संत महात्माओं की कही बातों को जीवन में उतारकर अपना जीवन सफल बनाएं- कैलाश शास्त्री,
श्रद्धालुओं का मन मोह रही है जसवंतगढ के इंद्रचंद खांडल की सजीव झांकियां
रूण/मूण्डवा (रिपोर्टर लाडमोहम्मद खोखर)। रूण गांव स्थित खेल मैदान में चल रही भागवत कथा में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ रही है। गुरुवार को कथाव्यास कैलाश शास्त्री खांडल ने भागवत कथा के दौरान राजा प्राचीनबृहि का प्रसंग सुनाते हुए बताया कि जीव हिंसा कभी नहीं करें शास्त्रों में कही भी जीव की बलि देने का उल्लेख नहीं बताया है। कोई भी देवता जीव बलि का नहीं कहते हैं। कई लोगों ने अपने स्वार्थ की वजह से देवताओं के नाम बली को जोड़ दिया हैं। इसके बाद उन्होंने जड़भरत का प्रसंग सुनाया और कहा कि अंत मति सो गति ,इसलिए मनुष्य को सदैव परमात्मा की भक्ति करनी चाहिए। देवताओं को भी दुर्लभ मानव जीवन को श्रेष्ठ बनाना पड़े। इसी प्रकार अजामिल के प्रसंग वर्णन में बताया कि हमेशा संगति अच्छे लोगों से करनी चाहिए, ताकि अपना जीवन व्यवहार सुधर सके। संत महापुरुषों की सेवा और उनकी बातों को ग्रहण करके उन्हें जीवन में उतार कर अपने जीवन को सफल बनाना चाहिए। कथावाचक ने प्रह्लाद प्रसंग में हिरण्य कश्यप का उद्धार और नृसिंह भगवान की अवतार लीला सुनाई, जिसमंे बताया गया कि प्रह्लाद की तरह परमात्मा के प्रति अटल विश्वास रखें। इंद्रचंद खांडल जसवंतगढ़ ने सुंदर झांकियों की प्रस्तुतियां देकर श्रद्धालुओं का मन मोह लिया। इन्द्रचं की आकर्षक व भव्य जीवन्त झांकियों की भरपर सराहना की जा रही है। इस अवसर पर सोहनलाल, राजाराम, पुसाराम घनश्याम, रामनिवास शर्मा, कन्हैयालाल जोशी, नंदकिशोर सोनी, नरसिंह शर्मा, रामस्वरूप सोनी, राधेश्याम शर्मा, अर्जुन सहित काफी संख्या में भक्तगण मौजूद थे।
