राजनीतिक प्रभाव से किए गए पुलिस अनुसंधान की जांच अपराध शाखा फिर से करेगी, निम्बी जोधां के अनुसूचित जाति की महिला की जमीन पर किए गए कब्जे के प्रकरण में उपमुख्यमंत्री बैरवा ने किया हस्तक्षेप

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राजनीतिक प्रभाव से किए गए पुलिस अनुसंधान की जांच अपराध शाखा फिर से करेगी,

निम्बी जोधां के अनुसूचित जाति की महिला की जमीन पर किए गए कब्जे के प्रकरण में उपमुख्यमंत्री बैरवा ने किया हस्तक्षेप

लाडनूं। अनुसूचित जाति की जमीन पर कब्जा करने और राजनीतिक दबाव व प्रभाव से उस पर पीड़िता महिला द्वारा दायर की गई एफआईआर पर पुलिस द्वारा जाच के दौरान एफआर लगाकर गलत तरीके से खारिज करने और भूमाफिया कब्जाधारी द्वारा अनुचित तरीके से दर्ज करवाई गई क्राॅस एफआईआर को उसके पक्ष में करके पीड़िता को अपने हक की जमीन से दरकिनार करने की साजिश के विरूद्ध उप मुख्यमंत्री डा. प्रेमचंद बैरवा ने अपने संज्ञान में आते ही पुलिस को इसकी फिर से जांच करने एवं पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए आदेशित किया है। उन्होंने ये आदेश परिवादिनी हसकर बावरी पत्नी हड़मान राम जाति बावरी निवासी सिलनवाद एवं उसके पुत्र दोलाराम बावरी ने भाजपा अजा मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष ईश्वरराम मेघवाल एडवोकेट के साथ जयपुर में उपमुख्यमंत्री डॉ. प्रेम चंद को ज्ञापन देकर पूरा प्रकरण उनके समक्ष रखे जाने पर उन्होंने दिए। उप मुख्यमंत्री ने उसी समय पुलिस मुख्यालय जयपुर की अपराध शाखा में बात कर प्रकरण की निष्पक्ष जांच करने का आदेश दिए।

निम्बी जोधां का है जमीनी कब्जे का प्रकरण

तहसील के निम्बीजोधां हाइवे पर स्थित जमीन खसरा नम्बर 1563/2087 रकबा 0.0494 हैक्टयर पर नवम्बर 2022 में लाडनूं में राजनीतिक सरक्षण के चलते भूमाफिया अब्दुल सत्तार ने अवैध कब्जा कर निर्माण कार्य करवाना शुरू किया था, जिस पर खातेदार गरीब-दलित महिला हसकर पत्नी हड़मान राम जाति बावरी निवासी सिलनवाद ने अपने पुत्रों सहित मौके जाकर अतिक्रमणकारी भूमाफिया अब्दुल सत्तार को निर्माण कार्य करने से मना किया तो उसने उनको जातिसूचक गालियां देते हुए मारपीट करके भगा दिया। साथ ही उसने धमकी दी कि इस जमीन की तरफ देख भी लिया तो जान से मार देंगे। इस पर पीड़िता महिला हसकर ने लाडनूं पुलिस थाने में प्रथम सुचना रिपोर्ट दी, लेकिन तत्कालीन थानाधिकारी ने मामले को अनदेखा करते टाल दिया। तब परिवादिनी ने पुलिस मुख्यालय जयपुर व मुख्यमंत्री कार्यालय से सम्पर्क किया, तब कहीं जाकर 22 नवम्बर 2022 को प्रथम सूचना रिपोर्ट सं. 338/2022 भारतीय दंड सहिंता की धारा 447 व अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति अधिनियम की विभिन्न धाराओं में दर्ज हुई।

अवैध कब्जाधारी ने भी करवाया क्राॅस केस

इस प्रकरण के दर्ज होने पर उसका क्राॅस करते हुए अतिक्रमी भूमाफिया अब्दुल सत्तार ने अपने नाम से अनुसूचित जाति की जमीन के फर्जी दस्तावेज बनाकर लाडनूं थाने में इस्तगासे के माध्यम से 3 फरवरी 2023 को प्रथम सूचना रिपोर्ट संख्या 35/2023 भारतीय दंड सहिंता की 420, 406, 467, 468, 471, 418, 120बी धाराओं मे दर्ज करवाई। इन दोनों प्रकरण के अनुसंधान अधिकारी तत्कालीन पुलिस उप अधीक्षक राजेश ढाका ने राजनीतिक दबाव में आकर इस दलित महिला हसकर बावरी के प्रकरण में एफआर लगा दी व भूमाफिया अब्दुल सत्तार के प्रकरण में अपने अनुसंधान को दलित महिला हसकर के खिलाफ कर दिया। जबकि, राजस्थान कात्शकारी अधिनियम 1955 की धारा 42 में यह प्रावधान है कि अनुसूचित जाति की जमीन केवल अनुसूचित जाति का ही व्यक्ति खरीद सकता है।
kalamkala
Author: kalamkala

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