लाडनूं में संसद भवन की तर्ज पर बनेगा सचिवालय और दर्शनार्थियों के आवास के लिए बनेगा योगक्षेम भवन,
जैन विश्व भारती में नए सचिवालय भवन व योगक्षेम भवन का भूमिपूजन व शिलान्यास, जैन संस्कार विधि से किया गया सम्पन्न
लाडनूं। आगामी 2026 में योगक्षेम वर्ष के आयोजन को ध्यान में रखते हुए जैन विश्व भारती परिसर में विकास कार्यो की श्रृंखला में सोमवार को नवीन सचिवालय भवन व योगक्षेम भवन का शिलान्यास किया गया। यह शिलान्यास जैन संस्कार विधि से चेन्नई निवासी बी. रमेशचंद बोहरा व उषा बोहरा मुसालिया द्वारा किया गया। इसी क्रम में योगक्षेम भवन का शिलान्यास नवीन बैंगाणी-सुषमा बैंगाणी कोलकाता प्रवासी द्वारा किया गया। जैन संस्कारक मर्यादा कुमार कोठारी जोधपुर व उनकी टीम के सदस्यों चमन दुधोड़िया, देवेन्द्र, गोपाल, राजेन्द्र खटेड़ द्वारा मंत्रोच्चार व विधिपूर्वक भूमिपूजन करवाया गया। मंगल भावना यंत्र के पूजन के साथ ही विभिन्न संस्कारों की आवश्यकता व महत्व के बारे में भी इस अवसर पर बताया। इस आयोजन में विशिष्ट अतिथि के रुप में पुलिस उप अधीक्षक राजेश ढाका, विजया मालू, सायर बैंगाणी, अणुव्रत समिति के अध्यक्ष शांतिलाल बैद, तेरापंथ प्रोफेशनल फोरम के विनीत सुराणा, तेरापंथ महिला मंडल से नीता नाहर आदि थे।
संसद भवन की तर्ज पर बनेगा सचिवालय
जैन विश्व भारती के नए सचिवालय भवन का निर्माण लगभग 3000 वर्गफीट में किया जाएगा तथा इसका प्रारूप संसद भव की तर्ज पर किया जाएगा। इसमें प्रशासनिक कक्ष के साथ ही एक कान्फ्रेंस हॉल भी बनाया जाएगा। इसके अलावा निर्माणाधीन योगक्षेम भवन का निर्माण योगक्षेम वर्ष के दौरान यहां सेवादर्शन के लिए पहुंचने वाले श्रावक समुदाय की आवास व्यवस्था की दृष्टि से किया जाएगा। इस कार्यक्रम में जैन विश्व भारती के अध्यक्ष अमरचंद लुंकड़, पूर्व अध्यक्ष धर्मचंद लुंकड, न्यासी पन्नालाल बैद, राजेन्द्र मेहता, मंत्री सलिल लोढा, संयुक्त मंत्री विमल चिप्पड़, नवीन बैंगाणी, परामर्शक भागचंद बरड़िया, जैन विश्व भारती संस्थान के कुलपति प्रो. बच्छराज दुगड़, संचालिका समिति सदस्य विजयराज आंचलिया, गौतमचंद धारीवाल, प्रवीण बरड़िया, राज कोचर, कमला कठोतिया, माणक कोठारी, जैन विश्व भारती संस्थान से आनंद प्रकाश त्रिपाठी, प्रो. नलिन के. शास्त्री, तेरापंथ युवक परिषद सदस्यगण तथा विमल विद्या विहार, सेवाभावी आयुर्वेदिक रसायनशाला व सम्पूर्ण जैन विश्व भारती परिवार उपस्थित रहा। कार्यक्रम की आयोजना में डा. विजयश्री शर्मा, सुशील मिश्रा, संजय बोथरा, जोगेन्द्रसिंह, तेजकरण, हनुमान ढाका व अन्य का सहयोग रहा।