40 साल से बंद पड़े मुख्यमार्ग को लेकर ग्रामीणों ने प्रशासन से की समाधान की मांग
सिलनवाद से भंडारी जाने वाला मार्ग है सफाई के अभाव में अवरुद्ध, ग्रामीणों ने दिया धरना
लाडनूं। दो ग्राम पंचायतों की सीमा में आने के कारण ग्रामीणों को काफी सालों से आम कटानी रास्ते की अवरुद्धता के कारण विभिन्न परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। उपखंड क्षेत्र के गांव धुडीला व धुडीला की ढाणी, जिनकी आबादी 300 घरों से अधिक की बस्ती होने के बावजूद भी नेशनल हाईवे संख्या 458 पर आने-जाने कै लिए कटानी रास्ता बंद होने से सभी इस सुविधा से वंचित हैं। करीब नौ साल पूर्व बने इस हाइवे के रास्ते को ग्राम पंचायत खामियाद द्वारा अवरुद्ध कर रखा गया है। कण्टीले बबूल के पेड़ों और उबड़-खाबड़ बरसाती नाले के कारण पिछले कई करीब 40 वर्षों से यह मार्ग बंद है। वन विभाग ने भी इस क्षेत्र में इस भूमि पर पेड़-पौधे लगाए थे। इन सब कारणों से ग्रामीण जन हाईवे से पूरी तरह से कट गए हैं। हाईवे तक पहुंचने का रास्ता नहीं होने से हाईवे से गांव के लोगों को 4 किमी दूर खामियाद गांव या 6 किमी दूर धुडिला गांव तक कच्चा रास्ता पार करना पड़ता है। यह महत्वपूर्ण रास्ता बंद होने के कारण मरीजों को समय पर हाॅस्पिटल ले जाया जाना संभव नहीं हो पाता, स्कूल जाने वाले बच्चे परेशानियां झेलने को मजबूर हैं, स्कूल में आने वाले अध्यापकों को भी समस्या से दो-चार होना पड़ता है, ग्रामीणों को भटक कर हाइवे पर जाना पड़ता है। लोगों ने बताया कि उनकी ग्राम पंचायत ने गांव की कांकड़ सीमा तक ग्रेवल सड़क का निर्माण करवाया है, लेकिन वर्षो से बंद पड़ा यह रास्ता दूसरी ग्राम पंचायत खामियाद की सरहद में होने से यह बाधा दूर नही हो पा रही है। ग्रामीणों ने इस सम्बंध में प्रशासन द्वारा स्वत: संज्ञान लेकर अविलम्ब रास्ता खुलवाया जाकर लोगों को राहत प्रदान करनी चाहिए। ग्रामवासी रामनिवास गोदारा, गुलाबराम नायक, रामदेवाराम रायल, विक्रम सिंह जोधा, बबलू सिंह जोधा, मदनसिंह जोधा, शंकर सिंह जोधा ज्ञान सिंह जोधा, संजय सिंह, पृथ्वीसिंह जोधा, रिछपाल सिंह जोधा आदि ने दो दिनों से धरना देकर यह मांग प्रशासन के समक्ष रखी है।