अन्याय के खिलाफ खड़े होने और पुलिस की मिलीभगत की आवाज उठाने वालों को ही पुलिस द्वारा मुलजिम बनाने की कोशिश,
नाबालिग के अपहरण व सामुहिक दुष्कर्म मामले में गिरफ्तारी की मांग करने वालों के विरुद्ध चार्जशीट पेश
लाडनूं (kalamkala.in)। स्थानीय पुलिस ने अन्याय के विरुद्ध हुए जनांदोलन को लेकर एक आपराधिक मुकदमा बना कर समाजसेवियों के ही खिलाफ चालान पेश किया है। श्री आनंद परिवार सेवा समिति के अध्यक्ष मंजीत पाल सिंह ने इसे पुलिस व प्रशासन की ओर से अपनी गलतियों और मिलीभगत को ढांपने की कोशिश बताया है। उन्होंने कहा कि जिन्होंने लापरवाही की और एफआईआर दर्ज नहीं की, उसी अधिकारी ने मुकदमे की मांग करने वालों के खिलाफ जांच कर उलटा मुकदमा बना डाला। यह भी अन्याय पूर्ण है। उन्हें न्यायपालिका पर पूरा भरोसा है और इसमें दूध का दूध और पानी का पानी होगा। स्थानीय पुलिस ने मंगलवार को धारा 188 आईपीसी के तहत चार्जशीट न्यायालय में पेश की है, जिसमें रावताराम प्रजापत हीरावती, मूलचन्द, हुलास, पूरनसिह जसवन्तगढ, धर्मेन्द्र पंवार, मनोज कुमार, दीपेन्द्रसिह बडगुर्जर, मनजीतपाल व ओमप्रकाश इन 9 जनों के खिलाफ मामला बनाया है।
यह हुआ था मामला
गौरतलब है कि आमजन के साथ हो रहे अन्याय के विरुद्ध आवाज उठाने वालों को हमेशा विभिन्न परेशानियों से रूबरु होना ही पड़ता है। यही लाडनूं में भी दोहराया गया है। यहां राजनैतिक संरक्षण प्राप्त कतिपय बदमाशों द्वारा एक नाबालिग लड़की का अपहरण करके सामुहिक दुष्कर्म को अंजाम देने और उसका प्रकरण दर्ज करने में पुलिस द्वारा आनाकानी और पक्षपात पूर्ण रवैया अपनाए जाने को लेकर जनता में आक्रोश फैला और लोग अस्पताल परिसर में धरने पर बैठे, तब कहीं जाकर एफआईआर दर्ज करके लोगों द्वारा पकड़े गए मुलजिमानों की गिरफ्तारी दिखाई गई। अब पुलिस-प्रशासन से मांग करने वालों और समझौता करके धरना उठाने वालों को ही पुलिस ने अपने शिकंजे में कसने की कोशिश की है। अस्पताल में गत वर्ष नवम्बर माह में यह धरना लगाया गया था।
न्याय के पथ से नहीं डिगेंगे
इस बारे में श्री आनंद परिवार सेवा समिति के कार्यालय सचिव आरके सुरपालिया ने बताया कि मनजीत पाल सिंह सांवराद गरीब असहाय पीड़ितों व बहन-बेटियों के लिए न्याय की लड़ाई लड़ते आए हैं और लड़ते रहेंगे। उन्होंने ना पहले हार मानी और ना अब आगे हार मानेंगे। इस तरह राजनीति-प्रेरित मुकदमे लगाकर उन्हें डराने की कोशिश नहीं की जा सकती। अगर बहन-बेटियों को न्याय दिलाने के लिए और गरीबों को उनका हक दिलाने के संघर्ष में मुकदमे लगाए जाते हैं, तो उनकी परवाह करके वे कभी न्याय के पथ से विचलित नहीं होंगे और सतत चलते रहेंगे। पीड़ितों, गरीबों और उपेक्षितों को न्याय दिलाने के लिए उनके कदम कभी थमेंगे नहीं और धीमे भी नहीं पड़ेंगे।