लाडनूं में दो घंटों की बरसात ने बस स्टेंड को डुबोया, जैन मंदिर में भी घुसा पानी,
सिवरेज द्वारा खोदे गए रास्ते धंसने से वाहन चालकों को परेशानी
लाडनूं। शहर में गुरूवार को सुबह 4 बजे से लगातार 6 बजे तक आई तेज बारिश ने लोगों को अस्त-व्यस्त कर दिया। शहर भी में इस बारिश के कारण सभी निचले इलाकों में पानी भर गया। पूरे शहर के मुख्य मार्गों में कीचड़ ही कीचड़ दिखाई देने लगा। यहां बस स्टेंड की हालत तो सबसे बदतर रही। यहां पानी भर कर एक बड़ा तालाब बन गया। बस स्टेंड से पानी की निकासी की समुचित व्यवस्था नहीं होने से यहां पूरा पानी भर जाता है और काफी तादाद में यह पानी पास के सुखदेव आश्रम जैन मंदिर में भी घुस जाता है। जैन मंदिर के सामने तो कई-कई दिनों पर कीचड़ व पानी भरा रहता है तथा सड़ांघ मारने लगता है। मंदिर में आवागमन का रास्ता तक बंद हो जाता है। इसका स्थाई हल निकाले जाने के लिए पार्षद सुमित्रा आर्य ने विभिन्न ज्ञापन देकर मांग भी की, लेकिन कोई हल नहीं निकाला जा सकता। नगर पालिका के अध्यक्ष रावत खां को मौके पर बुलाकर समस्या से रूबरू भी करवाया। वहां मौजूद सभी लोगों ने अपनी परेशानी भी बताई, लेकिन इसका हल निकाले जाने के लिए यहां ईओ के मौजूद नहीं रहने से कोई प्रगति नहीं हो पाई। पार्षद सुमित्रा आर्य ने बताया कि अब नगर पालिका में नई ईओ अनीता खीचड़ ने कार्यभार सम्भाल लिया है। इससे उम्मीद बंधी है कि शहर की समस्याओं का निवारण और विकास के विभिन्न कार्य अब संभव हो पाएंगे।
सिवरेज के गड्ढे भी बने परेशानी
इसके अलावा शहर भर में सिवरेज के कार्य के दौरान खोदे गए खड्डे व खाइयां वापस सही ढंग से बंद करने व सड़क मरम्मत या पुर्निर्माण का कार्य नहीं किए जाने के कारण बरसात के पानी से जगह-जगह गहरे खड्डे बन गए और लोगों व वाहनों के उनमें फंसने व गिरने की छोटी-मोटी घटनाएं भी हो रही है। यहां लोवड़िया श्मशान भूमि के सामने की तरफ इसी तरह से सिवरेज के लिए की गई खुदाई को वापस टीक नहंी किए जाने से बरसात में पानी से जमीन धंस गई। इससे बने गहरे खड्डे में वाहन फंस रहे हैं। इनके लिए पालिकाध्यक्ष रावत खां ने एलएंडटी कम्पनी के अधिकारियों को पूरे शहर में सही ढंग से काम करने के निर्देश दिए हैं और काम पूरा होते ही सड़क ठीक करने के लिए कहा है।
बीएसएनएस कार्यालय में भी धंसी जमीन
यहां बस स्टैंड स्थित भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) कार्यालय के भवन के अंदर बारिश के पानी के भर जाने के बाद जमीन धंस कर बैठ गई और वहां गहरा खड्डा बन गया। यहां करीब पांच फुट से ज्यादा जमीन नीचे धंस गई है। इसकी वजह से यहां कार्यालय के अंदर बने पुराने कक्षों आदि भारी खतरा और नुकसान होने की संभावना बनी हुई है। इनमें विभिन्न तरह की बहुमूल्य मशीनरी भी स्थपित की हुई है। सबके क्षतिग्रस्त होने का खतरा बना हुआ है। सामाजिक कार्यकर्ता मो. मुश्ताक खां कायमखानी ने बताया कि इस भवन के अंदर किसी भी प्रकार का कोई वाहन अंदर प्रवेश तक नहीं कर सकता, मुख्य सड़क और अंदर की जमीन का लेवल सही नहीं होने से यहां हर साल परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बीएसएनएल के अधिकारी जेटीओ हजारीमल रार से इस संबंध में बताया कि इसकी सूचना भवन मालिक को देकर जल्द समस्या समाधान के लिए कहा गया है तथा इस बारे में उच्च अधिकारियों को भी अवगत कराया जा चुका है।