किसानों को दी कातरा की जानकारी और बताए नियंत्रण के उपाय,
कृषि अधिकारियों ने लिया खेतों का जायजा
लाडनूं (kalamkala.in)। लाडनूं ब्लॉक में सहायक कृषि अधिकारी बजरंगलाल मीणा और कृषि पर्यवेक्षक अशोक घोटिया द्वारा ग्राम पंचायत हुडास में क्षेत्र भ्रमण कर खरीफ फसलों का अवलोकन किया जाकर कातरा कीट प्रकोप का जायजा लिया गया। इस दौरान कृषि पर्यवेक्षक अशोक घोटिया ने कृषकों को कातरा कीट के नियंत्रण के सम्बंध में आवश्यक सुझाव दिए। उन्होंने बताया कि कातरा की 4 अवस्थाएं होती हैं, जिनमें प्रौढ, अण्डे, लार्वा और प्युपा है। इनमें से लार्वा अवस्था ही फसलों के लिए हानिकारक होती है। ये लाल भूरे बालों वाली लटनुमा होती है, इसके नियंत्रण के लिए जैविक खेती में नीम का तेल 5 मिली लीटर तथा एनपीवी 200 एलई प्रति एकड़ के हिसाब से प्रयुक्त कर इनको नियंत्रण किया जा सकता है। रासायनिक नियंत्रण में क्यूनॉलफॉस 1.5 प्रतिशत 20-25 किग्रा प्रति हेक्टेयर या क्यूनॉलफॉस 25 ईसी की 2 से 2.5 मिली प्रति लीटर के हिसाब से स्प्रे कर कातरा कीट पर नियंत्रण किया जा सका सकता है।