घर-घर सर्वे कर आईएलआई स्क्रीनिंग हो, भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों में रेंडम सेम्पलिंग हो, रेपिड रेस्पॉस टीम सक्रिय रहे,
कोरोना से मुकाबले के लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य निदेशालय ने दिए सभी सीएमअएचओ को निर्देश
जयपुर। कोविड-19 के नियंत्रण, रोकथाम एवं बचाव हेतु आवश्यक गतिविधियां करवाने के सम्बंध में निदेशालय, चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवायें ने प्रदेश के समस्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारियों को अपने पूर्व पत्र के क्रम में पत्र भेज कर बताया है कि कोविड-19 के बचाव व नियंत्रण हेतु विभिन्न गतिविधियां संचालित है जबकि वर्तमान में जापान, यू.एस.ए., रिपब्लिक ऑफ कोरिया, ब्राजील एवं चाईना में कोविड-19 में आकस्मिक वृद्धि देखी गयी है। इसलिए प्रदेश में भी कोविड-19 के बचाव एवं नियंत्रण हेतु प्रभावी कार्यवाही की जानी है। इसके लिए निर्देश दिए गए हैं कि मोनिटरिग कार्य प्रभावी एवं नियमित रूप से करवाना सुनिश्चित होना आवश्यक है। जिले में एक्टिव सर्विलेंस के माध्यम से प्रभावी घर-घर सर्वे कर आईएलआई स्क्रीनिंग करके रोगियों की पहचान कर वांछित कार्यवाही की जावें। ओ.पी.डी. स्क्रीनिंग की व्यवस्था की जाए। ओपीडी में आने वाले संदिग्ध रोगियों का सैम्पल लेकर कोविड की जांच करावें तथा ओपीडी में आने वाले एसएआरआई रोगियों की पृथक से पहचान कर उनकी जांच एवं उपचार सुनिश्चित कराई जाए। जीनोम सीक्वेसिंग के लिए समस्त मेडिकल कॉलेज एवं निजी संस्थानों से समन्वय स्थापित कर सभी कोविड-19 पॉजिटिव रोगियों के सैम्पल की व्यवस्था करें। रेल्वे स्टेशन, बस स्टेण्ड, सब्जी मंडी, विद्यालय एवं अन्य भीड-भाड़ वाले क्षेत्रों में कोविड लक्षणों वाले संदिग्ध रोगियों की रेण्डम सैम्पलिंग करवायी जावें। एक्टिव सर्वे एवं ओपीडी में आने वाले हाई रिस्क ग्रुप के व्यक्तियों की पहचान कर तुरन्त उपचार करवाना सुनिश्चित करें। भारत एवं राज्य सरकार द्वारा पूर्व में जारी समस्त निर्देशों यथा स्क्रीनिंग, सैम्पल कलेक्शन, रेण्डम सैम्पलिंग, उपचार, डिस्चार्ज इत्यादि की पालना सुनिश्चित की जायें। जिला कलक्टर की अध्यक्षता में अन्य विभागों यथा- पुलिस, पंचायती राज, महिला एवं बाल विकास, नगर-निगम, आयुष आईएमए से अन्तर्विभागीय समन्वय स्थापित करते हुये समय-समय पर आवश्यकतानुसार कोरोना वायरस की रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु समीक्षा की जाये। प्रत्येक संस्थान पर गठित रेपिड रेस्पॉस टीम आर.आर.टी. को कार्यशील रहने के निर्देशप्रदान करें। समस्त राजकीय चिकित्सा संस्थानों को लॉजिस्टिक एवं दवाईयों की उपलब्धता सुनिश्चित करें। प्रचार-प्रसार घर-घर सर्वे के दौरान कोविड एवं अन्य मौसमी बिमारियों के लक्षण व उससे बचने के उपाय एवं विभागीय स्तर पर उपलब्ध सुविधाओं का प्रचार-प्रसार कर आमजन को जागरूक करें। साथ ही जिला व खण्ड पर स्थापित नियंत्रण कक्ष को कार्यशील रखें तथा उक्त से आमजन को अवगत करावें।