सीकर के राजकीय कल्याण अस्पताल में एम्बुलेंस चालकों के साथ जमकर कमीशनखोरी?
रात को बाहर से आने वाले एम्बुलेंसों के टायर पंक्चर करके ऊपर से अभद्र व्यवहार कर डाल रहे मरीजों की जान जोखिम में,
लाडनूं के मनोहर भार्गव ही नहीं डीडवाना और सुजानगढ़ के एम्बुलेंस चालक भी हो रहे परेशान
सीकर/ लाडनूं (kalamkala.in)। अस्पतालों में गंभीर मरीजों को लाने ले जाने के लिए काम करने वाली एम्बुलेंस के लिए सारे वाहन रास्ता छोड़ देते हैं और टोल नाकों वाले भी उन्हें रोकने की जुर्रत नहीं करते, ताकि कोई भी गंभीर मरीज चिकित्सा सुविधा से वंचित नहीं रहने पाए। लेकिन, अस्पतालों के कर्मचारी ही जब इन एम्बुलेंसों को फैल करने और मरीजों को मौत के कगार पर पहुंचाने की ठान लें, तो फिर चिकित्सा व्यवस्था को छिन्न-भिन्न होने से कोई नहीं रोक सकता। सीकर के राजकीय कल्याण चिकित्सालय में ऐसी ही ओछी हरकतों को अंजाम देने वाला स्टाफ सक्रिय होने की जानकारी मिल रही हैं।
नुकीले औजार से किए एम्बुलेंस के टायर पंक्चर और फिर अभद्रता
राजकीय कल्याण अस्पताल सीकर के एस.के. ट्रोमा में मरीज को लेकर पहुंचे एम्बुलेंस के टायरों को जानबूझकर पंक्चर करने और शिकायत करने पर एम्बुलेंस-चालक के साथ अभद्रता करने की ओछी हरकत सामने आई है। यह करतूत वहां मौजूद गार्ड ने करके मानवता को शर्मशार कर दिया और मरीजों के प्रति अपनी बेरहमी का परिचय दिया है। यह वारदात बुधवार देर रात की है, जब लाडनूं से एम्बुलेंस चालक मनोहर भार्गव ने ग्राम सुनारी निवासी महिला मरीज मोहनी देवी को लेकर सीकर स्थित राजकीय कल्याण अस्पताल में पहुंचा। चालक मनोहर भार्गव मरीज मोहनी देवी को भर्ती कराने में थोड़ी देर व्यस्त हुआ, इतने में ही अस्पताल में उपस्थित रात्रिकालीन ड्यूटी कर रहे गार्ड ने किसी नुकीले औजार से उसकी एम्बुलेंस के दोनों पिछले टायर पंक्चर कर डाले। बताया जाता है कि यह एक साजिश के तहत किया जा रहा है, जिसमें बाहर से आने वाली एम्बुलेंस को पंक्चर करके या अन्य तरीकों से नाकारा बन कर सीकर की उनकी सांठ-गांठ वाले एम्बुलेंस चालकों को कमाई करवाई जा सके। इसमें इन सबको ऐसे चालक कमीशन देते हैं। कमीशन नहीं देने वालों को नाजायज तरीके से परेशान किया जाता रहता है। इनके द्वारा टायर पंक्चर करने के औजार रखें जाने के पीछे भारी स्वार्थ छिपा प्रतीत होता है।
गार्ड, सीनियर अधिकारी व अस्पताल प्रशासन सबकी मिलीभगत
लाडनूं के एम्बुलेंस मनोहर चालक भार्गव ने अपने साथ हुई घटना की जानकारी देते हुए बताया कि वहां मौजूद अस्पताल प्रशासन व रेक्सो सिक्युरिटी गार्ड के सीनियर अधिकारी भी इसमें शामिल हैं। जब उनसे इस बारे में बताया गया तो वे दोषी कार्मिकों को पूछने तक की जुर्रत नहीं करते और उन पर किसी तरह का संज्ञान लेने की बजाय उल्टे एम्बुलेंस चालक पर ही भड़क गए। उनका तर्क है कि आपने गाड़ी गलत जगह क्यों खड़ी की? जबकि मरीज को उतारने या चढ़ाने के लिए अस्पताल के अंदर ही गाड़ी ले जानी पड़ती है। मरीज के साथ भी की बार सहयोग के लिए जाना पड़ता है। यह आपातकाल सेवा है, जिसमें किसी किंतु-परंतु के लिए कोई जगह नहीं होती, फिर पंक्चर करके इस सेवा को अवरूद्ध करके गंभीर मरीज को मौत के मुंह में धकेलना कहां की इंसानियत है और यह कैसा कायदा होता है। यह अत्यधिक चिंतनीय है। आखिर सीकर के कल्याण अस्पताल में ऐसी हरकतें और अभद्रता कब तक होती रहेगी।
आएदिन हो रही वारदातों को कौन रोकेगा
गौरतलब है कि सीकर के राजकीय कल्याण अस्पताल के इस एसके ट्रॉमा सेंटर पर सुजानगढ़ व डीडवाना ड्यूटी पर रहे के रैफर किए मरीजों को लेकर आने वाली एम्बुलेंसों के साथ भी इन रात्रिकालीन गार्ड्स द्वारा अभद्रता की जाती रही है। निजी एम्बुलेंस चालकों से यह चौथा वसूली की करतूतें कल्याण होस्पिटल में कब तक होती रहेंगी? कौन इन पर पाबंदी लगाएगा?
