तनाव, घृणा, ईष्र्या को मिटाने और प्रेम व सौहार्द्र बढाने का पर्व है होली – प्रो. जैन, मिल्लेट्स यम्मी कुकिंग कार्यक्रम में अपने बनाए व्यंजनों का छात्राओं ने किया प्रदर्शन
तनाव, घृणा, ईष्र्या को मिटाने और प्रेम व सौहार्द्र बढाने का पर्व है होली – प्रो. जैन,
मिल्लेट्स यम्मी कुकिंग कार्यक्रम में अपने बनाए व्यंजनों का छात्राओं ने किया प्रदर्शन
लाडनूं। होली के पर्व पर सामुहिक भोज के रूप में विभिन्न देशी व्यंजनों को बनाकर छात्राओं द्वारा रसास्वादन किया गया। यहां जैन विश्वभारती संस्थान के शिक्षा विभाग एवं राष्ट्रीय सेवा योजना के संयुक्त तत्वावधान में मिल्लेट्स यम्मी कुकिंग कार्यक्रम और होली पर्व कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में छात्राओं ने बाजरा और मक्की के आअे से बने विभिन्न व्यंजन तैयार किए। इनमें दाल-बाटी-चूरमा, बाजरा की रोटी और केर-सांगरी की सब्जी, प्याज व प्याज की सब्जी, मोठ व मूंग की सब्जियां, मक्की के पकौड़े आदि अनेक व्यंजन शामिल थे। सभी छात्राओं ने फिर मिलकर साथ में उनका भोजन किया। होली के पर्व पर देशी भोजन व पकवान के इस कार्यक्रम को भरपूर सराहा गया। इस अवसर पर शिक्षा विभाग के विभागाध्यक्ष व कुलसचिव प्रो. बीएल जैन ने कहा कि भारतीय त्योंहार हमारी संस्कृति की विशेषता है। ये आपसी भेदभावों को भुलाने और एकता के सूत्र में पिरोने का काम करते हैं। होली का पर्व तनाव, घृणा, ईष्र्या को मिटाता है। परस्पर गिले-शिकवे दूर होकर प्रेम व सौहार्द्र के सम्बंध बनते हैं। इसके द्वारा रोगों को भी दूर किया जाता है। उन्होंने हिरण्यकश्यप, हालिका व भक्त प्रह्लाद की कथा प्रस्तुत करते हुए कहा कि हमेशा धर्म की जीत होती है और अधर्म की हार होती है। प्रो. जैन ने बताया कि विदेशी लोग भी हमारे त्योंहारों में भाग लेने के लिए यहां आते हैं और वे हमारे पर्वों को अपनाने भी लगे हैं। उन्होंने होली के पर्व पर नशाखोरी और मिलावटी रंगों के प्रयोगों से दूर रहने की सलाह दी। कार्यक्रम संयोजक डा. सरोज राय ने विश्व मिलेट्स वर्ष मनाए जाने के बारे में जानकारी देते हुए देसी अनाज और अन्य देसी खाद्य पदार्थों की पोषकता और लाभ की जानकारी दी। कार्यक्रम में एनएसएस प्रभारी डा. आभासिंह, डा. अमिता जैन, डा. विष्णु कुमार, डा. गिरधारीलाल आदि के साथ सभी छात्राएं उपस्थित रही।