आनंदपाल सिंह एनकाउंटर मामले में नया मोड़- आनंदपाल सिंह हत्याकांड के दोषी राजनेताओं के खिलाफ भी जांच हो कर मुकदमा चले- मंजीत पाल सिंह अदालत के आदेश के बाद पुलिसकर्मियों पर हत्या के मुकदमे के साथ तत्कालीन राजनेताओं पर भी उठी अंगुलियां

SHARE:

[responsivevoice_button voice="Hindi Female"]

आनंदपाल सिंह एनकाउंटर मामले में नया मोड़-

आनंदपाल सिंह हत्याकांड के दोषी राजनेताओं के खिलाफ भी जांच हो कर मुकदमा चले- मंजीत पाल सिंह

अदालत के आदेश के बाद पुलिसकर्मियों पर हत्या के मुकदमे के साथ तत्कालीन राजनेताओं पर भी उठी अंगुलियां

जगदीश यायावर। लाडनूं (kalamkala.in)। जोधपुर सीबीआई केसेज की एसीजेएम अदालत ने आनंदपाल सिंह एनकाउंटर मामले को पलट डाला है और अब आनंदपाल सिंह की हत्या के रूप में लिया जाकर सम्बंधित पुलिसकर्मियों को आरोपित किया गया है। इस फैसले के बाद आनंदपाल सिंह सांवराद के छोटे भाई मंजीत पाल सिंह ने कहा है कि आखिर सात साल बाद ही सही, उनके भाई की मौत का न्याय उन्हें मिला है। उनसे बातचीत में उन्होंने आनंदपाल की मौत को कतिपय राजनेताओं द्वारा रची गई हत्या की साजिश करार दिया और इन राजनेताओं के खिलाफ भी जांच किए जाने और आरोपित किए जाने की जरूरत बताई।

न्याय मिलने में लगे सात साल, लड़ाई जारी रहेगी

उन्होंने बताया कि 24 जून 2017 को चूरू के मालासर गांव में एसओजी ने जो एनकाउंटर करना बताया था, उसकी असलियत अब सामने आ चुकी है। इस एनकाउंटर को उस समय भी लोगों ने स्वीकार नहीं किया था और लाखों लोगों ने सांवराद में न्याय के लिए पड़ाव डाला था, उसमें कई बलिदान तक हुए। उन सब लोगों को अब जाकर न्याय मिला है। अदालत में भाभीसा राजकंवर ने पक्षकार बनने से शुरू कर पूरी लड़ाई लड़ी, तब कहीं जाकर न्याय मिला है। मंजीत पाल ने राज्य सरकार से दैषी पुलिसकर्मियों की पैरवी करने के बजाय न्याय का साथ देने की मांग भी की। उन्होंने कहा कि अगर सरकार अदालत के निर्णय को चुनौती देगी तो वे सुप्रीम कोर्ट तक यह लड़ाई लड़ेंगे। इस मामले में तत्कालीन एडिशनल एसपी विद्याप्रकाश चौधरी, डीएसपी सूर्यवीर सिंह राठौड़, तत्कालीन चूरू एसपी राहुल बारहट, हेड कांस्टेबल कैलाश शामिल थे। इनके विरुद्ध कोर्ट ने धारा 302 आईपीसी के तहत प्रसंज्ञान लिया है। इन पर हत्या का मामला चलेगा। इस बारे में हुई सीबीआई जांच की क्लोजर रिपोर्ट को कोर्ट ने अस्वीकार कर दिया है। आनंदपाल के भाई मनजीत पाल ने दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की है।

सारे तथ्य बताते हैं कि यह एनकाउंटर नहीं था

7 सालों बाद एक बार फिर से सुर्खियों में आए इस एनकाउंटर मामले में आनंदपालसिंह के भाई मन्जीतपाल सिंह ने बताया कि सात वर्षों बाद आनंद परिवार व समाज सहित सांवराद आंदोलन प्रकरण में शामिल रहे लाखों लोगों की जीत हुई है। उन्होंने इसको राजनीति षड्यंत्र बताते हुए एनकाउंटर को हत्या बताया व इसमें दोषी पुलिस कर्मियों पर कार्रवाई करने की मांग की है। साथ ही साथ साल पहले के पूरे घटनाक्रम को रेखांकित करते हुए उन्होंने कहा कि आनंदपाल ने अपने भाई रूपेन्द्र पाल और मित्र रहे एडिशन एसपी विद्याप्रकाश के कहने पर आत्म-समर्पण कर दिया था, इसके बावजूद उनकी पिटाई की गई और एक फोन कॉल आने के बाद उन्हें गोलियां मारी गई। शरीर पर पिटाई के निशानात, गोली मारे जाने की दूरी आदि विभिन्न तथ्य बताते हैं कि यह एनकाउंटर बिल्कुल ही नहीं था और आनंदपाल ने कोई मुकाबला नहीं और कोई गोली नहीं चलाई, वे आत्म-समर्पण कर चुके थे। उन्होंने बताया कि एनकाउंटर के बारे में राज्य के तत्कालीन गृहमंत्री को कोई जानकारी नहीं है ना और मुख्यमंत्री द्वारा आनंदपाल के मारे जाने की तत्काल बधाई दी जानी इन राजनेताओं की साजिश की ओर इशारा करता है। इसमें लिप्त सभी राजनेताओं के खिलाफ भी हत्या के मामले में जांच होनी जरूरी है।

kalamkala
Author: kalamkala

Leave a Comment

सबसे ज्यादा पड़ गई

कॉलेज के प्रिंसिपल पर लगे 50 से अधिक छात्राओं के साथ यौन शोषण का आरोप, वीडियो वायरल करने की देता था धमकियां, वाशरूम में लगवाए कैमरे, छात्राओं के बयानों के बाद प्रिंसिपल सैयद मशकूर अली गिरफ्तार, जेल भेजा

दूध लेने आई महिला को दूधवाला और उसके साथियों ने कैम्पर वाहन से उठाया, पीड़िता के साथ ज्ञापन देने पहुंचे लोग, आंदोलन की चेतावनी, सात जने थे अपहरण के मुलजिम, लेगए प्रयागराज व बैंगलोर, सामुहिक अपराध के आरोप की रिपोर्ट के बावजूद डेढ़ माह बाद भी कोई गिरफ्तारी नहीं, आरोपी दे रहे हैं धमकियां

Advertisements
Advertisements
Advertisements
21:20