्कार किया जाए, तो इस कलाकृति में मंदिर या चैत्यालय के दर्शन भी होने लगते हैं। णमोकार महामंत्र की पेंटिंग अक्षर के माध्यम से बनी है और अक्षर से ब्रह्म को पाने की और णमोकार मंत्र के सौंदर्य को प्रकट करने की कोशिश की गई है। कार्यक्रम में जैन समाज के सदस्य राज पाटनी ने बताया कि जैन कमल वर्षों से देश के शीर्ष मिडिया संस्थानों से जुड़े हुए रहे हैं। उनके द्वारा तैयार णमोकार मंत्र तथा जैनिज्म के अन्य विषयों पर आधारित उनकी अनुपम पेंटिंग्स व कलाकृतियों का देश-विदेश के अनेक उच्च मंचों पर प्रदर्शन व सम्मान होता रहा है। पाटनी ने बताया कि जैन कमल की किसी भी कलाकृति पर अगर ध्यान लगाया जाए तो वह व्यक्ति को सृष्टि के साथ जोड़ देती है। उसमें एक-एक बिंदु, शब्द व रंग में चेतनता सा हो जाता है। बड़ा जैन मंदिर में आयोजित इस कार्यक्रम में जैन कमल का समाज के पदाधिकारियों व सदस्यों की ओर से स्वागत व अभिनंदन किया गया। कार्यक्रम में संतोष गंगवाल, रूबल बड़जात्या, महेन्द्र सेठी एवं अन्य बड़ी संख्या में समाज के युवाओं, महिलाओं आदि की उपस्थिति रही। कार्यक्रम का संचालन चांद कपूर सेठी ने किया।